वक्त पर निपट जाए बच्चों के काम

अगर आपकी ये समस्या है कि आप क्यों बिना बच्चों पर चिल्लाए या उन्हें डांटे उनका होमवर्क नहीं करा पाते, या फिर, उन्हें सुला नहीं पाते, तो घबराएं नहीं। आप अकेले इस समस्या से नहीं जूझ रहे। ज्यादातर पैरेंट्स की ये शिकायत होती है कि रोज़ रोज़ बच्चों का होमवर्क करवाने और उन्हें बेड पर पहुंचाने के लिए उन्हें युद्ध लड़ना पड़ता है। आप छोटे-छोटे बदलाव करके, इस समस्या से निपट सकते हैं। आइये जाने कैसे।
फैमिली मीटिंग

वीकेंड पर एक फैमिली मीटिंग बुलाएं। अपने बच्चों को बताएं कि उनके स्कूल टाइम से लेकर बेड-टाइम तक की दिनचर्या अब से अलग होगी। उन्हें बताएं कि उनको अब क्या करना होगा। उन्हें समझाएं कि अब से उन्हें रात को सोने से पहले सारा काम निपटाना होगा।
उम्मीदें और परिणाम निश्चित करें

बच्चों के स्कूल से घर आने के बाद क्या किया जाना है, उसके लिए नियम बना लें। जैसे कि, शूज़, जैकेट व बैग को उनकी जगहों पर रखना। लंच बॉक्स और वॉटर बॉटल खाली करना। अपना होमवर्क करना। उन्हें ये भी बताएं कि अगर वो अपना काम नहीं करेंगे तो उसके परिणाम क्या होंगे।
स्क्रीन्स को कहें न

स्कूल से आते ही अगर बच्चे टीवी देखने या फिर वीडियो गेम्स खेलने में लग जाएं तो फिर उनसे होमवर्क या बाकी काम करवाना मुश्किल हो जाता है। अपने बच्चों के स्कूल से लौटने से पहले ही सारे इलोक्ट्रॉनिक्स (फोन, टैबलेट, आदि) भी एक अलग जगह पर रख दें। जब वो अपने सारे काम निपटा लें, तब आप उन्हें सीमित समय के लिए टीवी या वीडियो गेम की तरफ जाने दें।
कुछ वक्त बच्चों की पसंद का

शाम ढलने ले पहले का वक्त बच्चों को खेलने कूदने व अपनी मर्ज़ी का काम करने के लिए दीजिए। ये वक्त बच्चे की ज़रूरत और पसंद दोनों के मुताबिक होना चाहिए। अगर आपके बच्चे में बहुत ऐनर्जी हो तो कुछ देर साईकिल चलाने दीजिए, और अगर बच्चा थका-थका है तो उसे स्नैक्स खिलाएं। बस ध्यान रहे, इसके लिए भी समय सीमित होना चाहिए।
होमवर्क आसान बनाएं

अक्सर बच्चे शाम को खेलने के बाद होमवर्क करना शुरू करते हैं। उस वक्त बच्चे थक जाते हैं और खाने का वक्त भी होने लगता है। बच्चों का होमवर्क पूरा करवाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसे एक बार में न करवाकर कुछ हिस्सों में करवाया जाए। स्कूल से आने के बाद से लेकर रात को सोने से पहले दो या तीन बार में होमवर्क करवाया जा सकता है। कोई बास्केट या छोटी जगह फिक्स कर लें जहां बच्चों की ज़रूरत की चीज़ें रख दी गई हों। उनकी फ़ील्ड ट्रिप या कैफेटेरिया के लिए पैसों के लिफाफे, परमिशन स्लिप्स। इसी जगह बच्चे उन चीज़ों को रख दें जो उन्हें पैरेंट्स को दिखानी हो। टीचर्स की तरफ से मिले नोट्स, स्कूल में होने वाले ईवेंट्स की जानकारी। ऐसा करने से सुबह-सुबह की टेंशन से बचा जा सकता है।
डिनर के बाद, सुबह पर ध्यान लगाएं

अगर अब तक होमवर्क बाकी है तो "कोई टीवी नहीं, कोई इलेक्ट्रॉनिक्स नहीं" वाला नियम लगा दें। छोटे बच्चों के लिए बेड पर जाने का वक्त भी होने लगता है। इसी वक्त बच्चों से सुबह के लिए बैग तैयार करवा लें। बच्चों के बेड पर पहुंचने का वक्त तय कर लें। उस वक्त से आधे घंटे पहले ही उन्हें तैयारी करने के लिए कहें। जिसमें वो नाइट सूट पहनना, ब्रश करना आदि कर सकते हैं। इसके साथ ही, सुबह तैयार होने का भी एक वक्त होना चाहिए, ताकि किसी को देरी न हो।