फ्लू से जुड़े मिथ

फ्लू के हर मौसम में बड़ी संख्या में लोग इस गंभीर स्थिति पैदा कर सकने वाले वायरस से पीड़ित होते हैं। इसलिए इस समस्या से बचना जरूरी होता है। लेकिन अभी भी कई कारणों के चलते लोगों के बीच फ्लू को लेकर कई सारे मिथ हैं। अतः इस ववायरस के बारे में सही जानकारी कर इसकी रोकथाम करना ही सबसे अच्छा विकल्प होगा। तो चलिये जानते हैं कि लोगों के बीच इस वायरस को लेकर किस प्रकार के मिथ व्याप्त हैं, ताकि इससे बचकर रहा जा सके। Image courtesy: © Getty Images
आप फ्लू शॉट (टीका) से फ्लू हो सकता हैं

ये सत्य नहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार दरअसल फ्लू का टीका मृत वायरल कणों से बनाया जाता है, और जब तक वायरस जीवित न हों, यह आपको संक्रमित नहीं कर सकता। तो फ्लू शॉट से फ्लू होने की बात सरासर गलत है। Image courtesy: © Getty Images
युवा व स्वस्थ लोगों को फ़्लू से नहीं है खतरा

युवा व स्वस्थ लोगों को फ़्लू के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, ये सरासर गलत धारणा है। हालांकि यह सच है इन्फ्लूएंजा, युवा अंतर्निहित बीमारियों वाले बुजुर्ग आदि के लिए सबसे जोखिम भरा होता है, लेकिन यह स्वस्थ लोगों में भी गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। Image courtesy: © Getty Images
फ्लू में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण शामिल होते हैं

फ्लू में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण देखने को नहीं मिलते। यह सिर्फ एक मिथ है कि फ्लू में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या होती ही है। हालांकि हो सकता है कि फ्लू में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या भी हो जाए। लेकिन इसे फ्लू के लक्षण के तौर पर नहीं देखआ जा सकता। Image courtesy: © Getty Images
गर्भवती महिलाओं को फ्लू शौट नहीं देना चाहिए

यह भी पूरी तरह से गलत है, बल्कि गर्भवती महिलाओं को तो जितना जल्दी हो सके, फ्लू शोट दे देना चाहिए। फ्लू शौट गर्भवती महिलाओं के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं, और मां और शिशु दोनों की रक्षा भी करता हैं। Image courtesy: © Getty Images
हाथ धोने से फ्लू को रोका जा सकता है

हाथ धोने से फ्लू को रोके जा सकने की बात एक मिथ ही है। हाथ धोना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन ये इंफ्लुएंजा के वायरस को नहीं रोक सकता। इंफ्लुएंजा का वायरस छूत की बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति की लार की बूंदों के माध्यम से हवा में फैलता है। Image courtesy: © Getty Images
यदि फ्लू हो, तो इसका अर्थ है कि शॉट ने काम नहीं किया

ऐसा नहीं है, फ्लू का टीका खसरे या पोलियो की रक्षा वाले टीके की तरह नहीं होता है, जोकि सौ प्रतिशत रक्षा करते हैं। फ्लू का शॉट एक बार में केवल 60 से 90 प्रतिशत तक ही प्रभावी होता है। तो इसके लगने के बाद भी संक्रमण की आशंका बचती है। Image courtesy: © Getty Images
एंटीबायोटिक्स फ्लू से लड़ सकते हैं

एंटीबायोटिक दवाएं इस वायरस पर काम नहीं करती हैं। जबकि फ्लू से लड़ने के लिए कुछ एंटीवायरल दवाएं (आरएक्स) होती हैं। इसलिए कभी भी फ्लू होने पर खुद से एंटीबायोटिक्स देने की गलती न करें। Image courtesy: © Getty Images