स्वस्थ और दमकती त्वचा की देखभाल के आयुर्वेदिक तरीके
त्वचा को स्वस्थ रखने और उसे निखारने के लिए आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं, इसकी खास बात यह है कि इसके साइड-इफेक्ट नहीं होते और यह प्राकृतिक रूप से त्वचा को जवां बनाता है।

हर किसी के दिल में होती है स्वस्थ और दमकती त्वचा की चाहत। फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष। और स्वस्थ त्वचा केवल बाहरी उत्पादों के इस्तेमाल से ही हासिल नहीं की जा सकती, इसके लिए भीतर से स्वस्थ होना भी जरूरी है। भीतर का स्वास्थ्य आपकी त्वचा के सौंदर्य के रूप में परिलक्षित होता है। और आयुर्वेद आपको आंतरिक व बाह्य दोनों रूप से स्वस्थ और सुरक्षित बनाये रखने में मदद करता है। आयुर्वेद प्रकृति की कोख से उपजी चिकित्सा पद्धति है। इसमें हानिकारक केमिकल्स नहीं होते और ऐसे में इसके साइड-इफेक्ट होने की आशंका भी बहुत कम होती है।
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त्वचा का उपचार करने से पहले उसकी प्रकृति को जानें। आयुर्वेद के अनुसार त्वचा तीन प्रकार की होती है - वात त्वचा, पित्त त्वचा और कफ त्वचा। अगर शरीर में वात यानी वायु की मात्रा अधिक है तो इसके कारण त्वचा रूखी हो जाती है और दाग-धब्बे भी इसी के कारण होते हैं। तनाव अधिक लेने के कारण शरीर में वात की मात्रा बढ़ती है, इसलिए तनाव से दूर रहने की कोशिश कीजिए।
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मांसाहार को आयुर्वेंद में तामसिक भोजन माना जाता है। यह शरीर में कई प्रकार की समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए आपको शाकाहार अपनाना चाहिये। ऐसी सब्जियों का सेवन कीजिए जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो। ये आसानी से पच जाती हैं। गाजर, खीरा, पपीता, खरबूजा आदि में पानी अधिक मात्रा में होता है। इनके सेवन से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और त्वचा में निखार आता है। तो रोज इन आहारों का सेवन कीजिये। इसके अलावा आप सुबह नींबू पानी का सेवन कीजिए, यह त्वचा में निखार लाता है।
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आयुर्वेदिक और प्राचीन औषधीय पद्धतियों में सूखे मेवों का बहुत महत्त्व है। ये शरीर से वात (ये विषाक्त पदार्थ हैं) को बाहर निकालने में मदद करते हैं। खाने में मौजूद फैट आपके शरीर को असंतुलित कर देते हैं इसे संतुलित करने में बीज और सूखे मेवे का बहुत अहम योगदान होता है। इसमें ओमेगा-3, हेल्दी फैट और फाइबर होता है जो पाचन क्रिया को मजबूत बनाते हैं। तो आज से बादाम, काजू, सूरजमुखी के बीज आदि को अपने आहार में शामिल कीजिए।
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वात तत्त्व सूखा और ठंडा होता है। अगर इसे संतुलित रखा जाये तो त्वचा में निखार आता है। इसलिए हमेशा हाइड्रेटेड रहें यानी शरीर में बिलकुल भी पानी की कमी न होने दें, इसके लिए आप चाय का भी सहारा ले सकते हैं, सामान्य चाय की तुलना में औषधीय चाय का सेवन कीजिए। दोपहर के खाने के बाद अगर आप नींबू या अदरक की चाय पीते हैं तो खाना आसानी से पचेगा और त्वचा में भी निखार आयेगा।
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निरोगी और स्वस्थ काया के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है, यह वात को नियंत्रित रखता है। अगर आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो बदलते मौसम में भी त्वचा को वात की वजह से अधिक समस्या नहीं होती है। चिकित्सक भी यह मानते हैं कि व्यायाम करने से मांसपेशियां और शरीर के जोड़ मजबूत होते हैं साथ ही पसीने के साथ विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकलते हैं। यह रक्तसंचार को सामान्य रखता है, पाचन क्रिया मजबूत होती है, और सबसे बड़ी बात शरीर स्वस्थ रहता है। तो अपनी पसंद का व्यायाम जैसे - जॉगिंग, टहलना, योग, डांसिंग, या बॉक्सिंग आदि कीजिए और अपनी त्वचा को निखारिये।
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तनाव के कारण शरीर में वात की समस्या होती है और तनाव को दूर करने का सबसे आसान तरीका है मेडिटेशन। सुबह के वक्त मेडिटेशन करने के कई फायदे हैं। ध्यान करते वक्त सांसों का अभ्यास कीजिए, लंबी-लंबी सांसे लीजिए। सुबह के वक्त मेडिटेशन 10-15 मिनट तक करें। इससे आपके फेफड़े मजबूत होंगे, और बीमारियों से बचाव होगा। ध्यान करने से त्वचा में भी निखार आता है।
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अनिद्रा का सबसे अधिक असर त्वचा पर पड़ता है, कई शोधों में भी यह बात साबित हो चुकी है कि कम सोने वाले लोगों की त्वचा समय से पहले बूढ़ी हो जाती है। इसलिए भरपूर नींद आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने और तचा को निखारने के लिए बहुत जरूरी है। चिकित्सकों की मानें तो रोज प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेना चाहिए।
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अंदर से हाइड्रेट रहने के अलावा त्वचा को बाहर से भी हाइड्रेटेड रखें। इसके लिए ऑयल मसाज का सहारा लीजिए, यह आपकी त्वचा को निखारता है और उसे कांतिमय बनाता है। ऑयल मसाज करने से त्वचा का रूखापन दूर होता है। सप्ताह में 2-3 बार एप्रीकेट तेल से मसाज करने से त्वचा में निखार आता है। पूरे शरीर में मसाज करने से रक्त संचार भी अच्छे से होता है। इसलिए त्वचा को निखारने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मसाज जरूर करें।
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