ये तत्व आपको चुपके से बना सकते हैं कैंसर का मरीज
कैंसर यूं तो कई कारण से होता है। इसमें से अधिकतर के बारे में हमें जानकारी भी है। लेकिन, कई ऐसे तत्व भी हैं, जो चुपके से हमारे जीवन में शामिल होकर हमें कैंसर का मरीज बना सकते हैं।

चुपके से आता है कैंसर
कैंसर के कुछ संभावित कारकों जैसे धूम्रपान, प्रदूषण, आहार और जीवनशैली के बारे में तो हम जानते हैं, लेकिन इसके अलावा कैंसर के कुछ ऐसे भी कारक हैं, जिनके बारे में शायद हमने कभी विचार न किया हो। ये चीजें हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा हैं। लेकिन, हमारे देखते ही देखते ये हमें कैंसर की सौगात दे जाते हैं।

डिटर्जेंट
डिटर्जेंट कपड़ों के दाग निकालता है, लेकिन यह अपने पीछे जहरीले पदार्थ छोड़कर जा सकता है। वर्ष 2011 में पर्यावरणीय ग्रुप ने पाया कि डिटर्जेंट में पाया जाने वाला
1,4 डिओक्सिन यूं तो मानव में कैंसर का कारण नहीं बनता, लेकिन यह चूहों में नाक का कैंसर पैदा कर सकता है। सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि आमतौर पर
डिटर्जेंट कंपनियां इस तत्व का उल्लेख नहीं मिलता।

रिंकल फ्री शर्ट
नि: संक्रामक यानी (Formaldehyde) का इस्तेमाल शवों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में किया जाता है। लेकिन साथ ही यह रिंकल फ्री शर्ट में भी इस्तेमाल होता
है। हालांकि, जहां मुर्दों को इस तत्व से कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन जीवित व्यक्तियों को यह तत्व नुकसान पहुंचा सकता है। इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि
फोरमाल्डेहाईड नाक और श्वसन संबंधी कैंसर का कारण बन सकता है।

फ्रेंच फाईज
ऑक्रीलामाइड (Acrylamide) एक प्रकार का कैमिकल है जो दूषित पानी को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। फ्रेंज फ्राइज में इस तत्व का इस्तेमाल होता है। उच्च कार्बोहाइड्रेट से बने ये तत्व काफी अधिक तापमान पर बनाये जाते हैं। इसमें मौजूद अमीनो एसिड एस्पराजिन (asparagine) इन पदार्थों में मौजूद चीनी से प्रतिक्रिया कर एक्रीलामाइड का निर्माण करता है। इस तत्व के साथ शरीर की रासायनिक क्रिया डीएनए को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

स्टीरोफॉम कप और कंटेनर
स्टीरोफॉम के कप में चाय अथवा किसी अन्य चीज की चुस्की लेना आपको कैंसर का मरीज बना सकता है। ये कप स्टिरेन के बने होते हैं। यह एक खतरनाक तत्व है जो
आपके डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है। नेशनल टॉक्सीलॉजी प्रोग्राम की रिपोर्ट कहती है कि इससे दूर रहना आपकी सेहत के लि अच्छा है। ये मानव की कोशिकाओं
को नष्ट कर कैंसर को न्योता देते हैं।

ब्राउन राइस
ब्राउन राइस में ऑर्सेनिक पाया जाता है, जो आपको कैंसर का मरीज बना सकता है। एक दौर था जब ऑर्सेनिक मध्ययुग के हर हत्यारे के हथियारों में शामिल होता था।
लेकिन, आज यह आपकी रसोई तक पहुंच चुका है। एक उपभोक्ता शोध में यह बात सामने आयी है कि कुछ ब्राउन राइस ब्रांड में सफेद चावलों के मुकाबले अधिक विषैले
तत्व पाए जाते हैं। ऑर्सेनिक आपके डीएनए के रिपेयर सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। तो कोशिकाओं के नष्ट होने के बाद डीएनए उन्हें दोबारा नहीं बना पाता। इससे
कैंसर होने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में मौजूद नाइट्रोसामिन्स कैंसर का कारण हो सकता है। अमेरिका के एफडीए का मानना है कि तंबाकू में पाया जाने वाला नाइट्रोसेमिन्स कैंसर उत्पन्न
करता है। कुछ ई सिगरेट में यह तत्व पाया जाता है। भले ही आप स्मोकर न हों, लेकिन ये तत्व फिर भी आपके शरीर में शामिल हो सकते हैं। परोक्ष धूम्रपान इसका एक
तरीका है। जब अमाशय में पाये जाने वाला नाइट्रेट हॉट डॉग, बैकोन और मीट में पाये जाने वाले नाइट्रेट से प्रतिक्रिया करता है तो यह कैंसर हो सकता है।

चिप्स और ब्रेड
ब्रेड और चिप्स में भी ऑक्रीलामाइड का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी अधिक होती है। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद अमीनो एसिड एस्पराजिन चीनी से प्रतिक्रिया कर इसी खतरनाक तत्व ऑक्रीलामाइड बनाता है। यह तत्व डीएन को नुकसान पहुंचा कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं।
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