माहवारी से जुड़ी गलत अवधारणायें

माहवारी अर्थात पीरियड्स के दौर से गुजरना सभी महिलाओं में एक प्रकृतिक क्रिया है। लेकिन देखा जाता है कि माहवारी को लेकर महिलाओं में बहुत सारी भ्रांतियां होती हैं। जरूरी है कि महिलाएं जानें कि माहवारी एक शारीरिक जैविक प्रक्रिया है और इससे जुड़ी भ्रांतियां केवल आपको हानि ही पहुंचाती है और इसका अंधविश्वास से कोई लेना-देना नहीं है। चलिये आज माहवारी से संबंधित ऐसी ही कुछ गलत अवधारणाओं से पर्दा उठाते हैं। Images source : © Getty Images
पीरियड 28 दिनों के अंतर पर आना ही चाहिए

पीरियड साइकिल महिला-महिला के हिसाब से अलग होता है। यह साइकिल 20 दिनों से लेकर 35 दिनों के बीच हो सकती है। पीरियड आने में थोड़ा विलंब हो जाने का मतलब हमेशा यह नहीं कि आर गर्भवती ही हो गई हैं। Images source : © Getty Images
पीरियड के दौरान एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए

सच तो यह है कि पीरियड के दौरान हल्की एक्सरसाइज मरोड़ व ऐंठन आदि को कम करती है। ऐसा इसलिये क्योंकि एक्सरासइज करने से मांसपेशियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाती है और शरीर को आराम मिलता है।Images source : © Getty Images
पीरियड के दौरान स्नान व बाल नहीं धोने चाहिए

पीरियड को लेकर यह भ्रम सदियों से चला आ रहा है। ऐसा समझा जाता है कि इस समय नहाने से रक्त का स्राव कम हो जाता है। लेकिन ये एक भ्रम मात्र ही है। बल्कि पीरियड के दौरान तो स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। Images source : © Getty Images
पीरियड में संभोग नहीं करना चाहिए

अधिकांश लोग पीरियड के दौरान अपने साथी के साथ संभोग करना पसंद नहीं करते। लेकिन पीरियड के समय संभोग करने से आपको ऐंठन व मरोड़ आदि से आराम मिलता है। शोध के मुताबिक इस दौरान करने से दर्द में कमी होती है। Images source : © Getty Images