वजन कम करने के लिए योग

योग आपको शारीरिक व मानसिक दोनों तरह से फिट रखता है। योग करने से शरीर मजबूत होता है, मांसपेशियां टोन होती है और वजन भी कम होता है। योग ना सिर्फ शरीर पर जमा चर्बी को कम करता हैं बल्कि शरीर को लचीला भी बनाता हैं जिससे आप स्वस्थ रहते हैं। नियमित रूप से योग करने से आप वजन कम करने के साथ शेप में भी आ जाते हैं। image courtesy : getty images
धनुरासन

इस योग आसन में शरीर की आकृति सामान्य तौर पर खिंचे हुए धनुष के समान हो जाती है, इसीलिए इसे धनुरासन कहते हैं। धनुरासन से पेट की चरबी कम होती है। इससे सभी आंतरिक अंगों, मांसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाये। फिर दोनों पैर आपस में एक-दूसरे से जोड़ें। दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें। घुटनों तथा पंजों के बीच में एक फुट का अंतर रख कर दोनों पैरों के टखनों को हाथों से पकड़ें। हाथों के सहारे दोनों पैरों के घुटने, जांघ तथा धड़ को सुविधानुसार एवं क्षमतानुसार ऊपर उठाएं। श्वास-प्रश्वास सहज रखें। इस स्थिति में आरामदायक अवधि तक रुक कर वापस पूर्व स्थिति में आएं। image courtesy : getty images
पश्चिमोत्तानासन

यह आसन पेट की चर्बी घटाने में काफी कारगर है। इस आसन से शरीर की सभी मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है। इसे करने के लिए पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं अब हथेलियों को घुटनों पर रखकर सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं व कमर को सीधा कर ऊपर की ओर खींचे, अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें व हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़कर माथे को घुटनों पर लगा दें। ध्‍यान रखें कि घुटने मुड़ने नहीं चाहिए। और कोहनियों को जमीन पर लगाने का प्रयास करें। image courtesy : getty images
भुजंगासन

पेट की चर्बी कम करने, कमर पतली करने और कंधे चौड़े व बाजू मजबूत करने में यह आसन बहुत फायदेमंद होता हैं। शरीर को लचीला और सुडौल बनाने में इसका बहुत महत्व है। भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहते हैं। क्‍योंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा पॉस्चर बनाता है। इसे करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, लेकिन कोहनी आपकी मुड़ी होनी चाहिए। हथेली खुली और जमीन पर फैली हो। अब शरीर के बाकी हिस्सों को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें। कुछ समय के लिए इस मुद्रा में यूं ही रहें। image courtesy : getty images
पूर्वोत्तानासन

इस आसन से चर्बी घटाने में आसानी होती है। यह शरीर के निचले भाग और बाजुओं को सुडौल बनाने के लिए अच्छा आसन है। इससे शरीर लचीला रहता है। इसे करने के लिए अपने पैरों को सामने की ओर फैलाकर सीधे बैठ जाएं। ध्‍यान रखें कि पंजे जुड़े हुऐ और रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। अब दोनों हाथों को जमीन पर टिकाकर कमर के निचले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकंड इस अवस्था में रहने के बाद वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं। image courtesy : getty images
कपालभाति

कपालभाति प्राणायाम करने से पेट की चर्बी कम होती है। इसे करने के लिए ध्यान के किसी भी आसन में बैठ जाएं। दोनों हथेलियों को घुटनों पर ज्ञानमुद्रा में रखें। आंखों को ढीली बंद करें। नासिका से एक हल्के झटके से श्वास बाहर निकालें तथा नासिका द्वारा सहज श्वास अंदर लें। यह कपालभाति की एक आवृत्ति है। इसकी 25 आवृत्तियों का एक चक्र करें। एक चक्र के बाद दो-तीन गहरी श्वास लेकर दूसरे चक्र का अभ्यास करें। धीरे-धीरे चक्रों की संख्या बढ़ाते जाएं। image courtesy : getty images
बालासन

इस आसन को करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पेट की चर्बी घटती है। शरीर के भीतरी अंगो में लचीलापन लाता है। शरीर और दिमाग को शांति देता है। इसके अलावा यह घुटनों और मासपेशियों को स्‍ट्रेच करता है। इसे करने के लिए घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएं और शरीर का सारा भाग एड़ियों पर डालें। गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। ध्‍यान रखें कि आपका सीना जांघों से छूना चाहिए, अब अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड इस अवस्था में रहें और वापस उसी अवस्था में आ जाएं। image courtesy : getty images
उष्ट्रासन

उष्ट्रासन में ऊंट की आकृति बनाई जाती है। इसी कारण इस उष्ट्रासन कहा जाता है। यदि पेट ज्‍यादा निकला है तो इस योग से आपका पेट, कमर, छाती और बाहों पर असर पड़ता है। इसे करने के‍ लिए वज्रासन में बैठ क अपने घुटनों के बल खड़े हो जाये। घुटनों से कमर तक का भाग सीधा रखें व पीठ को पीछे की ओर मोड़कर हाथों से पैरों की एड़ियां पकड़ लें। अब सिर को पीछे की आरे झुका दें। image courtesy : getty images
अग्निसार

यह क्रिया पाचन ‍प्रक्रिया को गति‍शील कर उसे मजबूत बनाती है। इसके साथ ही पेट की चर्बी घटाकर मोटापे को दूर करती है तथा यह कब्ज में भी लाभदायक होता है। इस प्राणायाम को खड़े होकर, बैठकर या लेटकर तीनों तरह से किया जा सकता है। बैठ कर करने के लिए सिद्धासन में बैठकर दोनों हाथ को दोनों घुटनों पर रखकर किया जा सकता है। इसे करने के लिए खड़े होकर पैरों को थोड़ा खोलकर हाथों को जंघाओं पर रखें। सांस को बाहर रोक दें। फिर पेट की पंपिंग करें यानी पेट अंदर खींचें, फिर छोड़ें। image courtesy : getty images
तितली आसन

तितली आसन करते समय मुद्रा तितली के समान हो जाती है। इसलिए इस आसन को तितली आसन कहते हैं। यह योग पेट और जांघ पर असर डालता है। यदि आपको जांघों और पैरों पर ज्‍यादा चर्बी है तो इस आसन को जरुर करें। इसे करने के लिए दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर तलुओं को आपस में मिलाकर एड़ियों को अधिक से अधिक निकट लाएं। हाथों से घुटनों को पकड़कर घुटनों को ऊपर उठाकर आपस में मिलाएं व नीचे जमीन की ओर दबाएं। 3-4 बार इस अभ्यास को कर लें। image courtesy : getty images