सांसों की बदबू के कारण

सांसों की बदबू एक ऐसी समस्या है जिसके चलते अक्सर लोग शर्मिदगी महसूस करते हैं। बावजूद इसके अधिकांश लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। और न ही सही समय पर इसका इलाज करवाते हैं। लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते कि सांसों से आने वाली बदबू का संबंध सिर्फ मुंह या दांतों से ही नहीं है बल्कि कई बीमारियों से भी हैं। आइए जानें, बदबूदार सांसें किन बीमारियों का संकेत है। Image Courtesy : Getty Images
पेट में खराबी

वैसे तो सांसों से आती बदबू आमतौर पर मुंह से जुड़ी होती है, लेकिन कई बार शरीर के किसी भी हिस्‍से में आने वाले बदलाव के कारण भी यह समस्‍या हो सकती है। कभी-कभी पेट की खराबी भी सांसों की बदबू का कारण बनती है। पेट की समस्‍या एसिड रिफ्लक्स होने पर शरीर की पाचन क्रिया ठीक नहीं रहती। इसमें सीने और छाती में जलन होती है। कई बार इस समस्‍या से ग्रस्‍त व्‍यक्ति को घबराहट भी होने लगती है और खट्टी डकार आती हैं। जिससे सांसों से बदबू आने लगती है। Image Courtesy : Getty Images
मुंह में इन्फेक्शन

नियमित रूप से ब्रश न करने और दांतों की सफाई न रखने से भी सांसों की बदबू परेशान करती है। मुंह में रह गए भोजन के कण और बैक्टीरिया के कारण कई बार इंफेक्‍शन हो जाता है। इन बैक्टीरिया द्वारा उत्सर्जित सल्फर, यौगिक के कारण आपकी सांसों में दुर्गंध पैदा करता है। इसलिए मुंह के इंफेक्‍शन से बचने के लिए गर्म पानी से मुंह साफ करें। जीभ का पिछला हिस्सा विशेष तौर पर साफ करें क्‍योंकि वहीं पर सबसे ज्‍यादा बैक्टीरिया छिपे घुसे रहते हैं।Image Courtesy : Getty Images
साइनस

साइनस की बीमारी से पीड़ित व्‍यक्ति की सांसों से दुर्गंध आने लगती है। साइनस के कारण व्यक्ति की नाक अवरुद्ध हो जाती है और वह मुंह से सांस लेने लगता है। इससे मुंह सूखने लगता है और जीवाणुओं को पनपने का मौका मिल जाता है। इसके साथ ही आपके साइनस से नाक होकर बहनेवाला द्रव आपके गले में जाकर सांसों में दुर्गंध पैदा करता है।Image Courtesy : Getty Images
मसूड़ों की बीमारी

सांसों से बदबू और मुंह का स्वाद खराब रहना मसूड़े के रोग पेरिडोंटल के लक्षण हो भी हो सकते हैं। यह बीमारी बैक्टीरिया से निकलने वाले प्लेक (विशेष प्रकार के चिपचिपे तत्व) से होती है। हाइड्रोजन सल्फाइड भाप बनाते हैं। आपके दांतों पर बैक्टीरिया (सड़न) का एक रंगहीन और चिपचिपा फिल्म जमा हो जाता है। जिसमें मसूड़े इतने कमजोर हो जाते हैं कि ये दांतों को सपोर्ट नहीं दे पाते और दांत गिरने लगते हैं। सांसों की बदबू को दूर करने के लिए दांतों के अन्दर मसूड़ों पर टार की परत न जमने दें। Image Courtesy : Getty Images
मुंह सूखना (ड्राइ माउथ सिंड्रोम)

लार की सहायता से मुंह में नमी और मुंह को साफ रखने में मदद मिलती है। लेकिन कई बार मुंह में लार बननी कम हो जाती है जिसके कारण जीरोस्टोमिया यानी ड्राइ माउथ नामक रोग हो सकता है। इस रोग के होने से मृत कोशिकाओं का जीभ, मसूड़े और गालों के नीचे जमाव होता रहता है। ये कोशिकाएं क्षरित होकर दुर्गंध पैदा करने लगती हैं। सूखे मुंह की समस्‍या आमतौर पर सोते समय होती है।Image Courtesy : Getty Images
फेफड़ों में संक्रमण के कारण

फेफड़े का गंभीर संक्रमण और फेफड़े में गांठ से सांसों से बदबू आने लगती है। अन्य बीमारियां, जैसे कुछ कैंसर और चयापचय की गड़बड़ी से भी सांसों में दुर्गंध पैदा हो सकती है। इसके अलावा बहुत अधिक तंबाकू खाने वाले लोगों में जब पेरिडोंटल बीमारी ओरल कैंसर में तब्दील होने लगती है तो भी सांसों से तेज बदबू आती है।Image Courtesy : Getty Images
श्वसन तंत्र में संक्रमण

गर्दन के लिम्‍फ नोड्स ("सूजन ग्रंथियों") में सूजन, बुखार, भरी हुए नाक, नाक से हरे या पीले रंग के डिस्‍चार्ज और बलगम उत्‍पादक खांसी भी सांसों से आने वाली बदबू का कारण बनती है। Image Courtesy : Getty Images