वैक्सिंग के फायदे और नुकसान के बारे में जानें
महिलाएं शरीर से अनचाहे बालों को हटाने के लिए वैक्सिंग कराती हैं ताकि उनकी त्वचा साफ-सुथरी और मुलायम रहें। लेकिन क्या आप जानती हैं वैक्सिंग के कितने प्रकार हैं और हर प्रकार के क्या फायदे और नुकसान हैं।

शरीर के अनचाहे बालों को हटाने के लिए वैक्सिंग की जाती है। मुख्यत: वैक्सिंग दो प्रकार की होती है - ठंडी वैक्सिंग और गर्म वैक्सिंग। इन दोनों तरीकों को प्रयोग करने के दौरान बेस के रूप में पैराफिन या बीसवैक्स, रेसिन तथा लुब्रिकेटर का प्रयोग होता है। रेसिन बालों को स्ट्रिप से जोड़ने, तेल या वसा का प्रयोग त्वचा को लुब्रिकेट करने के लिए किया जाता है। इन तरीकों का प्रयोग करने से बालों को निकालने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इन दोनों का असर त्वचा पर महसूस किया जाता है, यानी गर्म और ठंड दोनों तरह के तापमान को आप महसूस करते हैं।

गर्म वैक्स को प्रयोग करने से पहले वैक्स को पिघलना पड़ता है। पिघले वैक्स को त्वचा पर लगाया जाता है। इसपर एक कपड़े को दबाया जाता है। जब तापमान घटता है तो ये मोम बालों के साथ कड़ा हो जाता है। इसके बाद कपड़े को बाल उगने की उल्टी दिशा में खींच दिया जाता है। अगर आप लगातार वैक्स करवाती रहें तो धीरे-धीरे बाल आना काफी कम हो जाता है।

ठंडी वैक्स जो ट्यूब में भरी हुई होती है, उसे बिना गर्म किये भी प्रयोग किया जा सकता है। ठंडी वैक्सिंग में हल्का कठोर वैक्स पहले से स्ट्रिप्स पर लगा होता है। इन स्ट्रिप्स को चेहरे पर बाल के बढ़ने की दिशा में ज़ोर से दबाया जाता है और फिर बाल बढ़ने की उल्टी दिशा में खींच दिया जाता है। वैक्सिंग करवाने से हाथ या पैरों के छोटे से छोटे बाल भी आसानी से निकल जाते है और पूरी स्किन साफ निकल आती है

गर्म वैक्सिंग की प्रक्रिया में वैक्सिंग ज़्यादा अच्छे तरीके से होती है। यह थोड़ी दर्द भरी प्रक्रिया है और इसके परिणाम पहली बार प्रयोग करने पर ही पता चल जाता है। इसे दोहराने की कोई आवश्यकता नहीं है। वैक्सिंग करवाने से ड्राई और डेड स्कीन निकल जाती है और बाल भी हट जाते है जिससे छूने पर पंख जैसा स्पर्श महसूस होता है। किसी और प्रकार से बालों को हटाने पर ऐसा नहीं होता है। ठंडी वैक्स की स्ट्रिप्स अलग आकार प्रकार में उपलब्ध होती है और इनका प्रयोग शरीर के विभिन्न भागों पर किया जा सकता है। यह प्रक्रिया गर्म वैक्सिंग से कम दर्दनाक होती है, पर अच्छे परिणामों के लिए इसका प्रयोग बार बार करना पड़ता है।

गर्म वैक्सिंग काफी उलझी हुई प्रक्रिया है। गर्म वैक्स का प्रयोग शरीर के छोटे हिस्सों जैसे होंठों और भौंहों पर करना काफी मुश्किल है। ठंडी वैक्सिंग की प्रक्रिया को बार बार दोहराने से त्वचा में जलन और अंदरूनी रूप से बालों के फोलिकल (follicle) के बढ़ने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।

वैक्स करने से पहले व बाद में त्वचा को साफ जरूर करें, क्योंकि वैक्सिंग के बाद त्वचा पर संक्रमण होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं । ऐसा तब होता है, जब त्वचा पर बैठा बैक्टीरिया खुले रोमछिद्रों से त्वचा में घुस जाता है। वैक्स सदैव ङमेशा एयरकंडिशंड कमरे में ही करे। क्यूंकि गर्मियों में त्वचा पर हल्का हल्का पसीना रहता ही है जिससे कारण ठीक प्रकार से वैक्स नहीं हो पाती।
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