Breast Cancer Awareness Month: इन 5 तरीकों से करें अपने स्तनों की जांच, पता चल जाएगा- ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं
स्तनों में किसी भी प्रकार की गांठ स्तन कैंसर का कारण हो सकती हैं। इसलिए स्तनों की जांच करना जरूरी होता है। आइए हम आपको बताते है कि स्तन कैंसर की जांच स्वयं किस प्रकार से की जा सकती हैं।

Breast Cancer Awareness Month: नारी की सुंदरता में स्तनों की अहम भूमिका होती है। महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोंन के स्तनों का विकास होता हैं। स्तनों की सामान्य प्रक्रिया का असामान्य प्रक्रिया मे बदलना बीमारी पनपने का संकेत है। ये समस्या किसी भी महिला को हो सकती है। स्तन के विकार के लिए जरूरी नहीं कि आप सीधे चिकित्सक के पास जाने से पहले आप स्वयं भी अपने स्तनों की जांच कर सकती हैं।

स्तन की जांच का एक महत्वपूर्ण कारण है स्तन कैंसर। जो आजकल की महिलाओं की एक आम समस्या बन गई है। अगर स्तन कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में पता लग जाएं तो इसका सही समय पर उपचार संभव हो सकता है और आपका जीवन बच सकता हैं। आइए हम आपको बताते है कि स्तन कैंसर की जांच स्वयं किस प्रकार से की जा सकती हैं। image courtesy : gettyimages.in

स्तनों की स्वयं जांच मासिक धर्म शुरू होने के बाद सातवें से दसवें दिन के बीच महीने में एक बार जरूर करें। लेकिन यदि आपके मासिक धर्म की अवधि ज्यादा लम्बी नहीं है, तो प्रत्येक महीने का एक दिन स्तन की जांच के लिए स्वयं से निर्धारित कर लें। image courtesy : gettyimages.in

अपने स्तनों की जांच करते समय आप इस बात का ध्यान रखें कि आप स्तनों की जांच कैंसर या सिस्ट देखने के लिए नहीं बल्कि अपने स्तनों में आए बदलाव को देखने के लिए कर रही हैं। वैसे तो स्वयं स्तनों की जांच करने के कई तरीके हैं। लेकिन आपके लिए बहुत जरूरी हैं कि आप यह जान लें कि आपके लिए कौन सा तरीका सबसे अच्छा हो सकता है। image courtesy : gettyimages.in

शीशे के सामने खड़े होकर अपनी दोनों हाथों को नीचे करें। अब ध्यान से देखें कि दोनों स्तनों के आकार मे कोई अन्तर तो नही है, स्तनों पर किसी प्रकार के गडढे तो नहीं हैं, इसके अलावा यह भी देखें कि निप्पल मे किसी प्रकार का स्राव तो नही हो रहा या निप्पल के आकार, बनावट, गोलाई में कोई अंतर तो नहीं है। दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर भी इस प्रक्रिया को दोहराऐं।
image courtesy : gettyimages.in

सीधा लेटने पर अपने स्तनों में आए बदलाव को महसूस करें। पीठ के बल लेट जाएं। बाएं कंधे के नीचे तकिया लगाएं। बाएं हाथ को सिर के नीचे रखें तथा सीधे हाथ की हथेली के हल्के दबाव से स्तनों को दबा कर गांठ की जांच करें। image courtesy : gettyimages.in

स्तन के बाहरी ओर यानि बगल की तरफ स्तन की जांच करें। बाई बांह को नीचे करके उंगलियों के समतल हिस्से से बाई बगल में दबाव डालते हुए जांच करें। इसी तरह दाई ओर से भी इस प्रक्रिया को दोहराकर दाएं स्तन की जांच करें। हर माह मासिक धर्म के सातवें दिन उपरोक्त जांच दोहराएं। image courtesy : gettyimages.in

पहली बार अपने स्तनों की जांच करते समय कुछ जान पाना थोड़ा कठिन होगा। लेकिन बार-बार अभ्यास करने के बाद आप अपने स्तनों के बारे में जानने लग जाएंगी। अपने स्तन के बारे में जांच के दौरान अपने अहसास के बारे में जानने की मदद के लिए अपने नर्स या डाक्टर से भी पूछें क्योंकि वे ही आपके स्तनों की जांच करते हैं। image courtesy : gettyimages.in

इसके अलावा अपने डाक्टर से भी स्तनों की जांच करवाना बहुत जरूरी होता है। अगर आप की उम्र 20-30 साल की है तो डाक्टर से अपने स्तन की जांच हर 3 वर्षों में करवाएं और यदि आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है तो जांच प्रत्येक वर्ष करवाये। image courtesy : gettyimages.in

अपने स्तन में किसी भी प्रकार के परिवर्तन जैसे मुलायम गांठ, कठोर गांठ या स्तन में मोटापन, स्तन के आकार या बनावट में बदलाव, त्वचा में गड्डा या सिकुड़न, निप्पल में किसी भी तरह के बदलाव या पानी आने पर तुरंत अपने डाक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा यदि आपके किसी निकटतम संबंधी जैसे नानी, माता या बहन को स्तन का कैंसर हो चुका है, तो अपने डाक्टर को जरूर बताये। image courtesy : gettyimages.in
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।