भावनात्मक अनुभवों से जुड़े दर्द

दर्द के कई प्रकार होते हैं, पहला ऊर्जा से होता है, दूसरा अनुभूति से और तीसरा अभिव्यक्ति के कारण। हमारे शरीर के स्रोत में हर समारोह एक विशिष्ट भावना से होकर गुजरता है, जो कि हमें हमें बताता है कि क्या हुआ है और दर्द क्यों हो रहा है। कई प्रकार के दर्द विशिष्ट भावनात्मक अनुभवों को प्रभावित करते हैं। हमारे अनुभव हमारे शरीर और दिमाग़ से होकर गुजरते हैं और और जब हम तनाव में होते हैं तो हमारा शरीर बताता है कि वास्तव में समस्या क्या है। हमें जरूरत होती है तो केवल इन संकेतों को डीकोड करने की। तो चलिये कुछ ऐसे दर्द के प्रकार जो विशिष्ट भावनात्मक अनुभवों से संबंधित होते हैं। Images source : © Getty Images
मसूड़े का दर्द

कई बार मसूड़े का दर्द भविष्य में आपके द्वारा लिये जाने वाले निर्णयों से जुड़ा होता है। आप अपने द्वारा लिये गये फैंसलों पर भी कायम नहीं रह पाते हैं। जो कोई भी काम आप शुरू करते हैं वो अजीब सा लगने लगता है और थकान भी महसूस होती है। Images source : © Getty Images
सिर का दर्द

सिरदर्द निर्णय लेने की क्षमता को कमज़ोर करता है। तो सिरदर्द होने पर खुद पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिये और थोड़ा आराम करने के बाद, जब आपका तनाव कम हो जाए तब किसी निर्णय को लेना चाहिये। Images source : © Getty Images
गर्दन का दर्द

गर्दन का दर्द बताता है कि आप दूसरों को और खुद को माफ करने में मुश्किल महसूस कर रहे हैं। तो जब गर्दन का दर्द हो तो अपने से व और लोगों से जुड़ी अच्छी और खुश करने वाली बातों के बारें में सोचिये। Images source : © Getty Images
कंधों का दर्द

कंधों का दर्द इशारा करता है कि आप अपने साथ भावनात्मक बोझ लेकर घूम रहे हैं। यही कारण है कि 'कंधों पर बोझ' की कहावत भी बनी है। कंधे का दर्द होने पर कुछ सक्रिय समस्याओं को विवेक के साथ सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करें। Images source : © Getty Images