हार्टबर्न से बचने के लिए बचें इनसे
हार्टबर्न की समस्या बहुत आम है। ये समस्या अक्सर खानपान के कारण होती है। कुछ चीज़ों के परहेज से आप इस समस्या से बच सकते हैं।

तला-भुना खाने से कई समस्याएं आती हैं, जिसमें से हार्ट बर्न की समस्या काफी आम है। हार्ट बन होने पर सीने के निचले भाग में जलन महसूस होती है। जब हार्ट बर्न होने लगता है तो पेट और सीने में दर्द, सूज, गैस्ट्रिक समस्या, गले में खट्टा स्वाद और मतली आने लगती है। हार्ट बर्न का कारण आमतौर पर अनुचित खानपान होता है। इसलिए, कुछ खाने पीने की चीज़ों का परहेज करना चाहिए, जिससे आपको हार्टबर्न न हो।
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चाय, कॉफ़ी, कोला आदि कैफीन वाले पेय पदार्थ हार्टबर्न का कारण बनते हैं। हालाँकि कॉफ़ी और कैफीन से गैस्टिक पीएच में परिवर्तन होता है इसका कोई प्रमाण नहीं है लेकिन एसिडिटी के पेशेंट्स को पहली बार में ही कैफीन वाले पेय ज्यादा नहीं लेने की सलाह दी जाती है क्यों कि कुछ व्यक्तियों में इसका प्रभाव हो सकता है कुछ में नहीं। इसलिए यदि आपको लगता है कि कॉफ़ी से आपको एसिडिटी की शिकायत होती है तो इससे परहेज करें।
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कई स्टडीज से पता चला है कि एल्कोहल और एसिडिटी में सीधा सम्बन्ध है। एल्कोहल गैस्टिक म्यूकोज को सीधा प्रभावित करता है। यह भोजन नलिका में एसिड आने का कारण भी बनता है।
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एसिडिटी से पीड़ित लोगों के लिए सिगरेट जहर के समान है। सिगरेट में निकोटिन होता है जो कि पेट की परत को प्रभावित करता है। यह भी भोजन नलिका में एसिड आने का कारण बनता है।
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अक्सर जब आप देर से खाना खाते हैं तो आप थके हुए होते हैं और 1 घंटे के भीतर ही आप सो जाते हैं। इस आदत को बदलना चाहिए। जब आप सोते हैं तो आपके शरीर की सारी क्रियाएँ धीरे हो जाती हैं। जिससे एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। इसलिए सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं।
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अगर आप मांसाहारी हैं तो आपको हार्टबर्न की समस्या कभी भी हो सकती है। बीफ और चिकन खाने से ये समस्या बहुत जल्दी हो सकती है। आपको फिश खानी चाहिए। इससे हार्टबर्न की समस्या ठीक होती है।
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डाइजेस्टिव डिजीज वीक 2003 में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार जो लोग खाना खाने में 30 मिनट लेते हैं उनमें एसिड रिफ्लक्स 8.5 बार होता है बल्कि जो लोग 5 मिनट में ही खाना खाते हैं उनमें यह 12.5 बार होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार ओवरईटिंग से पेट में खाने की मात्रा ज्यादा एकत्रित हो जाती है जो कि ज्यादा एसिड पैदा होने का कारण बनता है।
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आप क्या खाते हैं इसके साथ ही आप कितना खाते हैं यह भी महत्वपूर्ण है| आपके खाने की मात्रा मुख्य रूप से आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करती है। जिन लोगों के दो बार खाने के बीच ज्यादा अंतराल होता है उन्हें ओवरईटिंग की आदत होती है। ओवरईटिंग से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है जिसे ज्यादा एसिड बनता है। इसके बजाय आप थोड़े थोड़े अंतराल से तीन या या चार बार खाना खाएं।
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