किडनी असफलता के दौरान बचें इन आहारों से
यदि आपका गुर्दा फेल हो चुका है तो इस प्रकार के खाद्य-पदार्थों से परहेज करें। आइए हम आपको बताते हैं कि किड्नी फेल्योर के बाद क्या नही खाना चाहिए।

खान-पान का हमारे स्वास्थ्य पर अच्छा और बुरा दोनो तरह का असर होता है, कुछ हमे स्वस्थ बनाते हैं तो कुछ बीमार करते हैं। इसमें गुर्दा भी आता है और आहार का सीधा असर इस पर पड़ता है1 यदि आपका गुर्दा फेल हो चुका है तो इस प्रकार के खाद्य-पदार्थों से परहेज करें। आइए हम आपको बताते हैं कि किड्नी फेल्योर के बाद क्या नही खाना चाहिए।

एनिमल प्रोटीन में प्यूरीन मौजूद होता है जो किडनी में यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता हैं। जिससे यूरीन बहुत ज्यादा एसिडिक हो जाता है। यह यूरिक एसिड क्रिस्टल का गठन कर किडनी में जमा हो जाते है और किडनी में पथरी का रूप ले लेते हैं। यूरिक एसिड क्रिस्टल भी जोड़ों में जमा होकर वातरोगी गठिया का भी कारण बनते है। गुर्दा रोगियों के अमेरिकन एसोसिएशन के किडनी रोगियों ने इस तरह के अमीर प्यूरीन एनिमल प्रोटीन को कम लेने की सिफारिश की है। उसके स्थान पर शाकाहारी स्रोतों से प्रोटीन लेने को कहा है जो साबुत अनाज, सोया या फलियां से प्राप्त होता हैं।

सोडियम सीधे किडनी को प्रभावित करता है क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को बनाए रखने में मदद करता हैं। बहुत ज्यादा सोडियम का सेवन हाई बीपी को बढ़ावा देता है। इसलिए यह कहा जाता है कि किडनी से सम्बन्धित समस्या होने पर हमें सोडियम से भरपूर खाद्य पदार्थ नही लेने चाहिए। डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, चिप्स, फास्ट फूड, जमे हुए भोजन, प्रसंस्कृत पनीर स्लाइस, नमक, प्रसंस्कृत मांस, मसालेदार खाद्य पदार्थ और केचप यह सभी सोडियम सामग्री के साथ पैक खाद्य पदार्थ हैं।

किडनी की समस्याओं से पीडि़त किसी भी व्यक्ति को अपने खाद्य पदार्थों में से पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों की कटौती करनी चाहिए। पोटेशियम की मात्रा को कम करने के लिए कम मात्रा में फलों और सब्जियों का उपभोग करना चाहिए। हालांकि पोटेशियम का सेवन तभी कम करना है, जब इसकी आवश्यकता हो, यह फिर आपकी किडनी का फंग्शन 20 प्रतिशत से भी नीचे चला गया हो।

फास्फोरस कैल्शियम के अवशोषण को ब्लॉक कर देता है जिससे इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में कठिनाई आती है। इसलिए खाद्य पदार्थों में से फास्फोरस को कम करने की जरूरत है ताकि जिससे कैल्शियम को बनाए रखने में मदद मिल सकें। पनीर, दही, दूध, सोया पनीर, सोया दही और हार्ड चीज फास्फोरस से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।

हाई ऑक्सालेट फूड्स का सेवन करने से किडनी की पथरी की कई जगह विकसित हो जाती है। इसलिए इससे बचने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थ नही खाने चाहिए जिसमें ऑक्सालेट एसिड अधिक मात्रा में हो। यह खाद्य पदार्थों कॉफी, चाय, टोफू, बीट, जामुन, बादाम, संतरे, मीठे आलू, बीन्स, चॉकलेट, अंधेरे पत्तेदार हरी सब्जियां और मसौदा बियर में शामिल होते है।

विशेषज्ञों के अनुसार किडनी की समस्या होने पर पानी भी निर्देशानुसार कम मात्रा में ही पीना चाहिये तथा आहार में सोडियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस की मात्रा कम होनी चाहिये।
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प्रोटीन भी अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिये। सामान्यतः 0.8 से 1.0 ग्राम/ किलोग्राम प्रतिदिन शरीर के वजन के बराबर प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है।
आमतौर पर प्रोटीन बार में एक चॉकलेट ब्राउनी के रूप में दोगुनी मात्रा में फैट और कॉर्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जोकि नुकसानदायक होता है।
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कार्बोहाइड्रेट पूरी मात्रा में (35-40 कैलोरी / किलोग्राम शरीर के वजन के बाराबर रोज़) लेने की सलाह दी जाती है। घी, तेल मख्खन और चर्बी वाले आहार कम से कम लेने की सलाह दी जाती है। मेयो क्लिनिक के मुताबिक, मक्खन में ट्रांस फैट बहुत अधिक होता है, जो बुरे कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को बढ़ता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को कम करता है।
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धूम्रपान एवं तम्बाकू को किसी अन्य रूप में सेवन करने से किडनी को और भी समस्या हो सकती है। इसके अलावा इससे ऐथेरोस्कलेरोसिस नामक बीमारी भी हो सकती है, जिससे रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है। किडनी में रक्त कम जाने से उसकी कार्यक्षमता घट जाती है।
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प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ वे खाद्य पदार्थ होते हैं, जिनका सेवन करने से आपके पेट में गैस बनने लगती है और संक्रमण होने की आशंका भी रहती है। इसलिए केन फूड, चिप्स आदि खाने के बजाए साबुत आहार खाएं जो सेहतमंद भी होते हैं।
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