जानें ढलती उम्र के निशान मिटाने वाले एक्सरसाइज के बारे में
बढ़ती उम्र की पहचान केवल झुर्रियों से नहीं होती। जोड़ों का दर्द, कब्ज की समस्या, धुंधली दृष्टि आदि भी बढ़ते उम्र के निशान हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है तो ये चार आसान एक्सरसाइज करें और फिट रहें।

पूरी दुनिया में बुजुर्गों की तादाद बढ़ रही है। चीन में तो ये राष्ट्र की चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं सेंसस ब्यूरो के अनुसार 2030 तक अमेरिका की 20 फीसदी आबादी 65 से अधिक उम्र के लोगों की होगी। ये स्थिति हर एक देश की है। लोग बड़े हो रहे हैं। लोगों की उम्र बढ़ रही है। अधिकतर बिजनेसपर्सन की उम्र बढ़ रही है। साथ ही कम उम्र में बड़ों वाली बीमारी जैसे जोड़ों का दर्द, मेमोरी लॉस, धुंधला दिखना आदि, बच्चों और युवाओं में अभी से ही देखने को मिल रही है। ऐसे में अगर आप भी बढ़ते उम्र की बीमारियों और रिंकल्स से डरते हैं तो उनसे डरिये और ये सारे उपाय अपनाइए।

उपाय बहुत ही सिम्पल हैं। इसके लिए आपको केवल एक्टिव रहने की जरूरत है। आप जितना अपने आपको एक्टिव रखेंगे उतना ही ज्यादा खुद को फिट रख पाएंगे। लेकिन आज की व्यस्त लाइफ औऱ ऑफिस वर्क में लोगों का अधिकतर काम बैठे-बठे होता है। ऐसे में बढ़ती उम्र की बीमारियां और अन्य समस्याएं होना लाज़िमी है। अगर आप भी काफी बिजी रहते हैं और ऑफिस वर्क करते हैं तो आप ये कुछ विशेष तरह के एक्सरसाइज कर बढ़ती उम्र के निशान को बाय कह सकते हैं।

इसके लिए आपको सुबह-शाम तीस मिनट टहलना या चलना है। रोज का टहलना डीमेंशिया को आपसे कोसो दूर रखेगा। आप मैराथन में तो दौड़ने नहीं जा रहे हैं। ना ही किसी रनिंग कॉम्पीटिशन में आपको मेडल जीतना है। सो आराम से चलें और खुद को फिट रखें। एक स्टडी के अनुसार 65 उम्र के ऊपर के जिन लोगों ने हफ्ते में तीन बार 15 मिनट की एक्सरसाइज की उनमें डिमेंशिया का खतरा अन्य वृद्ध लोगों की तुलना में एक-तिहाई कम देखा गया। ऐसी ही एक अन्य स्टडी न्यूरोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुई है। जिसके अनुसार अगर आप एक हफ्ते में 72 ब्लॉक घूमते हैं तो डिमेंशिया औऱ मस्तिष्क संकुचन का खतरा 50 फीसदी तक कम हो जाता है।

योग के फायदे हर किसी को मालुम होते हैं लेकिन करता कोई नहीं। जबकि एक स्टडी के अनुसार “सिल्वर योगा” वृद्धों में कब्ज, बॉडी फैट, सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर औऱ अनिद्रा की समस्या को कम करता है।
योग ना करने के सबके पास एक ही बहाना होता है- टाइम नहीं है। तो उन लोगों को हमारा एक ही जवाब है कि टाइम किसी के पास नहीं होता टाइम निकालना पड़ता है। अगर आप फिर भी टाइम नहीं निकाल पा रहे हैं तो काम के दौरान ही रोज 15 मिनट बैठे-बैठे गहरी सांस लें और छोड़ें। दिन में दो-तीन बार सीधे बैठकर हाथ-पैरों को दो से तीन मिनट के लिए स्ट्रेच कर लिया करें।

कनाडा की एक स्टडी में इस बात की पुष्टि की गई है कि आर्थ्राइटिस में स्वीमिंग औऱ वार्म-वाटर एक्सरसाइज लोगों को फायदा पहुंचाती है। इस स्टडी में 79 उन वृद्धों का शामिल किया गया जिन्हें हिप की आर्थ्राइटिस की समस्या थी। इस स्टडी में ये देखा गया कि स्वीमिंग से लोगों के गिरने और हड्डियां टूटने के चांसेस में कमी आई है। स्वीमिंग के अन्य फायदे भी देखने को मिले। स्वीमिंग से आर्थ्राइटिस के दर्द में कमी देखी गई है और मॉबिलिटी को बूस्ट होने में मदद मिली।

अधिकतर लोगों का सोचना है कि स्वस्थ रहने के लिए रुटीन चेकअप कराना और हॉस्पीटलाइज होना सबसे अच्छा उपाय है। जबकि ये गलत है। ऐसा हमेशा नहीं होता। इजराइल की एक स्टडी के अनुसार जो मरीज हॉस्पीटल में बिस्तर पर बैठकर आराम करने के बजाय एक-दूसरे के कमरे में जाते थे और दूसरों से बात करते थे, उन्हें अन्य मरीजों की तुलना में हॉस्पीटल में कम दिन बिताने पड़ें। ये बिल्कुल उसी तरह है जैसे स्कूल और कॉलेज के दिनों में आप दोस्तों के साथ शाम को खेलते या घूमते थे औऱ फिट रहते थे। सो... अगर कुछ नहीं कर सकते तो अवारागर्दी करें। दिन में अधिक से अधिक बार उठकर अपने सहकर्मी के डेस्क पर जाएं। बुजुर्ग सुबह-शाम अपने दोस्तों के घर जाएं औऱ गपशप करें। इससे शरीर में मानसिक और शारीरिक चुस्ती आएगी।
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