जानें क्या हैं हरड के कमाल के फायदे
हरड़ एक प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो त्रिफला चूर्ण का एक अंग है और कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभों वाली होती है। चलिए आज हरड के कुछ कमाल के फायदों के बारे में जानते हैं और साथ ही जानते हैं कि हरड का सेवन कैसे फायदा पहुंचाता है।

हरड़ एक प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो त्रिफला चूर्ण का एक अंग है और कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभों वाली होती है। इसे हरीतकी भी कहा जाता है। देखने में छोटी सी हरड़ अनेक गुणों का भंडार होती है। इसे हमेशा असरदार साबित होने वाली औषधि कहा जाता है। एक हरड का नित्य सेवन लम्बी आयु देता है, इसी लिए देसी कहावत में कहा भी जाता है कि एक बार को मां नाराज हो सकती है, लेकिन हरड नहीं। चलिए आज हरड के कुछ कमाल के फायदों के बारे में जानते हैं और साथ ही जानते हैं कि हरड का सेवन कैसे फायदा पहुंचाता है।

माना जाता है कि हरड़ अधिकांश रोगों का हरण करने की क्षमता वाली होती है, इसलिए इसे हरीतकी कहा जाता है। हरड़ पेट को साफ करने और पाचन तंत्र को सुधार कर इसे मजबूत करने के लिए जानी जाती है। आयुर्वेद के अनुसार यह जड़ी-बूटी खाए गए पोषक तत्वों का अच्छे से समावेश कर शरीर को स्वस्थ बनाती है। इसके अलावा यह जड़ी बूटी शरीर को डिटॉक्स कर (विशेष रूप से पेट को), वजन कम करने में भी मददगार साबित होती है।

हरड का काढ़ा बनाकर पीने से यह त्वचा संबंधी एलर्जी आदि में लाभ देती है। इसके सेवन के लिए हरड़ के फल को पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाएं और दिन में दो बार इसाका नियमित रूप से सेवन करें। फंगल एलर्जी होने पर उपचार के लिए हरड़ के फल और हल्दी को पीस कर बनाए लेप को प्रभावित अंग पर दिन में दो बार लगाएं, एलर्जी जल्द ठीक हो जाएगी। इसके इस्तेमाल से बाल काले, चमकीले बनते हैं। उपयोग के लिए हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर लेप बनाएं और इसे अपने बालों पर लगाएं।

कब्ज की समस्या से परेशान लोगों के लिए हरड़ का प्रयोग वरदान की तरह होता है। जर्नल केमिको बायोलॉजिकल इंटरेक्शन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, हरड़ में गल्लिक एसिड नाम का तत्व मौजूद होता है जो एचडीएल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है और रक्त में प्लाज्मा इंसुलिन बढ़ जाता है। कब्ज़ दूर करने के लिए हरड़ के पल्प को चुटकीभर नमक के साथ खाएं या फिर 1/2 ग्राम लौंग अथवा दालचीनी के साथ लें।

हरड़ का लेप पतले छाछ के साथ मिलाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन से राहत मिलती है और दांत दर्द में भी आराम होता है। उल्टी होने पर हरड़ और शहद का सेवन करने से उल्टियां रुक जाती हैं। वहीं हरड़ को पीसकर इसके लेप को आंखों के आसपास लगाने से आंखों के रोगों दूर होते हैं। छोटी हरड़ को पानी में घिसकर छालों पर लगाने से छाले ठीक होते हैं।
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