भ्रूण की फीटल किक
फीटल मूवमेंट भ्रूण में होने वाला वह मूवमेंट है। जो मांसपेशियों में गतिविधियों की वजह से होती है।

फीटल मूवमेंट भ्रूण में होने वाला वह मूवमेंट है। जो मांसपेशियों में गतिविधियों की वजह से होती है। पहली बार की मूवमेंट किसी भी प्रकार से बाध्य नही होती, लेकिन रीढ़ की हड्डी में स्वयं उत्पन्न होने वाले तंत्रिका आवेगों से होती हैं। नर्वस सिस्टम परिपक्व होने पर मूवमेंट बढ़ जाती हें।

तथ्य यह है कि इस समय बच्चा अपने आप मांसपेशियों की गतिविधि करने में सक्षम होता है। मां के लिए यह खास बनाता है। यह गर्भावस्था के महत्वपूर्ण चरण की शुरुआत की निशानी है। हर महिला गर्भवास्था के तीसरी तिमाही के दौरान फीटल किक के अनुभव से जरूर गुजरती है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, वह अपनी मौजूदगी का एहसास करता है। भ्रूण मूवमेंट मां के लिए बहुत मायने रखती है। यह प्रेग्नेंसी के अनुभव को जीवंत बना देती है।

पहली बार जब भ्रूण किक मारता है, तो आपको सनसनाहट जैसा महसूस होती है। जैसे कोई चीज आपको छूती हुई निकल गई। कई बार पेट में गैस भी बनती है। जिससे आपको लगता है आपका बच्चा पैर मार रहा है, लेकिन धीरे-धीरे आप बच्चे के किक मारने के अनुभव को सहजता से महसूस करने लगेंगी। पहली बार किक में और दूसरी बार की किक में बच्चा थोड़ा समय लेता है और इसका अनुभव भी अलग होता है, लेकिन जब आप प्रतिदिन बच्चे की किक महसूस करेंगी, तो यह आपके पहले दिन के अनुभव से एकदम अलग होगा। यानी जरूरी नहीं कि बच्चे की किक के दौरान आपको हर बार एक जैसा ही महसूस हो।

आमतौर पर महिलाओं को गर्भावस्था के बीसवें हफ्ते तक फिटल किक्स का एहसास होने लगता है। धीरे-धीरे उन्हें अपने अंदर पल रहे बच्चे के सोने व जागने का पता भी चलने लगता है। कई महिलाओं मे देखा गया है की उन्हे पहले फिटल किक का एहसास करीब चौबीस हफ्ते बाद होता है। हालांकि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। क्योंकि हर महिला के शरीर की बनावट अलग-अलग होती है और कई हद तक यह अमीनो फ्लूईड की मात्रा पर भी निर्भर करता है।

पहले सात महीने वैसे भी हम अपने ऑब्स्टेट्रीशियन से महीने मे एक बार मिलते हैं। फिर पंद्रह दिन में और फिर साप्ताहिक, इसीलिए फेटल किक्स काउंट करना काफी जरूरी है, इससे आप अपने बच्चे कि दिनचर्या के हलचल का पता लगा सकती हैं क्योंकि अगर बच्चा सामान्य किक करे तो मां को पता रहता है कि सब कुछ ठीक है, लेकिन जब भी इसमे बदलाव आता है तो मां इसकी रिपोर्ट डॉक्टर को दे सकती है।

बच्चे की पैदाइश से बत्तीसवें हफ्ते तक आपको किक ज़रूर महसूस होनी चाहिए। जब आपको यह किक महसूस हो, उसके बत्तीस हफ्तों तक गैस जैसा प्रतीत होता है। दिन के चौबीस घंटो के अंतराल के दौरान आपको किक, ट्विस्ट, टर्न मिलाकर कम से कम दस बार फील होना चाहिए। अगर आपको कुछ महसूस ना हो तो कोई मीठा स्नैक खाइए या मीठा शरबत पीजिए और उसके बाद कुछ देर के लिए लेट जाइए और अगले पंद्रह मिनट मे किक्स गिनना शुरू कीजिए, लेकिन अगर तब भी कुछ नही होता है तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को दिखाइए ताकि सब कुछ ठीक रहे।
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