बीमारियां लिंगभेद नहीं करतीं

समाज में पुरुष और महिला के आधार पर भले ही भेदभाव हो रहा हो, लेकिन कुछ बीमारियां जो महिलाओं में प्राथमिक रूप से होती हैं वे पुरुषों को भी प्रभावित करती हैं। ऐसा हम नहीं बोल रहे बल्कि विज्ञान ने इस बात को प्रमाणित भी किया है। इसके कारण पुरुषों को कई रोग हो जाते हैं, क्योंकि उनको लगता है कि ये महिलाओं के रोग हैं और उनको प्रभावित नहीं कर सकते। ब्रेस्ट कैंसर और दूसरी बीमारी को लेकर आप भी ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत हैं। इस स्लाइडशो में हम आपको ऐसी ही बीमारियों के नाम बता रहे हैं जो पुरुषों को भी प्रभावित करते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर

ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर मामले महिलाओं में ही दिखते हैं, इसके कारण इसे केवल महिलाओं की बीमारी कहा जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह बीमारी पुरुषों को भी होती है। उम्र, मोटापा, शराब, लिवर की समस्यायें और टेस्टिकुलर की समस्यायें इसके लिए जिम्मेमदार हैं। पुरुषों के ब्रेस्ट नीचे एक छोटी सी लंप यानी गांठ होती है और यही ब्रेस्ट कैंसर भी हो सकती है। सामान्यतया पुरुष इसे एलर्जी या दूसरी त्वचा की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। जो कि गलत है।
मेनोपॉज

मेनोपॉज यानी रोजनिवृत्ति की अवस्था केवल महिलाओं के लिए नहीं है। बल्कि पुरुषों को भी मेनोपॉज होता है, इस स्थिति को मेल मेनोपॉज (Male Menopause) कहते हैं। दरअसल उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों के हॉर्मोन में भी बदलाव होते हैं, और इसके कारण ही यह स्थिति आती है। जब पुरुषों में किसी प्रकार के हार्मोन का स्राव नहीं होता तब इसे मेल मेनोपॉज कहते हैं। तनाव, थकान, सेक्स समस्यायें, इसके प्रमुख लक्षण हैं। हालांकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह अवस्था धीरे-धीरे आती है।
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)

हड्डियों में होने वाली इस बीमारी को लेकर भी लोगों के मन में यही खयाल हैं, कि यह केवल महिलाओं को होने वाली बीमारी है जो कि मेनोपॉज के बाद होती है। लेकिन इस बीमारी की चपेट में परुष भी आते हैं। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर होकर टूटने लगती हैं। इसे गुप्त बीमारी भी कहा जाता है, जिसका कारण पुरानी चोट हो सकती है। कूल्हे, रीढ़ और कलाई की हड्डी इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित होती है। इसके कारण रोगी का चलना-फिरना दूभर हो जाता है।
खानपान की बीमारी

खानपान यानी ईटिंग डिसऑर्डर एक लाइफस्टाइल संबंधित समस्या है जिसे इंसान अपनी इच्छा से चुनता है। इटिंग डिसऑर्डर को लेकर भी यही गलतफहमी है कि इसका चुनाव केवल महिलायें ही करती हैं। वहीं सच्चाई यह है कि एनोरेक्सिया और बूलिमिया जैसे खानपान संबंधी डिसऑर्डर किशोरावस्था में या 20 की उम्र से पहले पुरुषों को अधिक प्रभावित करते हैं।
ल्यूपस (Lupus)

इस गंभीर बीमारी के प्रति भी लोगों में अधूरी जानकारी है। लेकिन महिलाओं की तरह यह पुरुषों को भी प्रभावित करता है। कुछ शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है नपुंसकता और ल्यूपस के बीच संबंध है। इस बीमारी में शरीर का इम्यूरन सिस्टम शरीर के दूसरे अंगों को ही प्रभावित करने लगता है। कलाई में सूजन, नजर कमजोर होना, सीने में दर्द, सांस लेने में समस्या, बुखार और मुंह में अल्सर हो जाना इस बीमारी के सामान्य लक्षण हैं। Image Source : Getty