फ्रोजन फूड से जुड़े मिथ

व्‍यस्‍त जिंदगी में लोगों के पास खाना पकाने के लिए समय कम हो गया है, जिससे अब हमारे देश में भी फ्रोजन फूड का चलन बढ़ गया है। काम की थकान के बाद जब खाना बनाना मुश्किल हो जाता है तो फ्रोजन फूड सबसे अच्‍छे विकल्‍प के रूप में सामने आता है। इससे आप अपनी भूख को तो चुटकियों में मिटा लेते हैं। हालांकि यह फूड जल्‍द बनने की सुविधा प्रदान करता है लेकिन कभी-कभी इसके पोषक तत्‍व नष्‍ट हो जाते हैं। इस आहार को लेकर आम धारणा है कि यह एक ही समय में स्‍वस्‍थ और जल्‍द बनने वाला भोजन नहीं हो सकता है। लेकिन कुछ शोध ने इस बात को गलत माना है। आइए फ्रोजन फूड से जुड़े ऐसे की कुछ मिथ के बारे में जानकारी लेते है। Image Source : Getty
मिथ 1: कम पोषक होते हैं फ्रोजन फूड

हालांकि यह बात सच हैं कि फ्रेश फूड की तुलना में फ्रोजन फूड स्‍टोर करने के दौरान अपने कुछ पोषण को खो देते है। चाहे आप ताजा सब्जियां बनाये या फ्रोजन, खाना पकाने का तरीका आपके भोजन में पोषक तत्‍वों के मूल्‍य को प्रभावित करता है। जब आप फ्रोजन फूड को उबालने की जगह स्‍टीम करते हैं। उबालने की जगह स्‍टीम करने से सब्जियों के पोषक तत्‍व अधिक बरकरार रहते है। Image Source : Getty
मिथ 2: सभी फ्रोजन फूड बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड होते हैं।

हालांकि ग्रोसरी फीजर प्रोसेस्‍ड से भरपूर होते हैं, लेकिन आपके पास बहुत सारे स्‍वस्‍थ विकल्‍प मौजूद होते हैं। जब फ्रोजन फूड का चयन प्राकृतिक फूड के रूप में करते हैं तो प्रोसेस्‍ड प्रोडक्‍ड तक पहुंचना मुश्किल होता है। इसलिए खरीदने से पहले उसके लेबल पर लिखे घटक की जांच कर लें। क्‍योंकि फ्रोजन प्रक्रिया अपने आप में एक प्राकृतिक संरक्षक तरीका भी है। Image Source : Getty
मिथ 3 : फ्रोजन फूड अधिक महंगे होते है।

य‍ह मिथ सही नहीं हैं क्‍योंकि फ्रोजन फूड को अधिक महंगा होने की जरूरत नहीं है। हालांकि प्रीपैकज सुविधा वाले फूड होल फ्रोजन फूड जैसे आलू और सब्जियों की तुलना में अधिक महंगे होते हैं। यहां तक कि आसान फ्रोजन फूड रेस्‍तरां में खाये जाने वाले फूड के बिल की तुलना में कही सस्‍ते होते हैं। Image Source : Getty
मिथ 4 : किसी भी फूड को फ्रोजन किया जा सकता है।

कई तरह के फूड को प्रभावी ढंग से फ्रोजन किया जा सकता है और उसके मूल स्‍वाद और बनावट को भी बरकारर रखा जा सकता है। लेकिन सभी प्रकार के फूड को फ्रोजन नहीं किया जा सकता क्‍योंकि कुछ फूड फ्रीजर में स्‍टोर करने पर जल्‍द अपना स्‍वाद खो देते हैं। Image Source : Getty
मिथ 5 : फ्रोजन करने से बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं।

जब फूड को फ्रीज करने के लिए तैयार किया जाता है, तो कुछ सुरक्षा उपायों को ध्‍यान में रखा जाता है। हालांकि यह बात सही है कि भोजन को फ्रीज करने से बैक्‍टीरिया निष्क्रिय हो जाता है, लेकिन बैक्‍टीरिया के जोखिम को खत्‍म नहीं करता। एक बार फूड को डीफ्रॉस्‍ट करने पर हानिकारक बैक्‍टीरिया बना रहता है। Image Source : Getty
मिथ 6: फ्रोजन फूड हमेशा के लिए होते हैं।

यह बात सच है कि ताजे आहार की तुलना में फ्रोजन फूड की लाइफ ज्‍यादा होती है। लेकिन लंबे समय तक इन्‍हें स्‍टोर करने से यह फूड अपनी गुणवत्‍ता और स्‍वाद खो देते हैं। जैसे कच्चे मांस - 4-12 महीने, पके हुए मांस - 2-4 महीने, सब्जियां और फल - 8-12 महीने, कैसरोल की 2-3 महीने और सूप की 2-3 महीने तक स्‍टोर किया जा सकता है। Image Source : Getty
मिथ 7: पिघले फूड को फिर से फ्रोजन नहीं किया जा सकता।

माना जाता हैं कि फ्रोजन फूड के एक बार पिघलने के बाद इसे दोबारा स्‍टोर नहीं किया जा सकता। लेकिन यह बात सही नहीं है क्‍योंकि आप एक बार निकालने के बाद इसे दोबारा सुरक्षित तरीके से स्‍टोर कर सकते हैं। लेकिन दो घंटे से ज्‍यादा देर तक बाहर रखने के बाद इसे दोबारा स्‍टोर करने से बचें क्‍योंकि नमी को नुकसान होने के कारण फूड की गुणवत्‍ता कम हो जाती है। Image Source : Getty