Breastfeeding Week 2020: इस्तेमाल करें रसोई की ये 3 चीजें, ब्रेस्ट में बढ़ेगा नेचुरली दूध
हर औरत का सपना होता है कि वो अपने बच्चे को अपनी छाती से लगाकर दूध पिलाएं। शिशु के लिए मां का दूध अमृत होता है।

हर औरत का सपना होता है कि वो अपने बच्चे को अपनी छाती से लगाकर दूध पिलाएं। शिशु के लिए मां का दूध अमृत होता है। मां का दूध पीने वाले बच्चे जीवन भर कई बीमारियों से लड़ने में कामयाब रहते हैं। यही नहीं स्तनपान से ही मां और शिशु का रिश्ता मजबूत बनता है। लेकिन कई बार मां के स्तनों में दूध की कमी हो जाती है और बच्चे और मां दोनों के लिए एक गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है। आज हम आपको स्तन का दूध बढ़ाने के कुछ कारगार उपाय बता रहे हैं।

ऐसा माना जाता है कि सौंफ का सेवन पेट साफ करने वाला, हृदय को शक्ति देने वाला, घाव, उल्टी, दस्त, खांसी, जुकाम, बुखार, अफारा, वायु विकार, अनिंद्रा और अतिनिंद्रा, पेट के सभी रोग (अपच, कब्ज आदि) दस्त तथा स्तनों में दूध की कमी आदि को दूर करता है। इसलिए आप स्तनों में दूध की मात्रा को ठीक करने के लिए सौंफ का सेवन कर सकती हैं।

तुलसी और करेले दोनों में ही विटामिन पाया जाता है, जिसे खाने से स्तनें में दूध की मात्रा बढ़ती है। तुलसी को सूप या शहद के साथ खाया जा सकता है, या फिर आप इसे चाय में डाल कर भी ले सकती हैं। करेला महिलाओं में लैक्टेशन सही करता है। करेला बनाते वक्त हल्के मसालों का ही प्रयोग करें ताकि यह आसानी से हजम हो सकें।

लहसुन खाना मां के लिए अच्छा होता है। इसे खाने से भी दूध बनाने की क्षमता बढ़ती है। लहसुन को कच्चा खाने की बजाए उसे मीट, करी, सब्जी या दाल में डाल कर पका कर खाएं। अगर आप लहसुन को नियमित खाती हैं तो आपको लाभ अवश्य होगा।

जन्म के बाद एक घंटे तक नवजात शिशु में स्तनपान करने की तीव्र इच्छा होती है। बाद में उसे नींद आने लगती है। इसलिए जन्म के बाद जितनी जल्दी मां और बच्चे को दूध पिलाना शुरू कर दे, उतना अच्छा होता है। आमतौर पर जन्म के 45 मिनट के अन्दर स्वस्थ बच्चों को स्तनपान शुरू करवा देना चाहिए।

अगर मां बच्चे को दूध पिलाते समय एक ही स्तन का प्रयोग करती है तो इससे दूध की तीव्रता प्रभावित होती है। शिशु को स्तनपान कराते समय स्तन को बराबर बदलना चाहिए। इससे शरीर में दूध उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही ऐसा करने से आपका बच्चा भी आराम से स्तनपान कर सकेगा। दरअसल इससे दोनों स्तन खाली होते रहेंगे और ज्यादा दूध का उत्पादन होता है। एक बार स्तनपान कराते समय कम से कम दो से तीन बार स्तन बदलें।
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