सूर्य के संपर्क में कम रहें

सन प्रोटेक्शन से बचने का सबसे अच्‍छा विकल्‍प है कि धूप में जाने से परहेज करें। कोशिश करें कि केवल सुबह और शाम के समय ही घर से बाहर जाएं। लेकिन फिर भी अगर आपको जाना पड़ रहा है तो अपनी त्‍वचा और आंखों की रक्षा के लिए कैप लगाएं, पूरी बांह की शर्ट पहने और धूप का चश्‍मा लगाये।
सनस्क्रीन का प्रयोग

सनस्‍क्रीन लोशन गर्मियों में इस्‍तेमाल होने वाला एक उपयोगी उत्‍पाद है, लेकिन इसका सही चुनाव करना बहुत ही महत्‍वपूर्ण होता है। ऐसे सनस्‍क्रीन का प्रयोग करना चाहिए जिसमें जिंक, टाइटेनियम डाइऑक्‍साइड, अवोबेन्शोने और मेक्‍सोय्ले एसएक्‍स कंपाउंड हो। यह सभी प्रकार के कंपाउंड त्‍वचा में अब्‍जोर्व न होकर आपकी त्‍वचा पर रहेंगे।
एसपीएफ 50 से कम रीअप्लाइ

एसपीएफ 50+ से ऊपर आपको सुरक्षा के झूठे वादे करता है। आप केवल एक ही बार त्‍वचा पर एसपीएफ से ऊपर लगा कर लंबे समय तक धूप में नहीं रह सकती। नियमित रूप से त्‍वचा पर एसपीएफ 50+ से कम लगाए और सुनिश्चित करें कि इसको त्‍वचा पर रीअप्‍लाइ करें।
पूल में वॉटर रेसिस्टेंट प्रोटेक्शन का प्रयोग

तैराकी और एक्‍सरसाइज करते समय, पानी और पसीना आपके सनस्‍क्रीन लोशन के असर को कम कर देता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि एक्‍सरसाइज और तैराकी करते समय वॉटर रेसिस्‍टेंट सनस्‍क्रीन का प्रयोग करें। इस तरह का सनस्‍क्रीन सुरक्षा की अवधि को बढ़ा देता हैं।
विटामिन ए युक्त सनस्क्रीन से बचें

हाल के अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन ए का त्वचा पर प्रयोग ट्यूमर और घावों के जोखिम को बढ़ा सकता है। साथ ही ओक्‍सीबेनजोन से युक्‍त सनस्‍क्रीन को लगाने से भी बचना चाहिए। इसमें सिंथेटिक एस्‍ट्रोजन होता है जो सीधे त्वचा में अब्‍जोर्ब होकर नॉर्मल हार्मोन बैलेंस को बिगाड़ देता है।
अच्छे मौसम में सनस्क्रीन

यूवीए किरणें बादलों के बीच से भी आपकी त्‍वचा को जला सकती है। इसलिए यह सुनिश्चित कर लें कि बादल होने पर भी सनस्‍क्रीन लोशन का उपयोग करें।
शिशुओं पर सनस्क्रीन का प्रयोग न करें

शिशुओं की त्‍वचा बहुत ही नाजुक होती हैं इसलिए उनकी त्‍वचा पर सनस्‍क्रीन लोशन नहीं लगाना चाहिए। छह माह से कम उम्र के बच्‍चों को प्राथमिक बचाव के लिए कवर करके ले जाना चाहिए क्‍योंकि उनकी त्वचा यूवी क्षति से बचने के लिए परिपक्व नहीं होती।
स्प्रे और पाउडर का प्रयोग न करें

सनस्‍क्रीन को स्प्रे और पाउडर के रूप में इस्‍तेमाल करने से पहले थोड़ा सा बूंदों के रूप में हवा में छोड़ देना चाहिए। सीधे अपनी त्‍वचा पर इस्‍तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता हैं।