अंडे की कच्ची और पकी जर्दी खाने के स्वास्थ्य लाभ
एग सेफ्टी सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार यदि आप कच्ची जर्दी (योक) खाते हैं, तो अंडे के बैक्टीरिया से दूषित होने की स्थिति में आपके बीमार होने का जोखिम बढ़ जाता है।

पोषण सामग्री को बढ़ाने के लिए कुछ एथलीट और बॉडीबिल्डर्स प्रोटीन ड्रिक्स में कच्चे अंडा को मिलाते हैं। अंडे में मूल्यवान पोषण होता है, फिर चाहे वह पकाया हुआ हो या फिर कच्चा। हालांकि, एग सेफ्टी सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार यदि आप कच्ची जर्दी (योक) खाते हैं, तो अंडे के बैक्टीरिया से दूषित होने की स्थिति में आपके बीमार होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिये आपके स्वास्थ्य के नजरिये से पकायी हुई जर्दी, कच्चे की बजाए कहीं बेहतर हो सकती है। चलिये जानें इस बार में और कई तथ्य।
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जब आप अंडा पकाते हैं तो, जर्दी की बनावट और स्वाद का परिवर्तन हो जाता है। तो कभी कभी इसे बनाने के विकल्प व्यक्तिगत वरीयताओं के पर निर्भर करते हैं। लेकिन इसके अवाला भी अंडे को खाने के पीछे विचार करने लायक कुछ स्वास्थ्य लाभ होते हैं। जैसे की यदि अंडे की जर्दी को पका कर खाया जाए तो इसके भीतर मोजूद बेक्टीरिया मर जाता है।
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अंडे की जर्दी को कच्चा खाने की सिफारिश नहीं की जाती है, लेकिन यदि इन्हें हल्का सा पकाया गया हो तो जर्दी अधिक पोषक तत्वों को बनाए रखती है और कोलेस्ट्रॉल के अस्वस्थ तरीके से परिवर्तन का खतरा भी कम होता है।
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अंडे को कभी भी कच्चा न खाएं। इसे उबाल कर खाने से अंडे में मौजूद आयरन और बायोटिन की उपलब्धता बढ़ जाती है। साथ ही बैक्टीरियम साल्मोनेला के संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है। अंडे को तल कर या दूध में पका कर खाया जा सकता है।
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बर्ड फ्लू के शिकार पक्षी से 10 दिनों तक इसके वायरस निकलते रहते हैं। ऐसे में यदि सही प्रकार से अंडे और मांस को पका कर खाया जाए तो बर्ड फ्लू होने का खतरा कम हो जाता है। डब्लूएचओ के अनुसार मुर्गे और अंडे खाने में कोई ख़तरा नहीं है, बस इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि वे तेज आंच में अच्छी तरह से पकाए गए हों। अंडों को उबालकर या फिर अच्छी तरह तल कर ही खाना चाहिए।
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दूषित भोजन खाने के 8 से 72 घंटे के भीतर मानव में साल्मोनेला संक्रमण दस्त, पेट में ऐंठन और बुखार का कारण बनता है। इसके अन्य लक्षणों में उल्टी, सिर दर्द और ठंड लगना शामिल होते हैं। यह संक्रमण कच्चा अंठा खाने से हो सता है। हालांकि ये लक्षण आमतौर पर चार से सात दिन में कम हो जात हैं।
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यदि आप अंडों को प्रशीतित रखते हैं और उन्हें अच्छी तरह से पकाते हैं, तो आप बैक्टीरिया से बीमार होने के खतरे को कम कर पाते हैं। साथ इन्हें खरीदने से पहले ठीक से जांच लें कि ये गंदे न हों और ना ही इनके आकार आदि में कोई खराबी हो। इन्हें जितनी जल्दी हो सके रेफ्रिजरेट करें, ऐसा करने से बैक्टीरिया बढ़ना बंद हो जाता है।
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वे लोग जिन्हें हाई ब्लडप्रेशर, डाइबिटीज व हृदय संबंधी बीमारियां होती हैं, उन्हें अंडे का पीला वाला हिस्सा (योक या जर्दी) किसी भी रूप में (कच्चा या पका) नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसमें बहुत अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हृदय के लिए हानिकारक होता है।
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