शरीर से यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने के लिए खाएं ये 7 फूड
यूरिक एसिड क्रिस्टल किडनी में पत्थर के रूप में या जोड़ों के भीतर जमा होकर गठिया का रूप ले लेता है, और आसपास के ऊतकों में दर्द और सूजन का कारण बनता है, लेकिन कुछ आवश्यक जड़ी बूटियों के सेवन से इस समस्या से बचाव हो सकता है।

हमारे शरीर में प्यूरिन के टूटने से यूरिक एसिड बनता है। यह ब्लड के माध्यम से बहता हुआ किडनी तक पहुंचता है। वैसे तो यूरिक एसिड यूरीन के रूप में शरीर के बाहर निकल जाता है। लेकिन, कभी-कभी यह शरीर में ही रह जाता है और इसकी मात्रा बढ़ने लगती है। यह परिस्थिति शरीर के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। यूरिक एसिड की उच्च मात्रा के कारण गठिया जैसी समस्या से आप पीड़ित हो सकते है। इसलिए यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करना आवश्यक होता है। कुछ हर्ब्स शरीर से यूरिक एसिड क्रिस्टल को दूर करने में प्रभावी होते हैं। आइए ऐसे ही कुछ फूड के बारे में जानकारी लेते हैं।

नींबू पानी यूरिक एसिड के कारण होने वाली गठिया की समस्या और शरीर के अंदर कैल्शियम कार्बोंनेट के गठन को प्रेरक करने वाली भड़काऊ प्रतिक्रिया को रोकने में मदद करता है। कैल्शियम कार्बोंनेट ब्लड में एसिड को कम करने में मदद करता है। साथ ही ताजा नींबू पानी विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है जो जोड़ों के आस-पास संयोजी ऊतकों को मजबूत और तेज यूरिक एसिड क्रिस्टल से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड क्रिस्टल के लिए विलायक का काम करता है और इनको खत्म करके सीरम यूरिक एसिड स्तर को कम करता है।

बरडॉक रूट तीव्र अर्थराइटिस और अर्थराइटिस के किसी भी प्रकार के लिए एक प्रमुख पारंपरिक हर्बल उपचार है। बरडॉक रूट में खून से विषाक्त पदार्थों को साफ करने, मूत्र को उत्सर्जन को बढ़ावा देने और गाउट क लिए एक प्रभावी लोकप्रिय उपाय माना जाता है। समस्या होने पर आप 20 से 30 बूंदें बरडॉक रूट की थोड़े से पानी में एक दिन में तीन से चार बार लेना चाहिए।
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एक प्राकृतिक क्लीन्जर और और डेटॉक्सिफायर होने के कारण एप्पल साइडर सिरका शरीर से विषैले तत्व जैसे यूरिक एसिड को हटाने में मदद करता हैं। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेंटरी गुणों के कारण यह शरीर में क्षारीय एसिड संतुलन को बनाये रखने में मदद करता है। इसके अलावा सेब का सिरका ब्लड का पीएच वॉल्यूम को बढ़ाकर यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है। पर सेब का सिरका कच्चा, बिना पानी मिला और बिना पाश्चरीकृत होना चाहिए। एक गिलास पानी में सेब साइडर सिरके की एक चम्मच मिलाकर दिन में दो से तीन बार लें।
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अल्फा-अल्फा कई प्रकार के विटामिन और मिनरल का समृद्ध स्रोत है, लेकिन यह सीरम यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता हैं। इसके अलावा अल्फा-अल्फा में एक पॉवरफुल अल्कलीजिंग गुण भी है, जो पीएच स्तर को बढ़ाकर यूरिक एसिड क्रिस्टल को शरीर से दूर करता है। यह गठिया की समस्या को रोकने का एक कारगर उपाय है। इसका सेवन बीज, पत्ते या गोलियों के रूप में किया जा सकता है।

ताजी काली चेरी और चेरी का जूस यूरिक एसिड से होने वाली गठिया या किडनी स्टोन की समस्या में सबसे लोकप्रिय उपचार है। ब्लैक चेरी यूरिक एसिड के सीरम स्तर को कम कर जोड़ों और किडनी से क्रिस्टल को दूर करने में मदद करता है। नींबू पानी और अल्फा-अल्फा की तरह खट्टी चेरी में भी अल्कलीजिंग गुण होते हैं। इसके अलावा ब्लैक चेरी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण भी होते हैं जो यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं।

अधिकांश वेजिटेबल ऑयल गर्म या संसाधित होने पर बासी फैट में बदल जाते हैं। और बासी फैट शरीर में महत्वपूर्ण विटामिन ई को नष्ट कर देता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होता है। इसलिए वेजिटेबल ऑयल के स्थान पर ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें। ऑलिव ऑयल में मोनोअनसचुरेटेड फैट गर्म करने के बाद भी मौजूद रहे है। इसके अलावा, ऑलिव ऑयल में विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण भी होते हैं।
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