गर्भनिरोधक गोलियों के दुष्प्रभाव से बचकर रहें
अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल सबसे आम उपाय है। लेकिन एक ताजा शोध से पता चला है कि इन गोलियों के इस्तेमाल के नुकसान भी हैं।

गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल अनचाहे गर्भ से बचने का सबसे आम उपाय है। लेकिन एक ताजा शोध से पता चला है कि इन गोलियों के इस्तेमाल के नुकसान भी हैं। इसके इस्तेमाल से मासिक धर्म अनियमित हो जाता है। कई बार तो इसके इस्तेमाल से अप्रत्याशित रूप से ब्लीडिंग भी होने लगती है। आइए हम आपको गर्भनिरोधक गोलियों के कुछ ऐसे दुष्प्रभावों के बारे में बताते हैं, जो आपके लिए तकलीफदेह हो सकते है। image courtesy : getty images

गर्भनिरोधक गोली का सबसे बुरा साइड इफेक्ट यह है कि इसको लेने से उल्टी या चक्कर आना शुरू हो जाता है। और कई महिलाओं को इसके साथ-साथ बहुत ज्यादा कमजोरी का भी एहसास होता है। image courtesy : getty images

गर्भनिरोधक गोलियों में एस्ट्रोजन वास्तव में एस्ट्रोजन एथिनील-एस्ट्राडिओल के रूप में होता है। और इसके कुछ खास किस्म के साइड इफेक्ट होते हैं। यह ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, रक्त के गाढ़ेपन और बहने की क्षमता को बदल सकता है। जिससे आपको आधे सिर में दर्द रहता है। image courtesy : getty images

गर्भावस्था को रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का काम ओव्यूलेशन और निषेचन होने से रोकना है। गर्भनिरोधक गोलियां इस काम तो आती है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने से कुछ ही महीनों में यह ओव्यूलेशन साइकिल को बिगाड़ देती है। image courtesy : getty images

गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने के दूसरे महीने के बाद कई महिलाओं को हेवी ब्लीडिंग तथा भारी दर्द का समाना भी करता पड़ता है। इसमें ओव्यूलेशन गड़बड़ हो जाता है और यह प्रजनन प्रणाली पर भी प्रभाव डालता है। image courtesy : getty images

अगर आप गर्भनिरोधक गोलियों लेती है तो कभी भी इसे लंगे समय तक न लें। एस्ट्रोजन वाली गर्भनिरोधक गोली लेने के बाद अक्सर महिलाएं शिकायत करती है कि उन्हें हर समय थोड़ा–थोड़ा सिर में दर्द रहता है और जल्दी ही वह थक जाती है। image courtesy : getty images

गर्भनिरोधक की हर गोली में गेस्टाजन ग्रुप के भी हार्मोन होते हैं। इस ग्रुप के हार्मोनों से भी कुछ महिलाओं को परेशानियां होती हैं। इससे शरीर की चयापचय क्रिया पर प्रभाव पड़ता है, मासिकधर्म अनियमित हो जाते है और त्वचा का रंग बदलने लगता है। image courtesy : getty images

उन महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियां लेने के कारण खून के थक्के जमने या ब्लड क्लोटिंग होने की आशंका बढ़ जाती है, जो मोटापे की शिकार हैं, उम्र बहुत ज्यादा है या घर के सदस्यों को ब्लड क्लोटिंग की समस्या रह चुकी है। image courtesy : getty images

अगर आप किसी भी तरह के शारीरिक गतिविधि किये बिना गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं तो आपका मोटापा बढ़ने की संभावना बहुत अधिक रहती है। इन गोलियों में मौजूद प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजन के साइड इफेक्ट से महिलाओं के शरीर में पानी की मात्रा बढ जाती है। इससे उनकी कमर, जांघों और हिप के आस-पास मोटापा सबसे ज्यादा असर दिखाई देता है। image courtesy : getty images

कोपेनहोगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक सेवन महिलाओं के प्रजनन तंत्र को समय से पहले बूढ़ा बना देता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से महिलाओं की बायोलॉजिकल क्लॉक प्रभावित होती है और 30 साल से कम उम्र की महिलाएं की फर्टिलिटी को नुकसान पहुंच सकता है। शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि 30 साल से कम उम्र की जो महिलाएं गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन अधिक करती हैं उनकी अंडकोष उम्रदराज महिलाओं की तरह होने लगते हैं। image courtesy : getty images
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