इन आसान उपायों से बनाएं लोगों का अपना कायल
बिना बहस किसी को अपना कायल बनाना आसान नहीं होता, लेकिन इन टिप्स को जानने के बाद आप आसानी से दूसरों को अपना कायल बना सकते हैं।

कई बार बहस करते-करते दो लोग आपस में झगड़ने लगते हैं, या फिर बहस दौरान दो लोग एक-दूसरे से सहमत नहीं होते। आपके साथ भी कई बार ऐसा होता है कि आप सच होते हैं और सामने वाला आपकी बात सुनकर उसे खारिज कर देता है। ऐसे में बहस होना स्वाभाविक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना बहस के भी आप सामने वाले शख्स को अपना कायल बना सकते हैं। इस स्लाइडशो में हम आपको बता रहे हैं कैसे बिना बहस के दूसरों को आप अपना कायल बना सकते हैं।

बिना बहस अपनी बात मनवाने के तरीके को लेकर एक दशक पहले अमेरिका की याल यूनिवर्सिटी ने एक शोध किया था। इस शोध के दौरान लोगों से यह पूछा गया था कि वो कोई भी चीज या बात किस हद तक समझते हैं, जैसे कि क्या उन्हें कार के स्पीडोमीटर के काम करने का तरीका पता है? या फिर, क्या वो जानते हैं कि सिलाई मशीन कैसे काम करती है? सवाल का जवाब देने से पहले ही लोगों से कहा गया कि वो अपनी जानकारी की रेटिंग करें फिर जवाब दें। दोनों में ज़मीन-आसमान का फर्क निकला, क्योंकि जो लोग खुद को विशेषज्ञ मानते थे उनके जवाब में ही कमियां थीं।

हम जब भी किसी से बहस करते हैं तो अक्सर उसकी बात खारिज करते हैं। फिर अपनी बात मनवाने पर जोर देने लगते हैं। ऐसे में हम यह भी फिकर नहीं करते कि मुद्दा क्या है। ऐसे में अगर सामने वाले को उस बात की जानकारी है तो वह भी आपकी बात को मानने से इंकार करता है। इसलिए सबसे पहले दूसरे की बात सिरे से खारिज न करें।

एक कहावत है, 'अध जल गगरी छलकत जाये' यानी अधूरी जानकारी रखने वाली ग्यानी नहीं मूर्ख होता है। इसलिए किसी बात को लेकर बहस करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी रखना बहुत जरूरी है। कोशिश करें कि आप जिस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं उसकी छोटी-बड़ी सभी तरह की जानकारी आपके पास होनी चाहिए।

मनोवैज्ञानिक, इस मुगालते को जानकारी की कंजूसी का नाम देते हैं। हम अक्सर ये सोचते हैं कि कोई बात अच्छे से समझने में हम क्यों समय बर्बाद करें, जब आधी-अधूरी जानकारी से ही हमारा काम अच्छे से चल रहा है। इसमें ही हम दूसरों पर रौब गांठने में कामयाब हैं। ऐसे में हम अपनी सतही जानकारी को ख़ुद से ही छुपाते हैं और सामने वाले को समझने की कोशिश भी नहीं करते।

अगली बार अपनी बात जबरदस्ती मनवाने की बजाय अपने अंदर अच्छे से खंगालें, कहीं आप ही गलत तो नहीं। यानी नए एटमी प्लांट लगाने की बात हो, या पूंजीवाद के पतन का मामला या फिर आप ये बात सही साबित करना चाहते हों कि दस हज़ार साल पहले डायनासोर, इंसानों के साथ इसी धरती पर रहते थे। याद रहे, आप पहले यह समझ लें, कि किस बुनियाद पर आप ये बात सही मानते हैं। अगर, आपको अपनी राय पर भरोसा नहीं, तो दूसरे आपकी बात नहीं मानेंगे। इसलिए दूसरों को अपना कायल बनाना है तो पहले खुद को अच्छे से तैयार करें।
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