ब्लड ग्रुप डाइट से करें वजन कंट्रोल

बढ़ता वजन आजकल हर उम्र व देश के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। और इसी समस्या का फायदा उठाकर जल्द वजन घटाने का दावा करने वाली दवाओं का बाजार गरम हो रहा है। लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि ब्लड ग्रुप आधारित डाइट भी आपके बढ़े वजन को घटाने में मददगार हो सकती है। तो यदि तरह-तरह के नुस्खों और दवाओं को आजमाने के बाद भी अगर आपका वजन नियंत्रित नहीं हो रहा है तो परेशान होने की जगह यह ब्लड ग्रुप आधारित डाइट अपनाएं और वजन कम करें।
ब्लड ग्रुप के अनुसार डाइटिंग

दरअसल, ब्लड ग्रुप के हिसाब से डाइटिंग के जरीए अपने शरीर को छरहरा बनाने के लिए यह खास तरह की डाइट ‘ब्लड ग्रुप डाइट’ कहलाती है। मैडिकल साइंस के अनुसार ब्लड ग्रुप डाइट एक अवधारणा है। हालांकि अभी इस अवधारणा को लेकर पुख्ता वैज्ञानिक सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन हावजूद इसके ब्लड ग्रुप आधारित डाइट से बहुत लोगों को लाभ हुआ है। पश्चिमी देशों में तो इस अवधारणा के अनुसार डाइट चार्ट बहुत चलन में है।
ब्लड ग्रुप डाइट ही क्यों?

वजन कम करने के इस तरीके को ‘टेलर मेड ट्रीटमैंट’ भी कहा जाता है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि यह काम तो पर्सनलाइज्ड डाईट चार्ट या रूटीन भी कर ही सकता है, फिर भला ब्लड ग्रुप डाइट ही क्यों? दरअसल हर इंसान की पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता उस के ब्लड ग्रुप पर निर्भर करती है।
ब्लड ग्रुप के आधार पर रोग प्रतिरोधक क्षमता

जांच में यह पाया गया है कि ‘ओ’ ब्लड ग्रुप के लोगों में आमतौर पर एग्जिमा, एलर्जी, बुखार आदि से ज्यादा होने की आशंका होती है। वहीं ‘बी’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में रोगप्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ‘एबी’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को छोटी-छोटी बीमारियां लगभग नहीं के बराबर होती हैं। लेकिन इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कैंसर, ऐनीमिया या फिर दिल की बीमारी होने की आशंका अधिक होती है।
क्या कहती है डाइट थियोरी ?

डाइट थियोरी के अनुसार हम जब खाना खाते हैं तब हमारे खून में एक खास तरह की मैटाबोलिक प्रतिक्रिया होती है। ऐसा हमारे खाए भोजन में मौजूद प्रोटीन और विभिन्न ब्लड ग्रुप में मौजूद ऐंटीजन में परस्पर प्रतिक्रिया होने से होता है। गौरतलब है कि हर ब्लड ग्रुप का अपना एक ऐंटीजन तैयार होता है। खराब भोजन करने पर ऐंटीजन में जबरदस्त प्रतिक्रिया होती है और यदि हम ब्लड ग्रुप के हिसाब से अपना डाइट चार्ट तैयार करें तो लाभदायक होता है। यह डाइट हमें वजन घटाने में भी मदद कर सकती है।
ब्लड ग्रुप ‘ओ’

ब्लड ग्रुप थियोरी के अनुसार यह ब्लड ग्रुप सबसे पुराना माना जाता है। इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों की पाचन क्षमता अच्छी होती है। इस ब्लड ग्रुप में हाई स्टमक ऐसिड (आमाशय में मौजूद अम्ल) होने के कारण हाई प्रोटीन को हजम कर पाना सरल होता है। इस ब्लड ग्रुप के लोगों को प्रोटीन से भरपूर आहार लेना चाहिए। इन्हें मैदा से बनी चीजें कम खानी चाहिए व सब्जी और फल अधिक खाने चाहिए। लेकिन साथ में ऐक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है।
ब्लड ग्रुप ‘ए’

ब्लड ग्रुप ‘ओ’ की ही तरह ब्लड ग्रुप ‘ए’ भी हजारों साल पुराना है। गुफाओं से निकलने के बाद जब इंसानों ने खेती और पशुपालन शुरू किया, तब से यह ब्लड ग्रुप वजूद में आया। इस ब्लड ग्रुप के लोगों को वजन कम करने के लिए ऐनिमल प्रोटीन अनुकूल नहीं होता है। इसलिए मांस-मछली, चिकन और मिल्क प्रोडक्ट्स इन के लिए बढ़िया डाइट नहीं है। इन्हें खानपान बहुत सोच-समझ कर चुनना व करना चाहिए। इन्हें अपने डाइट चार्ट में बादाम, बींस की सब्जी, फल जरूर शामिल करने चाहिए। अपने ब्लड ग्रुप के अनुरूप भोजन के साथ-साथ इन्हें थोड़ी एक्सरसाइज भी जरूर करना चाहिए।
ब्लड ग्रुप ‘बी’

ब्लड ग्रुप ‘ओ’ के जैसे ही ब्लड ग्रुप ‘बी’ के लोगों को भी संतुलित खानपान व व्यायाम की जरूरत होती है। गाय व बकरी का दूध लेना इस ब्लड ग्रुप के लोगों के लिए बेहद लाभप्रद होता है। मांसाहारी लोगों के लिए मटन, मछली आदि अच्छे होते हैं। पर चिकन का ज्यादा सेवन हानिकारक हो सकता है। इनके लिए हरी सब्जियों को आहार में शामिल करने के साथ नियमित व्यायाम करना अच्छा रहता है। Images courtesy: © Getty Images
ब्लड ग्रुप ‘एबी’

बाकी तीन ब्लड ग्रुप की तुलना में 'एबी’ ब्लड ग्रुप काफी आधुनिक किस्म का ब्लड ग्रुप है। इस ब्लड ग्रुप की अच्छी बात यह है कि इस ग्रुप के लोग हर प्रकार का भोजन कर सकते हैं। दरअसल, ब्लड ग्रुप ‘ए’ और ‘बी’ दोनों ग्रुप्स का खाना ‘एबी’ ब्लड ग्रुप के लिए अनुकूल रहता है। मांस, सी फूड, डेयरी प्रोडक्ट्स, फल, सागसब्जी, टोफू आदि ये सभी खा सकते हैं। इन्हें जिन खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए, वे हैं - रैड मीट, बींस व कौर्न। ये डाइट फॉलो करने के साथ इन्हें थोड़ा पैदल चलना व टहलना भी चाहिये। Images courtesy: © Getty Images