भावनात्मक शोषण से कैसे निपटें
एब्यूज और इससे निपटने के तरीकों के बारे में हर व्यक्ति को (खासतौर पर पैरेंट्स को) पता होना चाहिए, तभी वे अपने बच्चों को और खुद को इसके प्रति सर्तक कर पाएंगे और इसस समस्या का बेहतर ढ़ंग से सामना कर पाएंगे।

शोषण के बारे में बात करते वक्त हमारे ज़ेहन में सिर्फ शारीरिक शोषण आता है। शारीरिक शोषण जैसे कि चोट पहुंचाना या यौन शोषण करना। भावनात्मक शोषण अर्थात इमोशनल एब्यूज वो होता है, जब कोई अपने शब्दों से या गुस्सा दिखाकर, धोका देकर या बुरे व्यवहार से आपको तकलीफ पहुंचाता है, या आप पर आपना नियंत्रित करने की कोशिश करता है। बच्चों के साथ भी इमोशनल एब्यूज होता है, जिसमें बच्चे को कई बार डराकर या धमकाकर ब्लैकमेल किया जाता है और भावुक होकर बच्चे चुप रह जाते है।
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इमोशनल एब्यूज के अंतर्गत लगातार कोसना, दोष देना, ताने मारना, बात-बात पर चिल्लाना, भावनात्मक तौर पर आपसे खुद को दूर रखना, आपके शरीर को लेकर बुरी टिप्णिंया करना, आपकी जाति, लिंग, उम्र या व्यक्तिगत बातों के आधआर पर मज़ाक उड़ाना, घरेलू हिंसा, आपको मारने की धमकी देना आदि व्यवहार आते हैं, जो आगे चलकर शारीरिक शोषण में बदल जाते हैं, इसीलिए इससे पहले कि हालात बिगड़ जाएं, मदद लेनी चाहिए।
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नेक्स्टस्टे ऑफ सेंट्रल लुइसियाना ने डेटिंग एब्यूज पर एक रिसर्च की, जिसमें अमेरिका के कई नामी स्कूलों के स्टूडेंट्स को शामिल किया गया। इसमें 80 प्रतिशत छात्रों ने माना कि डेटिंग वायलेंस एक बेहद गंभीर मुद्दा है। 24 प्रतिशत छात्रों ने माना कि वे कभी ना कभी एब्यूसिव रिलेशनशिप में रह चुके हैं। 63 प्रतिशत लड़कियां चाहती थीं कि एब्यूशिप डेटिंग से निपटने के लिए हेल्प लाइन शुरू की जाए और 16 प्रतिशत लड़कियों ने माना कि वे एब्यूसिव रिलेशनशिप में हैं और चाहकर भी इससे बाहर नहीं आ पा रही हैं।
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इमोशनल एब्यूज से निपटने के लिए सकारात्मक सोच रखते हुए रिश्ते में कड़वाहट आने दिए बिना अपने साथी के साथ नए सिरे से जिंदगी बिताने के लिए तैयार रहें। उससे खुल कर बात करें और समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करें।
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अपने प्रति होने वाले व्यवहार के बारे में अपनी नजदीकी दोस्त या रिश्तेदार को बताने में हिचकिचाएं नहीं। जिन लोगों पर आप विश्वास करती हैं, उनका ऐसे समय में प्यार व समर्थन पाना आपके लिए आवश्यक है। हो सकता है कि वे ही आपको इसका कोई निदान बता दें।
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मानसिक यातना देने वाले साथी की मनोस्थिति को समझें। जानें कि वह आपसे किस बात से नाराज या नाखुश रहता है। समझने की कोशिश करें कि वह आपसे जो अपेक्षाएं रखता है वे अवास्तविक तो नहीं है। अगर ऐसा है तो आराम से बैठकर उन्हें समझाने का प्रयास करें।
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इस समस्या से निपटने के लिए किसी अन्य माध्यम की तलाश करें। अपनी भावनाओं, क्रोध व दर्द को व्यक्त करने के लिए कोई माध्यम ढूंढें। लिखना, पेंटिंग करना, संगीत या नृत्य जैसे शौक अपनाने से आपको राहत महसूस होगी। इससे आपके दिमाग से दर्द और तनाव हट जाएगा और साथी के साथ बिताए हुए खुशनुमा पलों को आप याद कर पाएंगी।
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कई बार जो इंसान इमोशनल एब्यूज कर रहा होता है, उसे इस बात का आभास नहीं होता है। बस ऐसा करना उसके व्यवहार का हिस्सा होता बन जाता है। ऐसे में उसे आभास कराएं कि उसके इस तरह व्यवहार करने से आपको कितना दुख होता है और यह सही नहीं है।
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अत्याचार सहते रहने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की कमी होने लगती है, लेकिन ऐसे में अपने आत्मसम्मान व आत्मविश्वास को बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। ऐसी गतिविधियां करें जिनसे आपको खुशी मिलती है। अपनी प्रकिभाओं और योग्यता पर विश्वास रखें। क्योंकि आपके साथ बुरा व्यवहार करने वाला इंसान इस योग्य नहीं है कि वह आपकी योग्यताओं को समझ सके।
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खुद से प्यार करें और सबसे अहम अपने सम्मान के साथ समझोता न करें। अगर हमेशा खुद में ही गलतियां व कमियां ढूंढ़ते रहेंगे तो नकारात्मकता के सिवाय कुछ हासिल नहीं होगा। अगर आपका साथी किसी तरह से भी समझने को तैयार न हो तो काउंसलर की मदद लें।
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