हाथ न धोने के जोखिम जानते हैं आप !
हाथ न धोने से कई गंभीर बीमारियां, जैसे फ्लू, स्वाइन फ्लू, सर्दी-जुकाम, उल्टी-दस्त, पेट की बीमारियां, डायरिया, ई कोलाई विषाक्तता, साल्मोनेला विषाक्तता तथा कई अन्य रेस्पेरेट्री इंफेक्शन हो सकते हैं।

हाथ न धोने से हो सकती है बीमारियां
हाथ न धोने से कई गंभीर बीमारियां हमें अपनी गिरफ्त में ले सकती हैं (विशेषतौर पर बच्चों को)। इसके कारण फ्लू, स्वाइन फ्लू, सर्दी-जुकाम, उल्टी-दस्त, पेट की बीमारियां, गले में संक्रमण, श्वास नली का संक्रमण तथा कई अन्य संक्रामक बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन इनसे बचने के लिए सिर्फ हाथ धोना ही काफी नहीं, इसके लिए सही से हाथ धोना चाहिए ताकि कीटाणु खत्म हो सकें। तो चलिये जाने की हाथ न धोना हमारे लिए किस-किस तरह से जोखिम भरा साबित हो सकता है।
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सिर्फ हाथ धोना काफी नहीं
सिर्फ हाथ धोना ही काफी नहीं होता, सही तरीके से हाथ धोना और उन्हें साफ बनाए रखना भी जरूरी होता है। कई लोग हाथ धोने के नाम पर केवल अंगुलियों के पोर भिगो लेते हैं और सोचते हैं कि हाथ धुल गये हैं। हाथ तभी साफ होते हैं जब उन्हें साबुन से अच्छी प्रकार मल-मल कर दो मिनट तक धोया जाए। बार-बार गलत तरीके से हाथ धोने से जीवाणुओं की प्रतिरोधक क्षमता दोबारा विकसित होती रहती है और फिर साबुन में मौजूद जीवाणुरोधी रसायन उन पर असर नहीं कर पाते।
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डायरिया
स्वच्छता न अपनाने और हाथों को साफ नहीं रखने से लाखों लोग मौत के शिकार होते हैं। संस्था वाटर एड नामक संस्था के अधिकारियों के अनुसार, 2011 में जनगणना के बाद जारी हुए आंकड़े बताते हैं कि देश में गंदगी से विभिन्न बीमारियों के शिकार होकर पांच साल की उम्र तक के लगभग 35 लाख बच्चे प्रतिवर्ष असमय मौत का शिकार हो रहे है।
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निमोनिया और अन्य रेस्पेरेट्री इंफेक्शन
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के हिसाब से पांच से से कम उम्र के लगभग 2.2 लाख बच्चे हर वर्ष डायरिया रोग तथा निमोनिया से मर जाते हैं। ये दो रोग पूरी दुनिया के बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा हैं और साफ-सफाई न रखने व हाथ न धोने के कारण अधिक फैलते हैं।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दस्त लगने से हर साल 2 लाख बच्चे मर जाते हैं, जिनमें से हर पांचवा बच्चा भारतीय होता है। साबुन से हाथ धोकर इन भयावह आंकड़ों को कफी हद तक कम किया जा सकता है।
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हाथ धोने से कम हो सकती हैं मौतें
लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के अनुसार हाथ धोकर डायरिया का खतरा 47 प्रतिशत कम किया जा सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार साबुन से हाथ धोकर डायरिया से ग्रस्त 3 में से 1 बच्चे को तथा रेस्पेरेट्री इंफेक्शन जैसे निमानिया से ग्रस्त 6 में से 1 बच्चे को बचाया जा सकता है।
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ई कोलाई विषाक्तता (E. coli Poisoning)
टॉयलेट उपयोग करने के बाद हाथों को न धोने (ठीक प्रकारसे न धोने) से ई कोलाई का प्रसार हो सकता है। ई कोलाई बैक्टीरिया किसी संक्रमित व्यक्ति के दूषित मल से फैलता है। यदि संक्रमित व्यक्ति टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद ठीक से हाथ नहीं धोता है तो ई कोलाई बैक्टीरिया टॉयलेट तथा अन्य लोगों में फैल सकता है। इस बैक्टीरिया से गंभीर दस्त और एक सप्ताह के लिए पीड़ादायक ऐंठन हो सकती है।
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साल्मोनेला विषाक्तता (Salmonella Poisoning)
कच्चे चिकन (मांस) को गंदे हाथों से छूने पर उसमें साल्मोनेला विषाक्तता हो सकती है। और फिर इस संक्रमित चिकन को खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। साथ ही अन्य खाद्य पदार्थ भी विषाक्तता से प्रभावित हो सकते हैं। संक्रमित होने पर किसी व्यक्ति को पेट दर्द, दस्त व कभी-कभी मतली और उल्टी भी हो सकते हैं।
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आंखों व त्वचा के संक्रमण
लोग अक्सर दिन भर अपने बिना धुले, काटाणु भरे हाथों से अपनी आंखें, नाक और मुंह को छूते रहते हैं, और उन्हें इस बात को कोई अंदाजा भी नहीं होता। जिस कारण आंख, नाक व मुंह से होकर हाथों के कीटाणु शरीर के भीतर चले जाते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं।
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