फेफड़ों की गंभीर बीमारियों से बचाते हैं ये आहार
कम गुणवत्ता वाले आहार लेनेवालों की तुलना में स्वस्थ आहार लेने वालों में सीओपीडी का जोखिम एक तिहाई कम पाया गया। इससे ये साबित होता है कि आहार के माध्यम से आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं।

फेफड़े की गंभीर बीमारियों को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजिजेज या ‘सीओपीडी’ कहा जाता है। एंफायसेमा तथा ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में फेफड़े की वायु नलियां अवरुद्ध हो जाती हैं, जिसके कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। सीओपीडी होने का महत्वपूर्ण कारण धूम्रपान है, हालांकि सीओपीडी के एक तिहाई मरीजों ने कभी धूम्रपान नहीं किया, जिसका मतलब है कि इसके लिए कुछ अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं। इसके लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के आहार की गुणवत्ता यानी अल्टरनेटिव हेल्दी इटिंग इंडेक्स 2010 (एएचईआई-2010) तथा सीओपीडी के जोखिम के संबंधों की जांच की। निष्कर्ष में सामने आया कि कम गुणवत्ता वाले आहार लेनेवालों की तुलना में स्वस्थ आहार लेने वालों में सीओपीडी का जोखिम एक तिहाई कम पाया गया। इससे ये साबित होता है कि आहार के माध्यम से आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं। आइये जानते हैं ऐसे ही 7 आहारों के बारे में।
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फेफड़ों की सेहत को दुरुस्त बनाए रखने के लिए पानी बेहद जरूरी होता है। पानी से फेफड़े हाइड्रेट (गीले) बने रहते हैं और फेफड़ों की गंदगी इसी गीलेपन की वजह से बाहर निकल पाती है और फेफड़े सेहतमंद बने रहते हैं। इसलिये गर्मी हो या ठंड पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिये।
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लहसुन और प्याज में एलिसिन नाम का तत्व पाया जाता है। ये सूजन व जलन कम करता है और संक्रमण से निपटने में मदद करता है। ये फेफड़ों में घुसे प्रदूषक कणों को खत्म कर देता है। अस्थमा में लहसुन का सेवन लाभकारी होता है। लंग कैंसर में भी ये गुणकारी होता है।
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फेफड़ों को बेहतर तरीके के काम करने में फ्लेनॉयड्स, विटामिन ई और विटामिन सी मददगार होते हैं। सेब में ये तीनों तत्व पाए जाते हैं। इसके लिए बच्चों को सेब का जूस पिलाएं व बड़ों को सेब खाना चाहिए। ऐसा करने से उनके फेफड़े स्वस्थ रहेंगे और बीमारियों से बच जाएंगे।
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अदरक में ऐसे एंटी इनफ्लैमेट्री गुण होते हैं। इस वजह से ये सूजन, जलन जैसी दिक्कतों को दूर करता है। साथ ही ये फेफड़ों में घुसे प्रदूषक तत्वों को शरीर से बाहर कर हमें निरोगी बनाता है। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपके फेफड़े स्वस्थ रहें तो नियमित रूप से अदरक का सेवन करें।
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अनार में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की कोशिकाओं से विषैले पदार्थ को निकाल बाहर करते हैं। ऐसे में ये जहां फेफड़ों को कई सारी बीमारियों से बचाता है। वहीं फेफड़ों में ट्यूमर बनने से भी रोकता है।
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अदरक की तरह हल्दी में भी एंटी इनफ्लैमेट्री गुण होते हैं। हल्दी में सरकुमिन नाम का तत्व भी होता है। ये कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में कारगर है। हल्दी का नियमित प्रयोग फेफड़ों के रोगों से बचाता है।
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गाजर विटामिन ए और विटामिन सी का बड़ा स्त्रोत तो है ही, साथ ही, गाजर में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो सेहतमंद फेफड़ों के लिए उपयोगी होते हैं। आप गाजर को सलाद में, जूस के रूप में, सब्जी बनाकर या फिर ऐसे ही कच्चा खा सकते हैं।
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गोभी लंग कैंसर के प्रति सुरक्षा प्रदान करती है। पत्ता गोभी, फूल गोभी और खासकर ब्रोकली से फेफड़ों के कैंसर का खतरा घटकर आधा रह जाता है। इन सभी में क्लोरोफिल पाया जाता है जो खून बनाने और इसे साफ रखने में अहम भूमिका निभाता है।
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