सकारात्मक एटीट्यूड

जब भी आपके बच्चे के सामने करो या मरो की सिचुएशन हो तो उसके आत्मविश्वास को बढ़ाये। उसको बतायें ये मौका उसे कुछ सीखाने के लिए मिला। इसमे होने वाली जीत व हार दोनो ही उसकी जिंदगी के जरूरी सबक है। उसे बस अपना अच्छा प्रदर्शन देना है, ये भूलकर कि इसका क्या नतीजा आएगा। उसके साथ सकारात्मक एटीट्यूड के साथ डील करे। उसमे उस परिस्थिति में खुश रहने की सीख दें।Image Source-Getty
दूसरा मौका

हार अक्सर हताशा दे जाती है, इससे पहले कि आपके बच्चे में ऐसी कोई भावना घर कर जाए, उसे बताए कि जिंदगी में दूसरा मौका भी मिलता है। कई बार असफल होने वाले लोग भी अपनी जिंदगी मे कुछ ऐसा कर जाते है कि इतिहास में भी उनका नाम दर्ज हो जाता है। बच्चों के लिए पैरेंट्स से मिला मोटिवेशन बहुत जरूरी होता है। अगर पेरेट्स अपने बच्चे को हार के सबक भी सिखला दे, तो हार कर भी आपका बच्चा जीत जाएगा। Image Source-Getty
लिखकर निकाले डर

आपकी बेटी का सिंगिंग ऑडिशन हो या बेटे का फाइनल फुटबॉल मैच किसी भी तरह का प्रेशर उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। हो सकता है आपकी बातों को अभी उसका दिमाग समझने की स्थिति में ना हो, आप अपने बच्चे को बोलें कि वो अपने सभी तरह के डर को एक पेपर पर लिख दे। जैसे जैसे वो अपनी परेशानियों को लिखेगा, धीरे धीरे हर एक को सुलझाने का तरीका वो खुद ढ़ूंढ़ लेगा । Image Source-Getty
हौसला बढ़ाये

अगर आपका बच्चा किसी गिटार के कॉम्पटीशन में पार्टीसीपेट कर रहा हो और बीच में ही गिटार के तार टूट जाए तो क्या होगा। अपने बच्चों को इस तरह की सिचुएशन के बारे में पूछकर उसे मानसिक रूप से तैयार करे। ताकि किसी भी तरह के हालात उसके प्रदर्शन को प्रभावित ना कर सके। Image Source-Getty
सफलताएं गिनाएं

सफलता आत्मविश्वास को बढ़ाती है। अगर आपके बच्चे में भी प्रदर्शन का दबाव हो तो उसे उसकी सफलताओं और क्षमताओं के बारें में बताय़ें। ये आपके बच्चे के आत्मविश्वास को मजबूत करेगा। जैसे ही आपका बच्चा प्रदर्शन के लिए जाने वाला हो उसे बताए कि वो ये काम पिछली बार कितने अच्छे से कर सकता है। उसे अच्छा प्रदर्न करने के लिए प्रोत्साहित करे। Image Source-Getty