भूरे या काले दाग

यह भूरे या काले दाग होते हैं जो त्वचा पर होते हैं। यह धब्बे सूर्य की किरणों के संपर्क में आने वाली त्वचा के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं। इन्हे जिगर (लीवर) के धब्बों के रूप में भी जाना जाता है लेकिन वास्तव में, लीवर से इन धब्बों का कोई संबंध नहीं है। 40 की उम्र के बाद यह धब्बे होना आम बात है। इनको सिनाइल या सोलर लेंटीजीन्स भी कहा जाता है।
कारण

वास्तव में उम्र के धब्बे होने का क्या कारण है, यह ज्ञात नहीं है। वे बुढ़ापे और सूर्य की यू-वी किरणों से जुड़े हो सकते हैं। यह धब्बे उस हिस्से पर अधिक होते हैं जिस पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं जैसे: चेहरा, माथा, कंधे, हाथ, ऊपरी पीठ आदि।
लक्षण

धब्बे इस प्रकार के हो सकते हैं: भूरे या काले समतल पीड़ारहित
निदान और उपचार

डॉक्टर दाग और धब्बों के देख के बता देते हैं की यह बढ़ती उम्र की वजह से होने वाले धब्बे हैं। कुछ मामलों में शंका दूर करने के लिए त्वचा का टुकड़ा बायोप्सी के लिए भेजा जाता है। इन धब्बों से कोई भी स्वास्थ्य जोखिम नहीं होता है, और इनका उपचार भी आवश्यक नहीं है। आपकी त्वचा को बेहतर करने के लिए लोशन या क्रीम आपके चिकित्सक द्वारा बताया जा सकता है।
बचाव

उम्र के धब्बों से बचने का कोई निश्चित उपाय नहीं है। सूर्य की किरणों से बचने से इन धब्बों का जोखिम कम हो सकता है। इसे भी पढ़ें: भूख बंद कर देता है एनोरेक्सिया नर्वोसा डिस्आॅर्डर, जानें बचाव के तरीके