मौसम के हिसाब से शिशु के लिये तेल का चुनाव

शिशु को नहलाने से पहले उसकी तेल से मालिश करना भारत में किसी परंपरा की तरह है। इससे पहले हमने ये बताया था कि शिशु की मालिश के लिये कौंन से तेल सबसे बेहतर हैं। लेकिन ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या हर मौसम में एक ही तरह के तेल से शिशु की मालिश की जा सकती है? जी नहीं, आपको अपने शिशु की मालिश के लिये मौसम के हिसाब से तेल का चुनाव करना होता है। तो चलिये जानें बच्चे की मसाज के लिए किस मौसम में कौन सा तेल है सही - Images source : © Getty Images
गर्मियों में बच्चे की मालिश के लिए सबसे अच्छा तेल

गर्मी के महीनों में नारियल के तेल को बच्चे की मालिश के लिये सबसे अच्छा तेल माना जाता है। इससे शिशु की मसाज करने पर शरीर पर शीतलन प्रभाव पड़ता है। इसी तरह, तिल का तेल (sesame oil) भी कई क्षेत्रों में एक लोकप्रिय विकल्प है। हालांकि, जैतून और बादाम के तेल अन्य वनस्पति तेलों की तुलना में अधिक महंगे होते हैं, ये गर्म या ठंडे दोनों ही मौसम में अच्छी तरह से काम करते हैं।Images source : © Getty Images
सर्दियों के मौसम में बच्चों के लिये बेस्ट तेल

सरसों का तेल ठंड के मौसम में मालिश करने के लिये सबसे अच्छा होता है, क्योंकि ये शरीर को गर्मी प्रदान करता है। देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में सरसों के तेल को मालिश के लिये लहसुन और मेथी बीज के साथ गरम किया जाता है। दरअसल लहसुन में एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं, और माना जाता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। वहीं मेथी बीज शरीर को आराम देने के लिए जाना जाता है। वहीं कुछ जगहों पर सरसों के तेल को मसाज से पहले अजवाइन डालकर गर्म किया जाता है। यदि आप इसकी तीखी गंध की वजह से सरसों के तेल का उपयोग करना पसंद नहीं करते हैं, तो आप विकल्प के तौर पर बादाम या जैतून का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। Images source : © Getty Images
क्या देशी घी, मलाई या बेसन से बच्चे की मसाज सही है?

संभव हो तो देशी घी से शिशु की मालिश ना ही करें, क्योंकि यह काफी चिपचिपा होता है और बच्चे के पोर्स (pores) को बंद कर सकता है। साथ ही मलाई, बेसन या हल्दी आदि से भी शिशु की मसाज ना करें। ये बच्चे की त्वचा पर चकत्ते या जलन पैदा कर सकते हैं। शिशु की मसाज के लिये कच्चे दूध का उपयोग करना भी एक अच्छा विचार नहीं होता है, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा होता है। कच्चे दूध में बैक्टीरिया हो सकता है, जिसके कारण दस्त, या टीबी जैसे संक्रमण हो सकते हैं। सात ही अरोमाथेरेपी (Aromatherapy) तेलों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ये बेहद कठोर होते हैं और बच्चे की कोमल और संवेदनशील त्वचा के लिए अनुपयुक्त हैं।Images source : © Getty Images
संवेदनशील त्वचा वाले शिशु के लिये मसाज ऑयल

यदि बच्चे की त्वचा संवेदनशील हो, एक्जिमा हो या वह टूट रही हो तो वनस्पति तेलों जैसे, जैतून का तेल या उच्च ओलिक सूरजमुखी तेल का उपयोग नहीं करना चाहिये। इन तेलों में फैटी एसिड जिसे ओलेक एसिड (oleic acid) कहा जाता है, उच्च मात्रा में होता है। ओलेक एसिड बच्चे की त्वचा को अधिक शुष्क बना सकता है। इसके बजाए वनस्पति तेलों, जिनेमें लिनोलेनिक एसिड उच्च होता है, संवेदनशील त्वचा के लिए बेहतर होते हैं।Images source : © Getty Images