कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में 10 जरूरी बातें, जानें क्यों इस वैरिएंट को माना जा रहा है खतरनाक

कोरोना के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है, इस नए वैरिएंट से जुड़ी ये 10 बातें आपको जरूर जान लेनी चाहिए।

Prins Bahadur Singh
Written by:Prins Bahadur SinghPublished at: Jul 05, 2021

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट?

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट?
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कोरोनावायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है। कोरोना वायरस के नए स्वरुप को वैज्ञानिकों डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) कहा है। वायरस का यह नया रूप B.1.617.2.1 जिसे डेल्टा प्लस के नाम से जानते हैं एक नया खतरा बनकर सामने आया है। देश में कोरोना के मामलों में भले ही कमी देखी जा रही है लेकिन इसका संकट अभी भी बरकरार है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के दो अलग-अलग स्वरुप हैं एक को AY.1 और दूसरे को AY.2 कहते हैं।

सबसे पहले कहां मिला था?

सबसे पहले कहां मिला था?
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डेल्टा प्लस वैरिएंट दुनिया में सबसे पहले यूरोप में देखा गया था। डेल्टा प्लस, डेल्टा वैरिएंट  (B.1.617.2) के म्युटेशन का नया स्वरूप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट का सबसे पहला केस मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में पाया गया था। एक 64 साल की महिला इस नए वैरिएंट से संक्रमित हुई थी लेकिन कुछ ही दिनों में इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गयी थीं। 

क्या यह वैरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक है?

क्या यह वैरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक है?
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वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का नया डेल्टा प्लस वैरिएंट पहले की तुलना में अधिक खतरनाक है। नया डेल्टा प्लस वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल का असर भी पहले के वैरिएंट की तुलना में कम हो रहा है। इस नए डेल्टा प्लस वैरिएंट में वैक्सीन से शरीर में बनने वाली इम्यूनिटी के खिलाफ काम करने की क्षमता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट पहले की तुलना में अधिक तेजी से फैल सकता है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर भारत की स्थिति?

डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर भारत की स्थिति?
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भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कुल लगभग 80 मामले अभी तक दर्ज किये गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस नए वैरिएंट की गंभीरता को देखते हुए इसे 'वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न' घोषित कर दिया है। देश के अलग-अलग राज्यों में इस नए वैरिएंट के संक्रमण का पता लगाने के लिए टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है। महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किये गए हैं।

क्यों है ये वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न?

क्यों है ये वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न?
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डेल्टा प्लस वैरिएंट की गंभीरता को देखते हुए इसे वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न घोषित किया गया है। वायरस के किसी भी वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न' तभी घोषित किया जाता है जब उसमें इलाज के प्रभाव को कम करने की क्षमता हो और इसके अलावा उस वायरस का पता लगाने में थोड़ी मुश्किल हो रही हो। वहीं तमाम वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स का यह मानना भी है कि यह वैक्सीन के असर को कम करने में भी सक्षम है।

क्या डेल्टा प्लस की वजह से आएगी तीसरी लहर?

क्या डेल्टा प्लस की वजह से आएगी तीसरी लहर?
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तमाम वैज्ञानिक और एक्सपर्ट कोरोना के लगातार बदलते स्वरुप को लेकर शोध और अध्ययन कर रहे हैं। कोरोना के तीसरी लहर को लेकर बहुत पहले ही चेतावनी दी गयी थी। चूंकि डेल्टा प्लस वैरिएंट तेजी से फैलने में सक्षम है और इसपर इलाज का असर भी पहले के वैरिएंट की अपेक्षा कम हो रहा है इसलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वैरिएंट संभावित तीसरी लहर का कारण हो सकता है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण क्या हैं?

डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण क्या हैं?
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डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित होने पर व्यक्ति को खांसी, बुखार और जुकाम के साथ सांस लेने में दिक्कत की समस्या होती है। इसके अलावा डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति को सीने में दर्द, गले में खराश, स्वाद और गंध का चले जाना, और दस्त जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं।

डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे करें बचाव?

डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे करें बचाव?
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डेल्टा प्लस वैरिएंट और कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिक बार-बार लोगों को वैक्सीन लगवाने की बात कह रहे हैं। वैक्सीन के साथ-साथ संक्रमण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करना और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना जरूरी है। इसके अलावा समय समय पर अपने हाथों को साबुन या सैनिटाइजर की सहायता से डिसइन्फेक्ट करना ही बचाव माना जा रहा है।

डेल्टा प्लस वैरिएंट पर वैक्सीन का कितना है असर?

डेल्टा प्लस वैरिएंट पर वैक्सीन का कितना है असर?
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ICMR का कहना है कि कोरोना के सभी वैरिएंट पर भारत में लग रही वैक्सीन का पूरा असर हो रहा है। आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव के मुताबिक डेल्टा प्लस वैरिएंट पर कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों कारगर हैं। इसके अलावा अभी डेल्टा प्लस वैरिएंट पर इसका असर कितने प्रतिशत है इसको लेकर जांच की जा रही है।

बच्चों को डेल्टा प्लस वैरिएंट से कितना खतरा?

बच्चों को डेल्टा प्लस वैरिएंट से कितना खतरा?
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कोरोना के तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होगा ऐसा वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स का मानना है। ऐसे में डेल्टा प्लस वैरिएंट से बच्चों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। फिलहाल देश में बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन आने में समय है इसलिए अभी सबसे ज्यादा रिस्क की कैटेगरी में बच्चे ही हैं। गौरतलब हो जायडस कैडिला ने अपनी वैक्सीन ZyCov-D के आपातकालीन इस्तेमाल को लेकर सरकार से मंजूरी मांगी है। 

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