मधुमक्खी के डंक मारने के बाद तुरंत करें ये 3 उपचार, नहीं फैलेगा जहर
मधुमक्खी का डंक काफी जहरीला होता है और इसमें काफी तेज दर्द और जलन होती हैं और डंक वाली जगह सूजन भी आती है।

मधुमक्खी जिसे हनी बी भी कहा जाता है। एक उड़ने वाला किट है जो छत्ता बना कर रहती है। यह अक्सर अपना छत्ता घर की छत या पेंड की टहनियों पर बनाते हैं। और कई बार आपके संपर्क में आने से मधुमक्खी आपको डंक मार देती है। इसका डंक काफी जहरीला होता है। और इसमें काफी तेज दर्द और जलन होती हैं और डंक वाली जगह सूज भी जाती है। लेकिन अगर समय रहते इसके डंक को निकाल दिया जाये और कुछ घरेलू उपायों द्वारा उपचार किया जाये तो जलन और फैलने वाले जहर को कम किया जा सकता है। क्या आपको भी कभी मधुमक्खी ने डंक मारा है? अगर ऐसा है तो लक्षणों को कम करने के लिए कुछ तरीकों को अपनाया जा सकता है। आइए इस स्लाइड शो के माध्यम से जानते हैं कि मधुमक्खी के डंक के लिए उपचार कैसे किया जा सकता है।

मधुमक्खी के काटने पर डंक को काटे हुए हिस्से से तुरंत बाहर निकालें। लेकिन ध्यान रहें कि डंक को अपने हाथों से निकालने की कोशिश न करें क्योंकि इससे हाथों में जहर फैल सकता है। किसी कार्ड या धातु का प्रयोग कर डंक को निकालें।

मधुमक्खी के काटने पर ठंडा पानी बहुत फायदेमंद होता है। डंक लगने पर डंक वाली जगह को तुरंत ठंडे पानी में कम से कम 5 मिनट के लिए रखें। ठंडक रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ती है और दर्द और खुजली को सुन कर देती है। या मधुमक्खी के डंक मारने पर डंक वाले हिस्से पर बर्फ को कपड़ें में बांध कर लगभग 10 मिनट के लिए हल्के-हल्के लगाये। इससे आपको तुरंत आराम मिल जायेगा।

शहद भी अपने एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण मधुमक्खी के काटने पर उससे होने वाले डंक के असर को खत्म कर देता है। इसके लिए डंक वाले हिस्से में शहद को अच्छे से लगाकर छोड़ दें। इसका ठंडा और सुखदायक प्रभाव डंक के लक्षणों को काफी हद तक कम कर देता है।

मधुमक्खी के डंक के लिए कैलामाइन लोशन भी बहुत अच्छा होता है। डंक के असर को कम करने के लिए प्रभावित भाग पर कैलामाइन लोशन लगाकर 40 मिनट के लिए छोड़ दें और चार घंटे के बाद दोबारा इसे लगाये।
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चूना एक बहुत ही अच्छा अल्कोलाइड है, जो एसिड के असर को तुरंत कम करता है। इसलिए चूना मधुमक्खी के काटने पर उसके जहर को शरीर में फैलने से रोकता है। इसके साथ ही वह जहर के असर को तुरंत खत्म करता है। डंक के असर को कम करने के लिए चूना में हल्का सा पानी मिलाकर पेस्ट बनाकर इसे डंक वाले हिस्से में लगाये।

गेंदे के फूल के रस में एंटीफंगल तत्व पाये जाते है। और इसका इस्तेमाल मधुमक्खी के डंक पर करने से डंक से होने वाली जलन और सूजन को कम किया जा सकता है। इसके फूल के रस को मधुमक्खी डंक वाली हिस्से पर सीधा लगाने से लाभ मिलता है।
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मधुमक्खी के डंक से फैलने वाले जहर को कम करने में टूथपेस्ट भी मददगार होता है। इसके लिए मधुमक्खी के डंक वाली जगह को पूरी तरह से टूथपेस्ट से लेप कर ढक देना चाहिए। इस उपाय को एक दिन में कम से कम तीन से चार बार करें।
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