अलसी के तेल के कारगर स्वास्थ्य लाभ
अलसी की तरह अलसी के बीजों में मौजूद ढेर सारा तेल भी अनेक प्रकार की औषधियों का भण्डार है। इस स्लाइड शो के जरिये हम जानेंगे कि अलसी के तेल से किस प्रकार हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।

अलसी की तरह अलसी के बीजों में मौजूद ढेर सारा तेल भी अनेक प्रकार की औषधियों का भण्डार है। इसमें विटामिन ई और ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें अनेकों तत्व जैसे पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लोहा, कॉपर, जिंक, प्रोटीन, विटामिन बी आदि भी पाये जाते हैं। इस स्लाइड शो के जरिये हम जानेगें कि अलसी के तेल से किस प्रकार हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।

अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फैटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 27 प्रतिशत फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं। जिसके कारण अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है। इन्हीं गुणों के कारण अलसी को सुपर स्टार फूड भी कहा जाता है।

डायबिटीज़ के रोगियों के पैर में घाव हो जाते हैं जो जल्दी भरते नहीं हैं, ऐसी स्थिति में अलसी के तेल की मालिश करने से रक्त संचार सुचारू रूप से होता है एवं घाव भी जल्दी भर जाते हैं। साथ ही आग से जले हुए घाव पर इस तेल का फोहा लगाने से जलन और दर्द में तुरन्त राहत मिलती है।

ओमेगा-3 से भरपूर अलसी के तेल से कमजोर कोशिकाओं को भरपूर आक्सीजन मिलने लगता है। इसी कारण से यह हमारी कोशिकाओं में नयी उर्जा भर देता है।

अलसी के तेल का पनीर के साथ इस्तेमाल करने से डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, अर्थराइटिस, हार्ट अटैक, अस्थमा और डिप्रेशन आदि जैसी बीमारियों से राहत पाई जा सकती है। अलसी के तेल का पनीर के साथ उपयोग करने से सल्फर युक्त प्रोटीन मिलता है।

वसा रहित होने के कारण अलसी के तेल से बना खाना दिल के रोगों से दूर रखता है। अलसी का तेल व बीज कोलेस्ट्रोल को कम करने के साथ हृदय संबंधी अन्य रोगों से बचाता है। साथ ही अलसी का तेल एनजाइना व हाइपरटेंशन से भी बचाता है।

हड्डी टूटने के बाद जुड़ने पर भी उस स्थान की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। उस परिस्थिति में अलसी के तेल की लगातार मालिश करने से मांसपेशियां मुलायम हो जाती है।

आयुर्वेद के अनुसार, हर बीमारी की जड़ हमारा पेट है और पेट को साफ रखने में अलसी का तेल इसबगोल से भी ज्यादा प्रभावशाली होता है। पेट से जुड़ी बीमारियां जैसे आई.बी.एस., अल्सरेटिव कोलाइटिस, अपच, बवासीर, मस्से आदि का भी उपचार करती है अलसी।

अलसी का तेल शुगर को नियंत्रित ही नहीं करता, बल्कि मधुमेह के दुष्प्रभावों से सुरक्षा और उपचार भी करता है। अलसी में रेशे भरपूर 27 प्रतिशत परन्तु शुगर की मात्रा मात्र 1.8 प्रतिशत यानी न के बराबर होती है। इसलिए यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह के लिए आदर्श आहार है।

अलसी का तेल खाने की लालसा और चर्बी को कम करती है और शरीर में बी.एम.आर. और शक्ति व स्टेमिना बढ़ाती है। साथ ही इसका सेवन आलस्य दूर और वजन कम करने में सहायता करता है। साथ ही क्योंकि ओमेगा-3 और प्रोटीन मांस-पेशियों का विकास करते हैं अतः बॉडी बिल्डिंग के लिये भी नम्बर वन सप्लीमेन्ट है अलसी।

अलसी तेल के सेवन से झुंझलाहट या क्रोध नहीं आता, मन प्रसन्न रहता है इसलिए इसे फीलगुड फूड भी कहा जाता है। इसके सेवन से सकारात्मक सोच बनी रहती है और आपके तन, मन और आत्मा को शांत और सौम्य कर देती है।

अलसी के शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट ओमेगा-3 व लिगनेन त्वचा के कोलेजन की रक्षा करते हैं और त्वचा को आकर्षक, कोमल, नम, बेदाग व गोरा बनाते हैं। अलसी सुरक्षित, स्थाई और उत्कृष्ट भोज्य सौंदर्य प्रसाधन है जो त्वचा में अंदर से निखार लाता है।
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