कमाल के रत्न और क्रिस्टल

प्राचीन सभ्‍यताओं से ही मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक समस्‍याओं के निवारण के लिए रत्न और क्रिस्टलों का प्रयोग होता रहा है। जैसा कि क्रिस्टल और रत्न पृथ्वी से निकलते हैं, इसको शरीर पर धारण करने से ये आपको ग्रह की चिकित्सा के जरिये ऊर्जा से जोड़ने में मदद करते हैं। रत्न स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं। प्रत्येक रत्न व क्रिस्टल में अपने प्रकार के अद्वितीय गुण और ऊर्जा होती है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी समस्याओं को दूर करती है। हालांकि कई लोग इन्हें महज पत्थर मानते हैं और इसके प्रभावों पर लोगों के विश्वास को अंधविश्वास की दृष्टी से देखते हैं। जबकि वास्‍तव में ये बहुत काम के हैं। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
फ़िरोज़ा और स्वास्थ्य

फ़िरोज़ा कमाल का हीलर होता है। ऐसा माना जाता है कि फ़िरोज़ा स्वर्ग और पृथ्वी के बीच ऊर्जावान पुल का काम करता है। प्राचीन काल से ही यह सुरक्षा तथा अच्छे भाग्य जैसे अपने आकर्षण गुणों के लिए जाना जाता रहा है। ऐसा माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति फ़िरोज़ा उपहार में देता है तो इसके गुण सौ गुना बढ़ जाते हैं। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
माणिक्य

माणिक्य सूर्य का रत्न होता है। माणिक्य या माणिक लाल रंग का होता है। हृदय रोग अथवा निम्न रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तिों के लिए माणिक्य धारण करना लाभदायक होता है। साथ ही आंखों के रोग को दूर करने एवं नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए भी इस रत्न को धारण किया जा सकता है। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
मोती

जिन लोगों का मन बैचेन रहता है एवं मन शांत नहीं रहता उनके लिए मोती रत्न धारण करना लाभदायक होता है। तनाव बहुत सी बीमारियों का कारण होता है और यह खुद भी एक बीमारी है। इससे बचने के लिए मोती धारण करना लाभदायक होता है। मोती पहनने से निराशा, श्वास सम्बन्धी रोग, सर्दी-जुकाम आदि भी दूर होते हैं। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
धुएं के रंग वाला बिल्लौर

बिल्लौर अवांछित ऊर्जा के खिलाफ एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है और नकारात्मक ऊर्जा को खतम करता है। यह आपके पुरानी सोच और रूड़ीवादी प्रणालियों को दूर करने में मदद करता है, जो आपको उन्नती को रोकती हैं। यह शरीर की अवरुद्ध, पुरानी और स्थिर ऊर्जा को निकालता है। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
मूंगा और स्वास्थ्य

लाल रंग वाला मूंगा मंगल का रत्न होता है। यह रत्न व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा भरकर उसे जोशीला बनाता है। मूंगा पहनने से किडनी के रोग में लाभ होता है। लकवा एवं मिर्गी के लिए भी मूंगा पहनना फायदेमंद होता है। रत्न चकित्सा के अनुसार पीलिया रोग में मंगल का यह रत्न धारण करणा चाहिए। बच्चों को यह बालारिष्ठ से बचाता है। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
पन्ना

हरे रंग वाला पन्ना बुध का रत्न होता है। ऐसा माना जाता है कि इस रत्न को धारण करने से त्वचा सम्बन्धी रोगों से बचाव होता है साथ ही इसे पहनने से त्वचा में निखार आता है और दमा, खांसी जैसे रोग की संभावना कम होती है। पन्ना पहनने से लीवर एवं किडनी स्वस्थ रहती हैं। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
पुखराज

पुखराज गुरू का रत्न है और यह पीले रंग का होता है। ऐसा माना जाता है कि मोटापे को नियंत्रित करने के लिए तथा दुबले लोगों की सेहत में सुधार के लिए पुखराज पहनना चाहिए। रत्न चकित्सा के अनुसार पुखराज धारण करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और अल्सर व सन्निपात रोग में भी लाभ होता है। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
हीरा

हीरा पहनने से सौन्दर्य में वृद्धि होती है साथ ही शरीर में रक्त की कमी, मोतियाबिन्द तथा नपुंसकता जैसे रोग में हीरा धारण करना फायदेमंद होता है। रत्न चकित्सा के अनुसार हीरा पहनने से एनीमिया, हिस्टीरिया तथा क्षय रोग से बचाव होता है। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
नीलम

नीले रंग का यह नीलम शनि का रत्न होता है। माना जाता है कि नीलम धारण करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है तथा हड्डियों के रोग के लिए यह बहुत फायदेमंद होता है। मिर्गी, ज्वर, गठिया, एवं बवासीर के रोग में भी नीलम पहनना उच्छा होता है।courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images