नियमित काटें नाखून

हमेशा बच्चों के लिए मिलने वाले नेलकटर का इस्तेमाल करें। अगर घर पर कॉमन नेलकटर है तो उसे डेटॉल में धोकर ही बच्चों के नाखून काटें। हाथों के साथ-साथ पैरों के नाखूनों का भी ध्यान रखें। उनकी सफाई करें और नियमित अंतराल पर उन्हें काटते रहें।
हाथों को रखें साफ

बच्चों को सिखाएं कि कब-कब हाथ धोना चाहिए, जैसे पालतू जानवर से खेलने, कचरे की सफाई खांसने और छींकने के बाद हाथ धोने की आदत डलवाएं।
मॉश्चराइजर लगाने की आदत

ठीक तरह से नाखून काटें जिससे बच्चे की त्वचा को किसी भी तरह का नुकसान न होने पाए। कई बार त्वचा पर कट लग जाता है और उसके कारण संक्रमण हो जाता है। नाखूनों की सफाई के बाद हाथों पर मॉइश्चराइजर लगाने की आदत डलवाएं। इससे हाथ भी नर्म रहेंगे और छोटा-मोटा जख्म भी हो तो ठीक हो जाएगा।
छोटे नाखून न काटें

नाखून काटते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी ज्यादा छोटे नाखून न काटें। इससे उंगलियों के कोनों में धंसने लगते हैं और दर्द होने लगता है, जो बाद में फंगल इंफेक्शन में भी बदल सकता है।
नवजात के नाखून काटें

नवजात शिशु के नाखून बहुत ही जल्दी बढ़ते हैं। हफ्ते में एक बार जरूर काटना चाहिए वरना वे खुद को ही चोट लगा लेते हैं। शिशुओं के नाखून तभी काटें, जब वे सो रहे हों। कई बार वे नाखून काटते वक्त जोर से हिलने लगते हैं, इससे त्वचा पर कट लगने का डर रहता है।