कच्चे आहार के बेहतरीन फायदे
कच्चे आहार में जरूरी पोषक तत्व होते हैं जिससे शरीर को भरपूर मात्रा में पोषण मिलता है। आइए हम आपको बताते हैं कि कच्चा आहार आपके सेहत के लिए कितनी फायदेमंद हैं।

खाद्य पदार्थों को पकाने, उबालने, भूनने अथवा तलकर खाने से उनमें मौजूद उपयोगी तत्व नष्ट हो जाते है। जो पाचन तंत्र के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए अच्छी सेहत के लिए भोजन में कच्चे आहार शमिल करें। कई कच्चे आहार भोजन को अच्छे से पचाने में सहायता करते हैं। इसके साथ-साथ कच्चे आहार में जरूरी पोषक तत्व होते हैं जिससे शरीर को भरपूर मात्रा में पोषण मिलता है। आइए हम आपको बताते हैं कि कच्चा आहार आपके सेहत के लिए कितनी फायदेमंद हैं।

कई खाद्य पदार्थों को पकाने में हम अत्यधिक मसालों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनके पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं, जबकि कच्चे आहार में शरीर को पोषण देने वाले जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जिसे खाने से शरीर स्वस्थ रहता है।

आमतौर पर अधिक तलकर, भूनकर या पकाकर खाना खाने से पेट को हानि पहुंचती है। यदि भोजन को पकाने के बजाय कच्चा खाया जाए तो पेट ठीक रहता है। कच्चे आहार में मौजूद रेशे और एंजाइम पाचन शक्ति को ठीक और मजबूत करती है जिससे भोजन को पचाने में मदद मिलती हैं।

कच्चा आहार खाने का पूरक होता है और इसमें मौजूद रेशे पेट में जाकर फैलते हैं। जिससे पेट भरा-भरा सा लगता है और आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। जिससे शरीर में अतिरिक्त वसा नहीं जाती है और मोटापा कम किया जा सकता है।

कच्चे आहार शरीर के साथ-साथ आपके दांतों के लिए भी फायदेमंद है। कच्चे आहार को अच्छी तरह से चबाकर ही निगला जा सकता है इसलिए इससे शरीर को पोषक तत्व मिलने के साथ-साथ दांतों की एक्सरसाइज भी हो जाती हैं।

डिब्बाबंद और अन्य कृत्रिम आहारों की तरह कच्चे आहार में मिलावट नहीं हो सकती। कच्चा आहार जल्दी खराब नहीं होता और इसमें मौजूद पोषक तत्व लंबे समय तक बरकरार रहते हैं।

कच्चे आहार में एंटीऑक्सीडेंट होता है जिससे रक्तचाप की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा कच्चे भोजन में विटामिन, खनिज लवण, वसा, अम्ल आदि उपयोगी पौष्टिक तत्व स्वाभाविक अवस्था में विद्यमान रहते हैं। जिससे शरीर स्वस्थ और मजबूत रहता है।

कच्ची सब्जियां और कच्चे फल खाने से कई बीमारियां जैसे-कैंसर, डायबिटीज आदि से बचाव होता है। साथ ही कच्चा आहार महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इसे खाने से महिलाओं के मासिक धर्म में समस्या नहीं होती है।

पके हुए आहार को सोखने में शरीर के सीमित एंजाइम तेजी से प्रवाहित होते हैं, लेकिन प्राकृतिक आहार से वे शरीर में अपने प्राकृतिक रूप में बने रहते हैं। इससे बुढ़ापा आने में समय लगता है।

कच्चे आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ का शामिल करें जिन्हें कच्चे रूप में ही आसानी व मजे से खाया जा सके जैसे-टमाटर, मूली, गाजर, बंदगोभी, शलजम, प्याज, खीरा, ककड़ी आदि। पुदीना, हरा धनिया, कच्चे आम, इमली आदि को चटनी के रूप में कच्चा खाया जा सकता है। कई साग जैसे पालक का साग, बथुआ का साग, चने का साग, मूली के नरम पत्ते आदि कच्चे रूप में सेवन किये जा सकते हैं।

अंकुरित आहार को भी कच्चा आहार ही माना जाता है। अंकुरित आहार न सिर्फ उर्जावान बनाता है बल्कि शरीर का आंतरिक शुद्धिकरण कर रोग मुक्त भी करता है। अंकुरित आहार अनाज या दालों के वे बीज होते जिनमें अंकुर निकल आता हैं इन बीजों की अंकुरण की प्रक्रिया से इनमें रोग मुक्ति एवं नव जीवन प्रदान करने के गुण प्राकृतिक रूप से आ जाते हैं।
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