फ्लू के बारे में कुछ बड़े मिथ
फ्लू की गंभीरता को देखते हुए इससे बचना जरूरी होता है। लेकिन अभी भी कई कारणों के चलते लोगों के बीच फ्लू को लेकर कई सारे मिथ व्याप्त हैं।

फ्लू के हर मौसम में बड़ी संख्या में लोग इस गंभीर स्थिति पैदा कर सकने वाले वायरस से पीड़ित होते हैं। इसलिए इस समस्या से बचना जरूरी होता है। लेकिन अभी भी कई कारणों के चलते लोगों के बीच फ्लू को लेकर कई सारे मिथ हैं। अतः इस ववायरस के बारे में सही जानकारी कर इसकी रोकथाम करना ही सबसे अच्छा विकल्प होगा। तो चलिये जानते हैं कि लोगों के बीच इस वायरस को लेकर किस प्रकार के मिथ व्याप्त हैं, ताकि इससे बचकर रहा जा सके।
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ये सत्य नहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार दरअसल फ्लू का टीका मृत वायरल कणों से बनाया जाता है, और जब तक वायरस जीवित न हों, यह आपको संक्रमित नहीं कर सकता। तो फ्लू शॉट से फ्लू होने की बात सरासर गलत है।
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युवा व स्वस्थ लोगों को फ़्लू के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, ये सरासर गलत धारणा है। हालांकि यह सच है इन्फ्लूएंजा, युवा अंतर्निहित बीमारियों वाले बुजुर्ग आदि के लिए सबसे जोखिम भरा होता है, लेकिन यह स्वस्थ लोगों में भी गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।
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फ्लू में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण देखने को नहीं मिलते। यह सिर्फ एक मिथ है कि फ्लू में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या होती ही है। हालांकि हो सकता है कि फ्लू में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या भी हो जाए। लेकिन इसे फ्लू के लक्षण के तौर पर नहीं देखआ जा सकता।
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यह भी पूरी तरह से गलत है, बल्कि गर्भवती महिलाओं को तो जितना जल्दी हो सके, फ्लू शोट दे देना चाहिए। फ्लू शौट गर्भवती महिलाओं के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं, और मां और शिशु दोनों की रक्षा भी करता हैं।
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हाथ धोने से फ्लू को रोके जा सकने की बात एक मिथ ही है। हाथ धोना सेहत के लिए अच्छा होता है, लेकिन ये इंफ्लुएंजा के वायरस को नहीं रोक सकता। इंफ्लुएंजा का वायरस छूत की बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति की लार की बूंदों के माध्यम से हवा में फैलता है।
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ऐसा नहीं है, फ्लू का टीका खसरे या पोलियो की रक्षा वाले टीके की तरह नहीं होता है, जोकि सौ प्रतिशत रक्षा करते हैं। फ्लू का शॉट एक बार में केवल 60 से 90 प्रतिशत तक ही प्रभावी होता है। तो इसके लगने के बाद भी संक्रमण की आशंका बचती है।
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एंटीबायोटिक दवाएं इस वायरस पर काम नहीं करती हैं। जबकि फ्लू से लड़ने के लिए कुछ एंटीवायरल दवाएं (आरएक्स) होती हैं। इसलिए कभी भी फ्लू होने पर खुद से एंटीबायोटिक्स देने की गलती न करें।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।