सोआ के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ
सोआ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारियों को रोकने में मदद करते है। इसके प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में से कुछ इस प्रकार है।

सोआ एक जड़ीबूटी है। इसके बीज का इस्तेमाल एक मसाले के रूप में किया जाता हैं, और इसकी ताजा या सूखी पत्तियां का उपयोग खाने में और जड़ी बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग सूप, अचार, सलाद और अन्य व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। किसी भी व्यंजन में कैलोरी और वसा रहित अतिरिक्त स्वाद जोड़ने का यह एक शानदार तरीका है।

सोआ में कैलारी की कम मात्रा होने के कारण यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखता है। इस जड़ी बूटी में कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन जैसे पिरीडॉक्सिन और नियासिन, साथ ही आवश्यक फाइबर भी होते है जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

सोया की पत्तियां और बीजों में लाइमोनीन और युजीनॉल जैसे आवश्यक तेल पाए जाते है। युजीनॉल, एंटीसेप्टिक और एनेस्थेटिक (संवेदनाहारी गुणों) के कारण चिकित्सीय लाभ प्रदान करता है। यह आवश्यक तेल रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक होता है। इस तरह से यह डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी होता है।

जड़ी बूटी के बीज से निकाले गये तेल में वातहर, पाचन, शामक और कीटाणुनाशक गुण होते है। इसके अलावा सोया राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड, बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, नियासिन और विटामिन सी से भरपूर होता है। यह सब शरीर के मेटाबोलिज्म के लिए आवश्यक होता हैं।

सोआ पोटेशियम, कॉपर, मैंगनीज जैसे आवश्यक खनिज का बहुत अच्छा स्रोत है। सोया से प्राप्त पोटेशियम, शरीर के घटकों जैसे तरल पदार्थ और कोशिकाओं और रक्तचाप और हृदय की दर को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होता है।

कैल्शियम की सही मात्रा हड्डियों को मजबूत बनाने और हड्डी नुकसान को रोकने के लिए बहुत अच्छा उपाय है। और सोआ कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या भी कैल्शियम की कमी से होती है। नियमित आधार पर सोआ का सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस को रोका जा सकता है।

सोआ में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण आंतरिक और बाह्य संक्रमण से लड़ने में हमारी मदद करते है। प्राचीन संस्कृति में घाव और जलने पर होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए सोआ के बीजों को लगाया जाता था।

गहरे रंग के फलों और सब्जियों में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर की फ्री रेडिकल्स से रक्षा करते है। सोआ के हरे रंग के कारण यह शरीर की प्रक्रियाओं को सक्रिय करने और मुक्त कण (फ्री रेडिकल) को बाहर निकालने में मदद करता है। इन मुक्त कणों के निष्कासन से हृदय रोग, कैंसर और अन्य कई प्रकार की बीमारियों को रोकने में मिलती है।

सोआ में मौजूद गुण पाचन प्रक्रिया में सुधार करने में मददगार होते है। यह पेट में अम्ल के स्तर का प्रबंधन कर सांस में बदबू और एसिड रिफ्लेक्स की समस्या को कम करने में मदद करता है। यह खराब पेट को ठीक करने, डायरिया से बचाव और आंतों में उत्पादित गैस की मात्रा को कम करता है। इसके अतिरिक्त, सोया में मौजूद फाइबर पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

सोया हिचकी के लिए एक पारंपरिक उपाय है। हिचकी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए उबलते पानी में एक चम्मच ताजा सोआ का मिश्रण मिलाकर थोड़ा ठंडा करके पीने से आराम मिलता है। कुछ लोग सोआ आचार के रस की कुछ बूंदे पीने से ही आराम मिल जाता है।

सोया में मौजूद आवश्यक तेल जैसे लाइमोनीन और युजीनॉल का शरीर पर एक शांत प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी शांति और विश्राम को बढ़ावा देने के लिए इसका प्रयोग कैमोमाइल के साथ भी किया जाता है।
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