ग्लूटेन-फ्री आहारों के सेवन से नुकसान

सीलिएक से पीड़ित लोगों को गेहूं, जौ और ओट्स में मौजूद ग्लूटेन नामक प्रोटीन से एलर्जी होती है। ऐसे लोगो की शरीर का इम्यून रिस्पांस छोटी आंत में सूजन का कारण बनता है। ग्‍लूटेन मुक्त आहार का प्रयोग सीलिएक के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। ग्‍लूटेन मुक्त आहार सीलिएक के लक्षण और लक्षणों को नियंत्रित और जटिलताओं को रोकने में मदद करता है। लेकिन इसका सेवन सभी को नहीं करना चाहिए। इसके कुछ साइड-इफेक्ट भी होते हैं। image source-getty
कम नहीं होता वजन

ये सही है कि ग्लूटेन फ्री आहारों के सेवन से वजन घटता है। लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से आहारों का सेवन किया जा रहा है।उदाहरण के तौर पर गेंहू के आटे की जगह आलू के स्टार्च का प्रयोग वजन नहीं कम करता बल्कि व्हाइट ब्रेड की जगह हाई फाइबर वाले आहारों का सेवन वजन कम करने में मदद करता है।वजन कम होने का मुख्य कारण केवल ग्लूटेन फ्री आहारों का सेवन करना नहीं होता है। इसके लिए हाई कैलोरी और हाई फैट आहारों के सेवन को कम करना पड़ता है। image source-getty
ऊर्जा का स्तर बढ़ने की पुष्टि नहीं

ऐसे माना जाता है कि ग्लूटेन फ्री आहारों के सेवन से ऊर्जा का स्तर भी बढ़ जाता है। हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं है। यहां एक संभावना है कि व्यक्ति आवश्यक मात्रा में फल और सब्जी का सेवन कर रहा हो जिससे उसको ऊर्जा मिल रही हो। इसका ग्लूटेन फ्री आहारों के सेवन से शायद कोई संबंध ना हो। किसी भी शोध में यह नहीं बताया गया है कि ग्लूटेन फ्री आहारों से ऊर्जा के स्तर में बढ़ोत्तरी होती है। image source-getty
आवश्यक पोषण की कमी

ग्लूटेन फ्री आहारों के सेवन से शरीर को जरूरी लौह, कैल्शियम, थाइमिन, रिबोफ्लाविन आदि जैसे पोषक तत्व नहीं मिल पाते है। फलों और सब्जियों के अलावा आवश्यक फाइबर साबुत अनाज से मिलता है, जिसमें ग्लूटेन पाया जाता है। अगर ऐसे आहारों का सेवन नहीं करेंगे तो शरीर में फाइबर की कमी हो जाएगी। जिससे अच्छे बैक्टीरिया जैसे बाईबैक्टीरियम और लैक्टोबैसीलिस का स्तर कम हो जाता है।image source-getty
मंहगा

ग्लूटेन फ्री आहारों का सेवन एक मंहगा सौदा होता है। पहली बात तो ये आसानी से उपलब्ध नहीं होता है। अगर बाजार में मौजूद है तो ये इसकी कीमतें ऊंची होती है। हर किसी के लिए ग्लूटिन फ्री आहारों का सेवन करना संभव नहीं होता है। आपको ऐसे आहारों की खरीददारी करते समय उसमें मौजूद सामग्री को ठीक से पढ़ना पड़ता है। image source-getty