बॉडी बिल्डिंग तकनीक

हर बॉडी बिल्डिंग तकनीक का आधार रेसिस्टेंट एक्सरसाइज होती हैं। कई ऐसी तकनीक हैं जो तेजी से मांसपेशियों को मजबूत करती हैं। इन सभी प्रकार की तकनीकों को सहनशक्ति और वेट लिफ्टिंग कैपेसिटी के आधार पर किया जाता है।
टाइम्ड सेट्स

टाइम्ड सेट्स में दोनों कन्सेन्ट्रिक (सकेंद्रित) अप और एक्सेन्ट्रिक (विकेंद्रित) डाउन में मूवमेंट के चरण एक निर्दिष्‍ट समय में करना शामिल होता है। जितने भी समय आप कन्‍सेन्ट्रिक और एक्‍सेन्ट्रिक मूवमेंट करते हैं वह एक ही या फिर अलग प्रकार के हो सकते हैं। कई बार पूरे सेट में लगातार सकारात्‍मक और नकारात्‍मक मूवमेंट भी एक ही या अलग हो सकते हैं।
पार्शियल रेप्स

पार्शियल रेप्‍स तकनीक में पूरे सेट के उद्देश्यपूर्ण प्रस्ताव को आंशिक रेंज के माध्यम से किया जाता है और इसमें ध्यान कन्सेन्ट्रिक या एक्सेन्ट्रिक भाग पर आंशिक या पूर्ण रूप से किया जाता है।
जायंट सेट्स

आमतौर पर जायंट सेट में शरीर के किसी विशेष अंग के लिए विभिन्‍न प्रकार की एक्‍सरसाइज की जाती हैं। इसमें एक्‍सरसाइज थोड़े-थोड़े ब्रेक के साथ की जाती हैं। जायंट सेट मध्‍यम वजन के साथ दो प्रतिनिधि के बीच कम से कम समय के अंतराल के साथ किया जाता है।
फोर्स्ड रेप्स

फोर्स्ड रेप्स ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मसल्‍स ग्रुप का काम करना शामिल है। यह पैस्टफेलियर को मांसपेशियों की पूर्ण संकुचन की अनुमति देता है। इस तकनीक में आपको अपनी सीमा तक पहुंचने में मदद करने के लिए एक साथी की आवश्यकता हो सकती है। लगातार दो सेट करने के बाद अगले सेट को बेहतर करने के लिए और अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है।
सुपर सेट्स

सुपर सेट दो या दो से अधिक शरीर के अंगों के लिए करने वाली एक्‍सरसाइज है। इसे पहले एक अंग के लिए फिर दूसरे अंग के लिए करना चाहिए। इसे आमतौर पर मुख्य सेट के बाद किया जाता है। इसमें शरीर के एक हिस्से की एक्‍सरसाइज करने के बाद दूसरे हिस्‍से की एक्‍सरसाइज उसी तरह की जाती है। यह दोनों मांसपेशी समूहों के बीच तालमेल बनाने में मदद करता हैं।
ट्वेन्टी वन

ट्वेन्‍टी वन तकनीक में तीन प्रभावी गतियों में से एक व्‍यायाम की गति को तोड़ना शामिल है। इसमें आपको लगातार हर मोशन के लिए 7 प्रतिनिधि प्रदर्शन करने की जरूरत होती है और अगले मोशन का पीछा करना होता है।