परिवार के साथ खाना खाने के फायदे

पहले समय में परिवार के साथ बैठकर खाना खाने की परंपरा थी लेकिन आज परिवार में साथ बैठकर खाना अब बीते समय की बात हो गई है। एकल परिवार के कारण यह परंपरा खत्‍म हो गई है। पैरेंट्स बेहद बिजी रहते हैं और बच्चों के अपने अलग प्लान बन जाते हैं। अपनी सुविधा और भूख के हिसाब से सभी परिवार वाले अपने समय से खाना खाते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि परिवार के साथ बैठकर खाना खाना बहुत फायदेमंद हो सकता है आइए जानें कैसे।
आपसी संवाद बना रहता है

आजकल के बच्‍चे अपने में खोये रहते हैं, न जाने कब कौन सा नेगेटिव विचार उनके दिमाग में आ जाये पता ही नहीं चलता। ऐसे में परिवार के साथ बातचीज खत्‍म होने पर गलत फैसलों की ओर बढ़ते हैं। आज के दौर में बड़ी समस्‍या को सिर्फ साथ खाने से दूर किया जा सकता है। साथ खाने से मुश्किल हालातों में भी कम्युनिकेशन बनता है।
फैमिली वैल्यूज के लिए जरूरी

किशोर बच्चों में साथ खाने की आदत डालना इस दौर में बेहद जरूरी है। क्‍योंकि आज बच्‍चों की जिंदगी में गैजेट्स ने अपनी इतनी जगह बना ली है कि उनकी फैमिली वैल्‍यू के बारे में जानकारी नहीं है। फैमिली वैल्यू मजबूत बनाने के लिए साथ खाना खाने पर जोर दें। उन्हें उनके रूम में खाना खाने की आदत न पड़ने दें। ऐसा करने से पेरेंट्स और बच्चों का रिश्ता गहरा होता जाता है। और वह एक-दूसरे की लाइफ और अनुभव से सीखते हैं।
मुश्किल अकेली, हल सामूहिक

टर्की में परिवार के साथ बैठकर खाने की परंपरा है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि साथ खाने से परिवार वालों के बीच बातचीत होती है। अकेली आई मुश्किलों के बारे में डिनर टेबल पर बात होती है और घर के सभी लोग मिलकर उसका कोई न कोई अच्छा हल निकाल लेते हैं। इसमें परिवार आपके साथ होता है।
स्वस्थ खाने की आदत और मेमॉरी को बनाये रखना

अकेले खाते समय बच्‍चों को कुछ भी असंतुलित और गैर-जरूरी खाने की प्रवृत्ति होती है। लेकिन अगर बच्‍चे पेरेंट्स के साथ खाना खाएंगे तो ख्‍याल रखेंगे कि वह स्‍वस्‍थ आहार ले रहे हैं या नहीं। साथ में खाएंगे तो ऐसा फूड होगा जो सबकी पसंद का तो हो लेकिन पोषक तत्‍वों से भरपूर हो। इससे आप बच्चों के बाहर खाना खाने की आदत भी कम कर पाएंगी। इसके अलावा जब आपके बच्चे बड़े होंगे तब वे आपके साथ बिताए हुए मील-टाइम्स कभी नहीं भूलेंगे। उन्हें इस बात का अहसास रहेगा कि परिवार का साथ बैठकर खाना कितना जरूरी है और आगे चलकर वे अपने बच्चों में भी यही आदत डालेंगे। इस तरह आप चाहें तो ये परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जरूर पहुंचेगी।
टेबल मैनर्स को जानेंगे बच्चे

साथ खाने से बच्चों में टेबल मैनर्स भी डेवलप किए जा सकते हैं। कभी आपने सोचा है क्यों हमें खाने, खाना बनाने, चलने, दौड़ने, लाइफ के ऐसे ही सबक सीखने के लिए किसी स्कूल क्यों नहीं जाना पड़ता। क्योंकि ये सब हम घर पर ही सीखते हैं। बड़े होकर बच्चे ऊंचे मुकाम पाएंगे लेकिन मैनर्स डिनर टेबल पर ही सीखेंगे। बच्चों को इसके लिए किसी पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट क्लास में भेजने की जरूरत नहीं होगी। साथ खाते हुए उनमें अच्छी आदतें डाल सकेंगी।