नाभि में पियर्सिंग से होने वाला संक्रमण

कान-नाक में छेद करवाने का चलन दुनियाभर में सदियों से चला आ रहा है, लेकिन फैशन परस्‍त आज की युवा पीढ़ी होंठ और नाभि से लेकर शरीर के विभिन्न हिस्सों को छिदवाने को फैशन समझती है। 14-18 आयु वर्ग के युवाओं के बीच नाभि पियर्सिंग विशेष रूप से काफी लोकप्रिय होता जा रहा है हालांकि नाभि से ऊपर के टॉप पहनने पर यह काफी हॉट लगता है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि लेकिन सभी जगहों की तुलना में नाभि पियर्सिंग को ठीक होने में काफी समय लग जाता है और ठीक ढंग से पियर्सिंग न करवाने से संक्रमण होने की संभावना भी बहुत बढ़ जाती है। अगर पियर्सिंग कराने के बाद पहले दो दिनों ठीक रहता है तो बहुत अच्‍छा है। लेकिन अगर उस हिस्‍से में लाली या बदबूदार, हरा, पीला मवाद दिखाई तो तुरंत इस पर ध्‍यान देना चाहिए। या आप कुछ घरेलू उपायों द्वारा भी इस समस्‍या से बच सकते हैं।
गर्म नमक का पानी

गर्म नमक का पानी नाभि इंफेक्शन के इलाज के लिए एक कारगर उपाय है। गर्म पानी से निकलने वाली हीट संक्रमित हिस्‍से में रक्‍त के प्रवाह को बढ़ाने और नमक नमी को अवशोषित कर हीलिंग की प्रक्रिया को बढ़ा देता है। इसके अलावा, यह एक शानदार कीटाणुनाशक के रूप में भी काम करता है। इंफेक्‍शन होने पर बस आपको इतना करना है कि एक कप गर्म पानी में एक चम्‍मच नमक मिला लें। फिर इस मिश्रण में कॉटन को डूबोकर संक्रमित त्‍वचा को साफ कर लें। इसके बाद एंटी-बैक्‍ट‍ीरियल क्रीम को लगा लें। संक्रमण से जल्‍द राहत पाने के लिए नियमित रूप से इस उपाय को दिन में दो बार करें।
गर्म सिकाई

गर्म सिकाई का इस्‍तेमाल संक्रमण से होने वाली परेशानी और दर्द से राहत दिलाने में काफी प्रभावी होता है। एक साफ कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर अतिरिक्‍त पानी को निकाल दें। अब इस गर्म कपड़े को संक्रमित हिस्‍से पर कुछ मिनट के लिए रखें। दर्द और परेशानी को कम करने के लिए आपको इस उपाय को दिन में कई बार दोहराने की आवश्‍यकता हो सकती है।
टीट्री ऑयल

टीट्री ऑयल में मौजूद एंटीफंगल, एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह नाभि के संक्रमण के लिए बहुत ही अद्भुत उपाय है। इसे इस्‍तेमाल करने के लिए कुछ बूंदे टीट्री ऑयल की लेकर उसे एक चम्‍मच जैतून के तेल में मिला लें। फिर इस मिश्रण को प्रभावित हिस्‍से में कॉटन बॉल की मदद से लगाये। कुछ मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। संक्रमण के इलाज के लिए इस उपाय को दिन में 2-3 बार दोहाराये।
संक्रमित हिस्से पर एल्कोहल लगायें

एल्‍कोहल को भी आप संक्रमित हिस्‍से में लगा सकते है। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह फैलने से भी रोकता है। इसके अलावा, टीट्री ऑयल से जलन और दर्द को कम करने में भी मदद मिलती है। संक्रमण होने पर थोड़ी सी मात्रा में शराब लेकर उसे कॉटन बॉल की मदद से प्रभावित हिस्‍से पर लगाकर कुछ समय के लिए ऐसे ही छोड़ दें। संक्रमण को जल्‍द ठीक करने के लिए इस उपाय को एक या दो सप्‍ताह के लिए दिन में कई बार करें।
सफेद सिरके का इस्तेमाल

सफेद सिरका अपने एसिडिक प्रकृति के कारण जाना जाता है और यह संक्रमण को दूर करने के साथ-साथ इसके प्रसार को रोकने का भी एक शानदार उपाय है। संक्रमण को ठीक करने के लिए दो भाग गुनगुने पानी में एक भाग सिरके को मिलाकर कॉटन की मदद से संक्रमण पर लगाये। फिर इसे कुछ मिनट के लिए ऐसे छोड़ दें। संक्रमण से बचने के लिए नियमित रूप से इस उपाय को दिन में 2-3 बार करें।