आयुर्वेद और आंखें

छोटी उम्र में ही चश्मा लग जाना आजकल सामान्य होता जा रहा है। इस समस्या से जूझ रहे लोग इसे मजबूरी मानकर हमेशा के लिए अपना लेते हैं। दरअसल आंखों की रोशना कमजोर होने का प्रमुख कारण आंखों की ठीक से देखभाल न करना, पोषक तत्वों की कमी या अनुवांशिक कारण होते हैं। आयुर्वेद हजारों वर्षों से चली आ रही चिकित्सा पद्धति है, जिसकी मदद से इस समस्या से निजात मिल सकती है। चलिये जानें आयुर्वेद के कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खे जो आंखों की समस्या को दूर करते हैं। Image courtesy: © Getty Images
आलोचक पित्त और आंखें

आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष (अग्नि और प्रकाश के तत्व) हमारी आंखों को नियंत्रित करता है। विशेष रूप से, उप दोष "आलोचक पित्त" आंखों में रहता है। आलोचक पित्त छवियों और रंग को अवशोषित करता है और आस-पास के दृश्‍यों की छाप लेने में मदद करता है। जब आलोचक पित्त संतुलन में रहता है तो आंखें चमकदार, स्वस्थ, उज्ज्वल, स्पष्ट व तेज दृष्टि वाली बनी रहती हैं। लेकिन जब यह पित्त बढ़ जाता है तो हम अतिरिक्त गर्मी, क्रोध और निराशाका अनुभव कर सकते हैं और इसका आंखों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।Image courtesy: © Getty Images
पानी का उपयोग

सुबह दांत साफ करके, मुंह में पानी भरकर मुंह फुला लें। इसके बाद आंखों पर ठंडे पानी के छीटे मारें। प्रतिदिन तीन बार सुबह, दोपहर तथा शाम को ठंडे पानी से मुख भरकर और फुलाकर और ठंडे पानी से आखों पर हल्के छींटे मारने से नजर तेज होती है। मुंह से पाने निकालते समय भी पूरे जोर से मुंह फुलाते हुए वेग से पानी छोड़ने से अधिक लाभ होता है, इससे आंखों के आस पास झुर्रियां नहीं होतीं और मस्तिष्क क्षेत्र में पित्त का संतुलन रखने में मदद मिलती है। Image courtesy: © Getty Images
विटामिन ए

विटामिन ए से समृद्ध भोजन करें, क्योंकि विटामिन ए की कमी कई दृष्टि समस्याओं का कारण बन सकती है। दूध क्रीम, ताजा दूध, पनीर, अखरोट, काजू, सोया सेम, गोभी, सलाद, मक्खन, शलजम, टमाटर, संतरे और हरी मटर आदि विटामिन ए के अच्छे स्रोत होते हैं। सेब और अंगूर का अच्छी मात्रा में सेवन आपकी दृष्टि में सुधार लाने में मदद करता है। Image courtesy: © Getty Images
त्रिफला

रात को मिट्टी के बर्तन में दो चम्मच त्रिफला चूर्ण एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर उस पानी से आंखे धोएं, आंखे स्वस्थ रहेंगी। साथ ही गाय के घी व शहद के मिश्रण (घी अधिक व शहद कम) के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन आंखों के लिए कमाल होता है। Image courtesy: © Getty Images
आंखों की कमजोरी के लिए

लगभग 125 ग्राम गाजर और खीरे का रस बराबर मिलाकर पीने से आंखों को फायदा होता है। साथ ही पालक का रस पीने तथा मूली के सेवन से भी आंखों की रोशनी बढ़ती है। मूली में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में होता है। इसके अलावा गन्ना व केला खाना तथा रोज एक गिलास नींबू पानी पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।Image courtesy: © Getty Images
सरसों का तेल

पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश करके सोने, सुबह के समय नंगे पैर हरी घास पर टहलने व नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने से आंखों की कमजोरी दूर होती है और दृष्टी में सुधार होता है।Image courtesy: © Getty Images
आंख में काजल

हल्दी गांठ को तुअर की दाल के साथ उबालकर, छायां में सुखाकर, पानी में घिसकर सूर्यास्त से पहले दिन में दो बार आंख में काजल की तरह लगाने से आंखों की लालिमा दूर होती है और आंखें स्वस्थ रहती हैं।Image courtesy: © Getty Images
बादाम

बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ तथा मिश्री को समान मात्रा में मिलाकर रोज इस मिश्रण का एक चम्मच, एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लेने से दृ्ष्टी तेज होती है। इसके अलावा बादाम से अपनी आंखों के आसपास मसाज करने से रक्‍त संचार बेहतर होता है।Image courtesy: © Getty Images
आई ड्रोप

एक चम्‍मच अदरक का रस, एक चम्‍मच सफेद प्‍याज का रस, एक चम्‍मच नींबू का रस तथा तीन चम्‍मच शहद को मिलाकर मिश्रण को एक साफ कपड़े से छान लें और एक शीशी में कर फ्रिज में रखें। इस मिश्रण की एक बूंद दिन में दो बार, सुबह और शाम को आंखों में डालने से आंखों के रोगों से बचाव होता है और दृष्टि‍ तेज होती है। Image courtesy: © Getty Images