प्रेगनेंसी के दौरान पेट दर्द

गर्भावस्था के दौरान पेट में जकड़न या ऐंठन होना आमतौर पर सामान्य है। लेकिन क्या यह दर्द पेट में गैस बनने के कारण होता है? जी हां यह भी संभव है लेकिन इसके अलावा भी इसके दूसरे कारण भी हो सकते हैं। दरअसल इस समय आपके गर्भ में पल रहे शिशु से गर्भ का आकार बड़ा हो रहा होता है। जिसके चलते अगल-बगल के अंग, आंत, मांस-पेशियों, लिगामेंट आदि पर भी भार व तनाव पड़ता है। जिसके कारण पेट में दर्द होता है। चलिये जानें प्रेगनेंसी के दौरान पेट दर्द की क्या संभव वजहें हो सकती हैं।
क्या ऐसे में डॉक्टर से मिलना चाहिए

यदि दर्द हल्का है और कुछ ही समय के लिए रहता है, तो वह गर्भावस्था में सामान्य बात है। यह पेट में गैस के कारण भी हो सकता है। लेकिन अगर दर्द बहुत ज्यादा हो और ठीन न हो रहा हो तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहये। दर्द के साथ यदि बुखार, योनी से खून या मवाद आना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना आदि लगना इत्यादि आदि लक्षण भी नज़र आएं तो यह गैस का दर्द नहीं है।
इम्प्लांटेशन

पहले हफ्ते में नवजात एमब्र्यो (बीज) का युटेरस के दीवार से सट जाने को इम्प्लांटेशन कहा जाता है। यह दरअसल गर्भ के शुरूआत में होता है। लेकिन कभी-कभी इसके साथ वजीना से हल्का खून भी आ सकता है।
कब्ज की वजह से

प्रेगनेंसी के दौरान युटेरस का आंतों पर दवाब पड़ने के कारण कभी-कभी कब्ज की शिकायद होना आम बात है। इससे बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए और आहार में हरी पत्तेदाक सब्जियों की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। Images source : © Getty Images
क्रेम्पिंग या लेबर पेन्स

डिलिवरी का टाइम आने पर पेट में दर्द कुछ अलग तरह से आता है। साधारणतौर पर यह गर्भावस्था का समय पूरा हो जाने पर ही होता है। यह दर्द हर 5 मिनट पर आता है और काफी तेज़ होता है जैसे कि पीठ दर्द या मासिक धर्म में होता है। इसके साथ ही योनी से पानी या खून भी आ सकता है। कई बार यह दर्द गर्भकाल पूरा होने से पहले भी हो सकता है, जिसे प्रीमेच्योर लेबर पेन्स (premature labor pains) कहा जाता है। इऐसे में तुंरत अस्पताल जाना चाहिये।