खूबियों से भरी शतावरी
शतावरी के प्रयोग कई प्रकार के रोगों में किया जाता है। कैंसर के मरीजों के लिए यह बहुत ही कारगर औषधि है। नींद न आने की समस्या, खांसी, सिरदर्द, आदि के लिए यह बहुत फायदेमंद है। आइए हम आपको बताते हैं कि शतावरी के अन्य गुणों के बारे में।

शतावरी के अद्भुत लाभ
शतावरी झाड़ीनुमा पौधा होता है जिसमें फूल व मंजरियां एक व दो इंच लंबे या गुच्छे में लगे होते हैं। शतावरी को शीतल, मधुर एवं दिव्य रसायन माना जाता है। शतावरी का प्रयोग बहुत पहले से महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। इसका प्रयोग कई प्रकार के रोगों में किया जाता है। कैंसर के मरीजों के लिए यह बहुत ही कारगर औषधि है। नींद न आने की समस्या, खांसी, सिरदर्द, आदि के लिए यह बहुत फायदेमंद है। आइए हम आपको बताते हैं कि शतावरी के अन्य गुणों के बारे में।

खांसी दूर भगाएं
शतावरी का रस सूखी खांसी के लिए बहुत फायदेमंद होती है। कफ में खून आने की बीमारी में भी शतावरी खाने से लाभ होता है। खांसी होने पर अडूसे का रस, शतावरी का रस और मिश्री मिलाकर चाटने या तीनों को मिलाकर चूर्ण बनाकर खाने से खांसी समाप्त हो जाती है।

कैंसर के उपचार में योगदान
अमेरीका की नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार, शतावरी में मौजूद ग्लूटाथायोन उच्च कोटि का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, जो कि कैंसररोधी है। इसके अलावा शतावरी में विटामिन ए, बी, सी, पोटैशियम और जिंक पाया जाता है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला हिस्टोन नामक प्रोटीन कोशिका के विकास व विभाजन की प्रक्रिया को संतुलित करता है और कैंसर के उपचार में योगदान देता हैं।

अनिद्रा से बचाये
अनिद्रा के शिकार लोगों के लिए शतावरी बहुत ही फायदेमंद है। यदि आप तनाव के कारण नींद न आने की समस्या से परेशान है तो शतावरी का पांच से दस ग्राम चूर्ण, 10-15 ग्राम घी तथा दूध में डालकर खाने से आप तनाव से मुक्त होकर अच्छी नींद ले पायेंगे।

सामान्य और तेज दोनों तरह के बुखार में फायदेमंद
शतावरी का सेवन तेज और सामान्य दोनों प्रकार के बुखार में फायदा करता है। बुखार होने पर शतावरी और गिलोय का रस गुड़ में मिलाकर लेने से फायदा होता है।

गर्मी को सामान्य रखता है
शतावरी शरीर में अतिरिक्त रूप से बढ़ी हुई गर्मी को सामान्य करने वाला और पित्तशामक है। महिलाओं की रक्तप्रदर एवं अति ऋतुस्राव जैसी समस्याओं को सामान्य करने वाला तथा शीतलता प्रदान करने वाला होता है।

माइग्रेन के लिए कारगर औषधि
माइग्रेन जैसे सिरदर्द के लिए शतावरी बहुत कारगर औषधि है। माइग्रेन की समस्या होने पर शतावरी को कूट कर रस निकाल लें। अब इसमें बराबर मात्रा में तिल का तेल मिलाकर सिर पर मालिश करने से माइग्रेन में आराम मिलता है।

पेट के कैंसर के खतरे को कम करें
शतावरी में इनुलिन नामक अद्वितीय कार्बोहाइड्रेट होता है जो खाने को तब तक नहीं पचाता है जब तक कि वह बड़ी आंत में नहीं पहुंच जाता है। यहां पर यह पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करता है और पेट के कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है।

इम्यूनिटी को बढ़ावा देती है
सफेद शतावरी की अपेक्षा हरी शतावरी बहुत अधिक लाभकारी होती है। इसमें मौजूद विटामिन ए दृष्टि को बेहतर करता है, पोटेशियम, किडनी के कार्य को सुचारू रूप से करने में मदद करता है और मिनरल इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है।

ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करें
शतावरी में मौजूद कई प्रकार के एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग से बचाने में मददगार होते है। ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर है जो ब्लड में शुगर को कम करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। उन लोगों के लिए शतावरी बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। क्योंकि शतावरी विटामिन बी से समृद्ध स्रोत है और जो ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है।

एंजिग के असर को कम करें
शतावरी में ग्लूटाथायोन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो सूर्य की किरणों से होने वाल टैन, प्रदूषण और उम्र बढ़ने के प्रभावों से त्वचा की रक्षा के लिए जाना जाता है।
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