गर्भधारण से बचने के विभिन्न तरीके

अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोध के तरीके आजमाये जाते हैं। इन्हें अपनाकर महिला न केवल अनचाही प्रेग्नेंसी से बचती है बल्कि परिवार नियोजन के लिए भी यह एक कारगर तरीका है। कई बार अनजाने में महिलायें अनचाहे गर्भधारण का शिकार हो जाती हैं। इसलिए जरूरी है आप ऐसे उपायों को जानें जो अनचाहे गर्भ को ठहरने से रोकता हो।

गर्भधारण करने से बचने के लिए बाजार में कई प्रकार की गर्भनिरोधक गोलियां मौजूद हैं। जिनका सेवन करने से अनचाहा गर्भ नही ठहरता है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने के 72 घंटे के भीतर इन गोलियों का सेवन करने से गर्भधारण की संभावना कम होती है। इस गोली को खाने के बाद लेना सही रहता है। खाली पेट खाने उल्टी हो सकती है। अगर गोली खाने के तीन घंटों में ही आपको उल्टी आ जाती है, तो जल्द से जल्द दूसरी गोली ले लीजिए। इस गोली का ज्यादा सेवन करने से बाद में गर्भधारण करने में दिक्कत हो सकती है, इसलिए इन गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक प्रयोग करने से बचें।

अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए नसबंदी करायें, न केवल महिला बल्कि पुरुष भी नसबंदी करा सकते हैं। पुरुष नसबंदी को वैसेक्टोमी भी कहा जाता है। पुरुष नसबंदी में शुक्राणुओं को ले जानी वाली नलियों को बंद कर दिया जाता है। आप इसे कराने के बाद भी सामान्य तरीके से वीर्यपात करते हैं, किंतु उस वीर्य में डिंब को निषेचित करने के लिए कोई शुक्राणु नहीं होते। यह गर्भनिरोध का एक स्थायी उपाय है और इसका कोई भी साइड इफेक्ट नही होता है। नसबंदी के बाद गर्भधारण करने की संभावना न के बराबर होती है।

गर्भधारण से बचने के लिए कॉपर-टी भी बहुत ही कारगर तरीका है। गर्भ को रोकने के लिए इसकी सफलता की दर काफी अधिक है। यह 10 साल तक के लिए प्रभावी है। यह एक छोटे टी के आकार का प्लास्टिक होता है जिसे महिला के गर्भाशय में लगा दिया जाता है। इसे कॉपर आईयूडी भी कहते इसका अर्थ है इंट्रायूटेरिन डिवाइस, अर्थात गर्भाशय में लगाया जाने वाला उपकरण। इसे तांबे के तार के एक छल्ले में लपेटा गया होता है।

यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का प्रयोग करने से अनचाहा गर्भ नही ठहरता है। लेकिन कंडोम का प्रयोग करने से पहले उसके सही ढंग से प्रयोग के बारे में जानकारी होना जरूरी है। अगर कंडोम सही तरीके से नहीं पहना है तो यह सेक्स के बीच में ही फट जाता है, जिससे महिला गर्भवती हो सकती है। इसलिए यौन संबंध बनाने से पहले कंडोम के सही उपयोग की जानकारी ले लें। आजकल बाजार में महिला और पुरुष दोनों प्रकार के कंडोम मिलते जो अनचाहे गर्भ से बचाते हैं।

यह हार्मोनयुक्त एक छोटी छड़ होती है, जिसे महिला की बांह की चमड़ी के नीचे डाल दिया जाता है। इसे 3-5 साल के लिए डाला जाता है। इम्प्लांट कराने के बाद यह लगातार प्रोजेस्टॉन हार्मोन निकालता रहता है जो महिला को गर्भवती होने से बचाता है। यह हार्मोन महिला की गर्भग्रीवा (सर्विक्स) के चारों तरफ के म्यूकस को गाढ़ा कर देता है, जिसके कारण शुक्राणु इसके पार नहीं जा सकते। हार्मोन की मात्रा के अनुसार, यह आपके अंडाशय से डिंब का उत्पादन भी बंद कर सकता है। इम्प्लांट्स, इम्प्लानान, नॉरप्लांट और जैडेल ब्रांड नाम से जाने जाते हैं। हालांकि गर्भनिरोधक का यह तरीका अभी भारत में आसानी से उपलब्ध नहीं है।

अनचाहे गर्भ से बचने के लिए यह एक कारगर तरीका हो सकता है। आप ओव्यूलेशन के दौरान महिला मित्र से यौन संबंध बनाने से बचें। ओव्यूलेशन का समय मासिक धर्म शुरू होने के 7वें से 16वें दिन तक होता है। यदि इस दौरान आप यौन संबंध न बनायें तो महिला के गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए इस समय के बारे में अपने पार्टनर से बात करें और यौन संबंध बनाने से बचें।

इसे कंबाइंड शॉट भी कहते हैं, इसके जरिये भी गर्भधारण करने से बचा जा सकता है। यह सूई एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन नाम के दो अलग-अलग हार्मोन की सूई है। इन सूइयों को हर महीने लेना हो़ता है। यह अंडाशय से डिंब का निकलना बंद कर देता है, जिससे आप अनचाहे गर्भधारण से बच सकती हैं।

यह एक प्लास्टिक का छल्ला होता है, जिसे महिलायें अपनी योनि के अंदर रखती हैं। यह लगातार एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन हार्मोन निकालता रहता है। ये हार्मोन आपके शरीर में डिंब का उत्पादन बंद कर देते हैं, इसलिए आप गर्भवती नहीं हो सकती हैं। यह रिंग लगभग 5 से.मी. की होती है और लचीले प्लास्टिक की बनी होती है। इसे आप, खुद से योनि के अंदर रख सकती हैं और उसे तीन हफ्ते तक छोड़ सकती हैं। इसे आप सेक्स के दौरान भी रख सकती हैं।
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