Remedies For Fissure Pain: फिशर में होने वाले रक्तश्राव और दर्द को दूर करते हैं ये 5 घरेलू नुस्खे
कई बार एनल कैनाल के आसपास के हिस्से में दरारें जैसी बन जाती हैं, इसी को फिशर कहा जाता है। ये दरारें मामूली ये बेहद बड़ी हो सकती हैं।

आमतौर पर लोग गुदा अर्थात एनल संबंधी किसी भी समस्या को बवासीर मान लेते हैं, लेकिन एनल से संबंधित हर समस्या बवासीर नहीं होती है। शायद जिसे आप बवासीर समझने की गलती कर रहे हों, वह एनल फिशर भी हो सकता है। दरअसल कई बार एनल कैनाल के आसपास के हिस्से में दरारें जैसी बन जाती हैं, इसी को फिशर कहा जाता है। ये दरारें मामूली ये बेहद बड़ी हो सकती हैं। बड़ी दरारें होने में इनसे खून भी आ सकता है और ये लगातार होने वाले दर्द, जलन और असहजता का कारण बन सकती हैं। कब्ज से पीड़ित लोगों को इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि कब्ज की स्थिति में कठोर मल गुदा के अस्तर में दरार का कारण बन सकता है। हालांकि सही तरह से साफ-सफाई कर व कुछ घरेलू उपचार की मदद से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। तो चलिये जानें जानें कैसे करें एनल फिशर का घरेलू उपचार।

ऑलिव ऑयल अर्थात जैतून के तेल में स्वस्थ वसा काफी होती है, जोकि मल त्याग को आसान बनाती है। इसके साथ-साथ इसके सूजन व जलन कम करने वाले गुण एनल फिशर का कारण होने वाले दर्द को कम करते हैं। वर्ष 2006 में साइंटिफिक वर्ल्ड जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, एनल फिशर से पीड़ित रोगियों में ऑलिव ऑयल, शहद और मोम के मिश्रण के उपयोग से फिशर का कारण होने वाले दर्द, खून बहने व खुजली आदि लक्षणों में कमी आई।
कैसे करें इस्तेमाल -
समान मात्रा में ऑलिव ऑयल, शहद और मोम को मिला लें।
अब इसे माइक्रोवेव में तब तक गर्म करें, जब तक कि मोम पूरी तरह पिघल न जाए।
इसके ठंडा हो जाने के बाद प्रभीवित क्षेत्र पर इसे लगाएं।
दिन में कई बार इसका उपयोग करें।

एलोवेरा प्राकृतिक चिकित्सा शक्तियां और दर्द से राहत दिलाने वाले गुण होते हैं, जोकि एनल फिशर के लक्षणों कम कर सकते हैं और क्षतिग्रस्त त्वचा ऊतकों की मरम्मत में सहायक होते हैं। साल 2014 में यूरोपियन रिव्यु फॉर मेडिकल एंड फार्माकोलॉजिकल साइंसेज प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि एलोवेरा जूस युक्त टॉपिकल क्रीम, क्रोनिक एनल फिशर के उपचार में लाभदायक थी।
कैसे करें इस्तेमाल -
एक एलोवेरा के पत्ते को काटें और इसके आड़े टुकड़े कर, एक चम्मच की मदद से इसका जेल निकाल लें।
प्रभावित क्षेत्र पर इस जेल को लगाएं।
दिन में कई बार इसका उपयोग करें।

एनल फिशर के कारण होने वाली असुविधा को कम करने और चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिये, हॉट बाथ ली जा सकती है। इससे गुदा क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को सुचारू करने में मदद मिलती है, जिससे मामूली दरारों और ऊतक के विभाजन को ठीक करने में सहायता होती है। यह दर्द, सूजन और खुजली को भी कम करने में मदद करता है।
कैसे करें इस्तेमाल -
एक बड़े बाथ टब को कुनकुने पानी से भर लें।
इसमें लैवेंडर तेल की कुछ बूंदें डालें और अच्छी तरह से मिला लें।
अब 15 से 20 मिनट के लिए कमर के बल बाथटब में बैठें।
इस बाथ में दिन में 2 से 3 बार लें।
नोट - आप चाहें तो साधारण गर्म पानी से भी मल त्याग के बाद सेक ले सकते हैं।

नारियल तेल भी एनल फिशर के लिये एक असरदार घरेलू उपाय है। मध्यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स युक्त नारियल तेल आसानी से त्वचा में प्रवेश कर जाता है, और प्रभावित क्षेत्र को चिकनाई प्रदान कर घाव भरने की प्रक्रिया शुरू कर देता है। गुदा को दबाने वाला अंग (anal sphincter) पर दिन में 2 से 3 बार नारियल तेल लगाएं। क्रोनिक फिशर होने पर इसे दिन में कई बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। अगर आप कब्ज या किसी प्रकार की पाचन समस्याओं से पीड़ित हैं, तो अपने आहार के में नारियल तेल शामिल करने की कोशिश करें।
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