क्रिएटिन से जुड़े मिथ और फैक्ट्स

एटिन एक प्रकार का बॉडी सप्लिमेंट है जिसका सेवन मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता है। हालांकि क्रिएटिन के सेवन को लेकर लोगों के बीच काफी गलतफह़मियां मौजूद हैं।

Rahul Sharma
Written by:Rahul SharmaPublished at: Aug 07, 2014

क्रिएटिन : मिथ और तथ्‍य

क्रिएटिन : मिथ और तथ्‍य
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क्रिएटिन एक प्रकार का सप्लीमेंट होता है जिसे मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने के उद्देश्य से लिया जाता है। लेकिन इस प्रसिद्ध सप्लीमेंट को लेकर लोगों में कई प्रकार की गलतफ़हमियां भी व्याप्त हैं। तो चलिये जानें कि क्या हैं क्रिएटिन से जुड़े मिथ और तथ्‍य।   Image courtesy: © Getty Images

मिथ और तथ्‍य नं. - 1

मिथ और तथ्‍य नं. - 1
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मिथ- आप जितना ज्यादा क्रिएटिन लेंगे, उतना ही बेहतर होगा। तथ्‍य- बॉल स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार क्रिएटिन मोनोहाइड्रेट की कम खुराक (5g प्रति दिन) ही प्रभावी होती है। और इसकी अधिक मात्रा नहीं लेनी चहिए। Image courtesy: © Getty Images

मिथ और तथ्‍य नं. - 2

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मिथ- क्रिएटिन लेना जरूरी है। तथ्‍य- कई अनुसंधान साबित कर चुके हैं कि कम क्रिएटिन ही परिणाम देने के लिए काफी होते हैं। अधिक मात्रा में इसे लेना व्यर्थ ही जाता है। यदि आप एक एथलीट, पेशेवर बॉडी बिल्डर या प्रतिस्पर्धी पावर लिफ्टर हैं तो आप थोड़ी अधिक मात्रा ले सकते हैं।Image courtesy: © Getty Images

मिथ और तथ्‍य नं. - 3

मिथ और तथ्‍य नं. - 3
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मिथ- क्रिएटिन लेना लिवर और किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है।  तथ्‍य- यदि आपको पहले से लिवर या किडनी की कोई समस्या नहीं है तो क्रिएटिन लेने से अपके किडनी या लिवर को नुकसान नहीं होना चाहिए। पोर्टलैंड में ओरेगन स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में डॉ केरी कुएहल द्वारा किया गया अध्ययन इस बात की पुष्टी करता है।  Image courtesy: © Getty Images

मिथ और तथ्‍य नं. - 4

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मिथ- क्रिएटिन शरीर से अत्यधिक पानी सोखता है। तथ्‍य- शोध बताते हैं कि क्रिएटिन से शरीर में पानी की कमी होने जैसी कोई समस्या नहीं होती। हालांकि हो सकता है कि किसी लो ग्रेड क्रिएटिन, जिसमें सोडियम की मात्रा अधिक हो, लेने से किसी को ये समस्या हुई हो।  Image courtesy: © Getty Images

मिथ और तथ्‍य नं. - 5

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मिथ- क्रिएटिन ऐंठन का कारण बनता है। तथ्‍य- क्रिएटिन से ऐंठन होती है इस बात के कोई सबूत मौजूद नहीं हैं। जबकि जोनेस्बोरो स्थित अर्कांसस स्टेट यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार प्रशिक्षण शिविर के दौरान एथलीटों को क्रिएटिन की उचित मात्रा लेने के बाद मांसपेशियों में ऐंठन, चोट या कोई बीमारी आदि जैसी कोई घटना नहीं हुई। इन एथलीटों ने लोडिंग के दौरान प्रति दिन 15-25 ग्राम क्रिएटिन इस्तेमाल किया और सामान्य दिनों में 5 ग्राम प्रति दिन। Image courtesy: © Getty Images

मिथ और तथ्‍य नं. - 6

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मिथ- क्रिएटिन तरल रूप में बेहतर काम करता है। तथ्‍य- लिक्विड फॉर्म में आप क्रिएटिन नहीं बल्कि क्रिएटिनिन ले रहे होते हैं, जो क्रिएटिन के ब्रेक डाउन का एक उपोत्पाद (बायप्रोडक्‍ट) होता है। पाउडर के रूप में क्रिएटिन अत्यंत स्थिर होता है। जब यह लंबे समय के लिए एक अम्लीय वातावरण या नमी के संपर्क में आता है तो क्रिएटिन ब्रेक  डाउन होकर बेकार क्रिएटिनिन बन जाता है। तो यदि आप क्रिएटिन शेक बना रहे हैं तो 4 से 8 घंटों मे इसे खत्‍म कर लें।  Image courtesy: © Getty Images

मिथ और तथ्‍य नं. - 7

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मिथ- क्रिएटिन का सेवन सौ प्रतिशत सुरक्षित होता है। तथ्‍य- ऐसा नहीं है। क्रिएटिन टॉक्सिक मुक्त होता है, लेकिन फिर भी इसका इस्तेमाल पूरी तरह जोखिम मुक्त नहीं है। अन्य सभी न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स की तरह ही वे लोग क्रिएटिन न लें जिन्हें पहले से कोई शारीरिक समस्या या रोग हो। इस प्रकार का एक मामला आ चुका है जिसमें एक व्यक्ति को क्रिएटिन लेने से गुर्दे की सूजन की समस्या हुई थी। हालांकि उस व्यक्ति को पहले से ही गुर्दे की समस्या थी। इसलिए किसी भी सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें। Image courtesy: © Getty Images

मिथ और तथ्‍य नं. - 8

मिथ और तथ्‍य नं. - 8
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मिथ- सभी क्रिएटिन एक ही जैसे होते हैं। तथ्‍य- ऐसा बिल्कुल नहीं है की सभी क्रिएटिन एक ही जैसे होते हैं। किसी अन्य प्रोडक्ट की ही तरह क्रिएटिन में भी अलग-अलग क्वॉलिटी मौजूद होती हैं। सस्ते दर्जे के क्रिएटिन में अधिक प्रदूषक, जैसे क्रिएटिनिन, सोडियम, डायसायानडायामाइड तथा डायहाइड्रोट्रियाज़िन आदि होते हैं। इसलिए अच्छे और विश्वसनीय ब्रांड का क्रिएटिन ही लेना चाहिए। Image courtesy: © Getty Images

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