जानें क्या है रेड मीट और व्हाइट मीट के बीच का फर्क

रेड मीट और व्हाइट मीट। दोनों मांसाहार होने के बावजूद दोनों में पाए जाने वाले तत्वों में जमीन-आसमान का फर्क होता है। सबसे पहले तो यह जानना दिलचस्प होगा कि आखिर रेड मीट को रेड मीट क्यों कहा जाता है और इसी तरह व्हाइट मीट, व्हाइर्ट मीट क्यों कहलाता है?

Meera Roy
Written by:Meera RoyPublished at: Jul 05, 2017

रेड मीट और व्हाइट मीट

रेड मीट और व्हाइट मीट
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रेड मीट और व्हाइट मीट। दोनों मांसाहार होने के बावजूद दोनों में पाए जाने वाले तत्वों में जमीन-आसमान का फर्क होता है। सबसे पहले तो यह जानना दिलचस्प होगा कि आखिर रेड मीट को रेड मीट क्यों कहा जाता है और इसी तरह व्हाइट मीट, व्हाइर्ट मीट क्यों कहलाता है? फिटडे के मुताबिक रेड मीट में वास्तव में मायोग्लोबिन की मात्रा ज्यादा होती है। यह एक किस्म के सेल्स होते हैं जो कि मसल्स में आक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं। यही कारण है कि रेड मीट ब्रेस्ट मीट की तुलना में ज्यादा डार्क होते हैं। रेड मीट में बीफ, पोर्क और लैम्ब शामिल होते हैं। इसके इतर व्हाइट मीट को पोल्ट्री मीट भी कहा जाता है क्योंकि यह सामान्यतः चिकन को ही इंगित करते हैं।

फैट

फैट
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रेड मीट और व्हाइट मीट का सबसे बड़ा फर्क दोनों में मौजूद फैट की मात्रा है। व्हाइट मीट में प्रोटीन कम मात्रा में पायी जाती है। जबकि इसमें फैट भी बहुत कम होता है। लेकिन रेड मीट व्हाइट मीट से बिल्कुल अलग होता है। इसमें काफी ज्यादा फैट होता है बल्कि अगर कहें कि यह फैट का बेहतरीन स्रोत है तो गलत नहीं होगा। रेड मीट अच्छी मात्रा में विटामिन जैसे कि आयरन, जिंक, विटामिन बी भी मौजूद होते हैं। रेड मीट में पाए जाने वाले आयरन को हेमे आयरन के नाम से जाना जाता है। हमारे शरीर द्वारा इसे आसानी से अब्जार्ब कर लिया जाता है। जबकि सामान्य आयरन जो कि हरी सब्जियों में पाया जाता है, उसे हजम करना थोड़ा मुश्किल होता है।

एनर्जी

एनर्जी
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ओरिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि रेड मीट में विटामिन बी पर्याप्त मात्रा में होती है। विटामिन बी एनर्जी का बेहतरीन स्रोत है। अतः जो महिलाएं स्पोर्ट्स या अन्य शारीरिक गतिविधियों में संलग्न रहती हैं, वे चाहें तो रेड मीट अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। इससे उन्हें एनर्जी मिलती है। लेकि व्हाइट मीट में इससे अलग है। 100 ग्राम चिकन मीट में 197 कैलोरी पाई जाती है। जानकारियों की मानें तो व्हाइट मीट में रेड मीट की तुलना में कम विटामिन होती है।

मसल्स

मसल्स
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100 ग्राम रेड मीट के जरिए आपको 21 ग्राम प्रोटीन मिल सकता है। लेकिन बीफ के जरिए हासिल किया गया प्रोटीन का आपका शरीर महज 74 फीसदी ही अब्जोर्ब कर पाता है। जबकि व्हाइट मीट यानी चिकन में पाया जाने वाला प्रोटीन का आपका शरीर 80 फीसदी तक अब्जोर्ब करता है। असल में चिकन, बीफ की तुलना में आसानी से हजम किया जा सकता है।

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