अन्य देशों में प्रतिबंधित दवाएं भारतीय बाजारों में मौजूद
हर देश प्रतिबंधित दवाओं की एक सूची तैयार करता है, लेकिन कई दवाएं ऐसी हैं जो बाहर के देशों में प्रतिबंधित हैं लेकिन भारत में धड़ल्ले से बिक रही हैं।

प्रत्येक देश की एक प्रतिबंधित दवाओं की सूची होती है, हालांकि यह चिंता की बात है कि अपने प्रतिकूल प्रभावों के चलते दूसरे कई देशों में प्रतिबंधित कुछ दवाएं भारतीय बाजार में अभी भी उपलब्ध हैं। लोग बिना किसी खतरे का आभास हुए इन दवाओं को ले सकते हैं। यदि इन दवाओं पर सावधानी का एक नोट हो तो इन दवाओं को लेने का सही निर्णय लेने में रोगियों में काफी मदद मिल सकेगी। इन दवाओं में से कुछ निम्न प्रकार से हैं।
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फेनीलप्रोपेनोलामिन नाम की यह दवा सर्दी और खांसी को ठीक करने के लिए दी जाती है। हालांकि कई देशों ने इसे इसलिए प्रतिबंधित किया है क्योंकि इसके सेवन से स्टोक का खतरा हो सकता है।
ब्रांड का नाम: विक्स एक्शन - 500
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एनलजिन एक पेनकिलर है। कई देशों में एनलजिंन की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध है, क्योंकि उनका मानना है कि एनलजिंन लेने से अस्थि मज्जा अवसाद (Bone marrow depression) हो सकता है। हालांकि भारत में भी इस मेडिसिन पर प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इसका सेवन करते हैं।
ब्रांड का नाम: नोवालजिंन
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सिसप्राइड नाम की इस दवा को अम्लता, कब्ज (एसिडिटी, कांस्टीपेशन) के इलाज के लिये दिया जाता है। हालांकि कई देशों में इसके सेवन से दिल की धड़कन अनियमित हो जाने की आशंका के चलते इसे प्रतिबंधित किया है।
ब्रांड का नाम: सइज़ा, सिसप्राइड
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ड्रोपरिडोल एक अवसाद विरोधी दवा है। लेकिन कई देशओं में इसके खरीददारी और बिक्री पर रोक लगी है। ऐसा माना जाता है कि ड्रोपरिडोल के सेवन से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है।
ब्रांड का नाम: ड्रोपरोल
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बाजार में यह डीनजिट, प्लेसिडा, फ्रैंक्सिट जैसे ब्रांडों के साथ मौजूद है। तनाव के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इसे प्रयोग करने के बाद खुजली या कई अन्य साइड इफेक्ट हो सकते हैं जिसके कारण डेनमार्क, ब्रिटेन, यूरोपियन देशों, कनाडा, जापान आदि देशों में इस दवा पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
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फ्यूरोज़ोलिडोन एक एंटीडाइरियल दवा है। अतिसारजनक स्थिति में इस दवा को दिया जाता है, हांलाकि कई दोशों में इस दवा पर इस लिए प्रतिबंध है कयों कि इसके सेवन से कैंसर हो सकता है।
ब्रांड का नाम: फुरोक्सोन, लोमोफेन
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लेट्रोजॉल भारत में लेट्रोज, लेटोवल ब्रांड के नाम से बेची जाती है। इसे फीमेल इनफर्टिलिटी के इलाज के लिए मंजूरी मिली हुई है। हालांकि दुनिया के कई देशों में लेट्रोजॉल प्रतिबंधित दवा है, लेकिन भारत में इसकी बिक्री की अनुमति है। गौरतलब है कि भारत में लेट्रोजॉल का सालाना कारोबार लगभग 45 करोड़ रुपये का है।
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नीमेसुलाइड एक पेनकिलर दवा है, जिसे नसों में दर्द को खतम करने के लिए दिया जाता है। लेकिन कई दोशों ने इसे इसलिए प्रतिबंधित किया हुआ है क्योंकि यह लीवर के लिए घातक हो सकती है।
ब्रांड का नाम: नाइस, निमुलेड
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डायविस्टा, पायग्लार, पायोग्लिट, पायोज, पियोजोन जैसे नामचीन ब्रांडों वाली ये दवा बाजार में धडल्ले से उपलब्ध है। यह मधुमेह के इलाज के दौरान प्रयोग की जाती है। इसके कारण ब्लैडर कैंसर हो सकता है, इसके अलावा दिल की विफलता की संभावना बन सकती है। गौरतलब है कि फ्रांस और जर्मनी में यह दवा प्रतिबंधित है।
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