गर्भावस्था में होता है तनाव

प्रेगनेंसी के दौरान डिप्रेशन सबसे आम समस्या होती है। डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण होती है कम नींद। प्रेगनेंसी के दौरान सबसे ज्यादा सोने के समय में होती है। जिससे नींद पूरी नहीं होती। नींद पूरी ना होने के कारण महिलाएं हमेशा थकावट महसूस करती हैं जिस कारण वो डिप्रेशन की शिकार हो जाती है। डिप्रेशन की समस्या 70% महिलाओं में प्रेगनेंसी की दौरान पाई गई हैं।
पैनिक डिसार्डर

प्रेगनेंसी के दौरान पेनिक डिसऑर्डर वेरिएबल होता है। कई औरतों को प्रेगनेंसी के दौरान पेनिक डिसऑर्डर का सामना करना पड़ता है। हाल ही में रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर प्रेगनेंट महिलाओं का फर्स्ट-ऑनसेट पेनिक डिसऑर्डर से गुजरना लाजिमी है। ये खासकर थायरॉयड हार्मोन में बदलाव के कारण होता है।
ओब्सेसिव-कम्पल्सिव डिसार्डर

एक रिपोर्ट के अुसार प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में ओब्सेसिव-कम्पलसिव डिसार्डर (ओसीडी) का खतरा अधिक बढ़ा जाता है। रिपोर्ट में शामिल महिलाओं में से 39% भागीदार प्रेगनेंट महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान ओसीडी की समस्याओं से दो-चार होना पड़ा।
जनरल एनक्साइटी डिसार्डर

इस डिसार्डर से जुड़ी फिलहाल कोई रिपोर्ट या डाटा नहीं है। लेकिन इस डिसऑर्डर के लक्षण सभी प्रेगनेंट महिलाओं में मिल जाते हैं। प्रेगनेंसी के दौरना भ्रुण के स्वास्थ्य की चिंता जब महिलाओं को अधिक होने लगे तो समझ लें कि वे जनरल एनक्साइटी डिसऑर्डर की शिकार हैं।
सोशल फोबिया

ये बहुत बहुत ही कम महिलाओं को होता है। इसमें महिलाओं को बच्चे के पैदा होने से संबंधित डर होता है। इस डिप्रेशन की शिकार महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण पाये जाते हैं।
ईटिंग डिसार्डर

लगभग 4.9% प्रेगनेंट महिलाएं इटिंग डिसऑर्डर की शिकार होती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं बच्चों को अधिक पोषण देने के कारण अधिक खाने लगती हैं। कई महिलाएं तो पूरे-पूरे दिन खाती रहती हैं ये सोचकर की बच्चा भूखा ना रहे। इससे महिला और बच्चे दोनों के मानसिक स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ता है।